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कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हालातों के बीच गहलोत सरकार ने अपरिपक्वता का परिचय दिया है: कालीचरण सराफ

निजी अस्पताल को वेंटिलेटर किराए पर देने के मामले में भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बिगड़ते हालातों के बीच राज्य सरकार ने अपरिपक्वता का परिचय दिया है.

Case of giving ventilator to private hospital,  Kalicharan Saraf targeted Gehlot government
भाजपा विधायक कालीचरण सराफ
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Published : May 11, 2021, 7:57 PM IST

जयपुर. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने निजी अस्पताल को वेंटिलेटर किराए पर देने के मामले में सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संकीर्ण सोच, कुप्रबंधन और अपरिपक्वता का खमियाजा संक्रमण के दौर में मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

पढ़ें- निजी अस्पताल को वेंटिलेटर देने का मामला, भाजपा ने पूछा- किस नियम के तहत वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए

सराफ ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौर में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सा संसाधनों की कमी ना रहे, इसके लिए केंद्र सरकार ने दूरदर्शिता दिखाते हुए 10 महीने पहले राज्य सरकार को पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के माध्यम से 60 करोड़ रुपए की लागत के 1500 वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए थे. लेकिन, राज्य सरकार के कुप्रबंधन की बदौलत अधिकांश वेंटिलेटर या तो डब्बों में बंद पड़े हैं या स्टोर व शौचालयों में कबाड़ पड़े हैं.

कालीचरण सराफ ने कहा कि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर भरतपुर में एक निजी अस्पताल को प्रति वेंटिलेटर 2 हजार रुपए के हिसाब से किराए पर दे दिए. वही अस्पताल मौत का सौदागर बन मरीजों से 50 हजार रुपए प्रतिदिन वसूल रहा है. संकटकाल में जनता को लूटने के खेल में शामिल ऐसे मानवता के दुश्मन अस्पताल संचालकों और अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

सराफ ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) से आवंटित वेंटिलेटर्स का उपयोग मरीजों की जान बचाने में किया जा रहा है, लेकिन राजस्थान की निष्ठुर सरकार की इस ओछी मानसिकता की कहीं इन वेंटिलेटर्स के उपयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ना बढ़ जाए इसलिए कुतर्क देते हुए इंस्टाल ही नहीं किया गया.

पढ़ें- वेंटिलेटर निजी अस्पताल को देने का मामला, गहलोत के मंत्री और विधायक हुए आमने-सामने

उन्होंने कहा कि ऐसा ही ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) के मामले में किया था जब 6 महीने पहले केंद्र सरकार ने 4 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड से पैसा दिया, लेकिन अंतर्कलह में फंसी राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया. संक्रमण के भयावह होते हालातों में जीवन रक्षक वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है, अनेक मरीजों की मौत हो रही है लेकिन राज्य सरकार अपनी गलतियों और कुप्रबंधन पर पर्दा डालने में लगी हुई है.

कोरोना के बिगड़ते हालात के लिए सरकार जिम्मेदार

भाजपा विधायक ने कोरोना के बिगड़ते हालातों के लिए राज्य सरकार की अदूरदर्शिता एवं खराब प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हर बात के लिए केंद्र पर आरोप लगाने से पहले राज्य सरकार को यह जवाब देना चाहिए कि पीएम केयर्स फंड से आवंटित 1500 वेंटिलेटर्स में से अधिकांश डब्बों में बंद अथवा कबाड़ में क्यों पड़े हैं. साथ ही सरकार बताए कि किसकी मिलीभगत से वेंटिलेटर निजी अस्पताल में पहुंच गए.

सराफ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के भयावह होते हालातों में जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों की आपात आवश्यकता को देखते हुए अनुभवी स्टाफ की नियुक्ति कर वेंटिलेटर्स को तुरंत उपयोग में लिया जाए ताकि महामारी के संकट में मरीजों को राहत मिल सके.

जयपुर. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने निजी अस्पताल को वेंटिलेटर किराए पर देने के मामले में सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संकीर्ण सोच, कुप्रबंधन और अपरिपक्वता का खमियाजा संक्रमण के दौर में मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

पढ़ें- निजी अस्पताल को वेंटिलेटर देने का मामला, भाजपा ने पूछा- किस नियम के तहत वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए

सराफ ने कहा कि वैश्विक महामारी के दौर में संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सा संसाधनों की कमी ना रहे, इसके लिए केंद्र सरकार ने दूरदर्शिता दिखाते हुए 10 महीने पहले राज्य सरकार को पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) के माध्यम से 60 करोड़ रुपए की लागत के 1500 वेंटिलेटर उपलब्ध करवाए थे. लेकिन, राज्य सरकार के कुप्रबंधन की बदौलत अधिकांश वेंटिलेटर या तो डब्बों में बंद पड़े हैं या स्टोर व शौचालयों में कबाड़ पड़े हैं.

कालीचरण सराफ ने कहा कि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर भरतपुर में एक निजी अस्पताल को प्रति वेंटिलेटर 2 हजार रुपए के हिसाब से किराए पर दे दिए. वही अस्पताल मौत का सौदागर बन मरीजों से 50 हजार रुपए प्रतिदिन वसूल रहा है. संकटकाल में जनता को लूटने के खेल में शामिल ऐसे मानवता के दुश्मन अस्पताल संचालकों और अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

सराफ ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) से आवंटित वेंटिलेटर्स का उपयोग मरीजों की जान बचाने में किया जा रहा है, लेकिन राजस्थान की निष्ठुर सरकार की इस ओछी मानसिकता की कहीं इन वेंटिलेटर्स के उपयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ना बढ़ जाए इसलिए कुतर्क देते हुए इंस्टाल ही नहीं किया गया.

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उन्होंने कहा कि ऐसा ही ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) के मामले में किया था जब 6 महीने पहले केंद्र सरकार ने 4 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड से पैसा दिया, लेकिन अंतर्कलह में फंसी राज्य सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया. संक्रमण के भयावह होते हालातों में जीवन रक्षक वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है, अनेक मरीजों की मौत हो रही है लेकिन राज्य सरकार अपनी गलतियों और कुप्रबंधन पर पर्दा डालने में लगी हुई है.

कोरोना के बिगड़ते हालात के लिए सरकार जिम्मेदार

भाजपा विधायक ने कोरोना के बिगड़ते हालातों के लिए राज्य सरकार की अदूरदर्शिता एवं खराब प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हर बात के लिए केंद्र पर आरोप लगाने से पहले राज्य सरकार को यह जवाब देना चाहिए कि पीएम केयर्स फंड से आवंटित 1500 वेंटिलेटर्स में से अधिकांश डब्बों में बंद अथवा कबाड़ में क्यों पड़े हैं. साथ ही सरकार बताए कि किसकी मिलीभगत से वेंटिलेटर निजी अस्पताल में पहुंच गए.

सराफ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के भयावह होते हालातों में जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों की आपात आवश्यकता को देखते हुए अनुभवी स्टाफ की नियुक्ति कर वेंटिलेटर्स को तुरंत उपयोग में लिया जाए ताकि महामारी के संकट में मरीजों को राहत मिल सके.

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