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कोरोना के बाद ब्लैक फंगस मामले में राज्य सरकार की लापरवाही मरीजों पर भारी पड़ रही हैः कालीचरण सराफ - Rajasthan News

पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों और बढ़ती मौतों के मामले में राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है. सराफ ने कहा कि सरकार के पास ब्लैक फंगस मरीजों के सही आंकड़े तक नहीं हैं, जरूरी दवाओं की कालाबाजारी हो रही है. कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार की लाचारी और लापरवाही से प्रदेश में सैकड़ों मरीजों की जान सांसत में है.

पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ, Rajasthan Politics
पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ
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Published : May 19, 2021, 7:27 PM IST

जयपुर. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों और बढ़ती मौतों के मामले में राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के पास ब्लैक फंगस मरीजों के सही आंकड़े तक नहीं हैं, जरूरी दवाओं की कालाबाजारी हो रही है, जीवन रक्षक इंजेक्शन बाजार से गायब हैं, इससे कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है, लेकिन राज्य सरकार कोई प्रभावी कदम उठाने में नाकाम साबित हो रही है.

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना संकट के बीच आंखों की रोशनी छीनने वाली जानलेवा ब्लैक फंगस यानि म्योकोर माइकोसिस बीमारी विकराल रूप लेती जा रही है. हालात यह हैं कि एसएमएस हॉस्पिटल में शुरू 25 बेड्स की यूनिट 2 दिन में ही भर गई. सबसे ज्यादा मरीज जयपुर जिले से ही आ रहे हैं. इलाज में काम आने वाले जीवन रक्षक लाईपोसोमल एम्पोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है, बाजार से गायब हो चुके हैं. दवा कम्पनियों ने 70 फीसदी तक कीमतें बढ़ा दी हैं, लेकिन राज्य का ड्रग डिपार्टमेंट आंखे बंद करके बैठा है. पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन की और अब एंटी फंगल इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है.

कालीचरण सराफ ने कहा कि सोमवार को राज्य सरकार ने दावा किया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के 100 मामले हैं, जबकि मीडिया की जमीनी रिपोर्टस के मुताबिक प्रदेश में ब्लैक फंगस के 200 से ज्यादा मरीज हैं. अगर सरकार के पास मरीजों का सही आंकड़ा ही नहीं होगा तो उनके इलाज और बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता कैसे तय होगी?

यह भी पढ़ेंः 'मैं पीएम मोदी से अनुरोध करूंगा कि अपनी आंखों का पर्दा हटाकर लाशों के ढेर को देखें और राजधर्म का पालन करें'

सराफ ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की ओर से केंद्र को आरोपित करने वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत केंद्र सरकार को बदनाम करने का अवसर तलाशते हैं. उन्होंने आगे कहा कि डॉक्टर्स ने बहुत पहले ही यह बता दिया था कि कोरोना से ठीक होने के बाद अनेक डायबीटिक मरीजों को ब्लैक फंगस बीमारी हो रही है जिसका समय रहते इलाज किया जाए तो ठीक हो सकता है. इस जानलेवा बीमारी से लोगों को बचाने के लिए उन्हें जागरूक करने के साथ राज्य सरकार को आवश्यक दवाओं के भंडारण की व्यवस्था करनी थी, लेकिन नहीं की.

सराफ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल स्वयं कहा है कि 'महामारी के दौर में कुछ लोग दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी कर रहे हैं, मार्केट से जीवन रक्षक दवाएं गायब हैं और कई अस्पताल कमाई करने में जुटे हैं' उनके इस बयान से प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने कालाबाजारियों के आगे घुटने टेक दिए हैं. कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार की लाचारी और लापरवाही से प्रदेश में सैकड़ों मरीजों की जान सांसत में है.

जयपुर. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों और बढ़ती मौतों के मामले में राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के पास ब्लैक फंगस मरीजों के सही आंकड़े तक नहीं हैं, जरूरी दवाओं की कालाबाजारी हो रही है, जीवन रक्षक इंजेक्शन बाजार से गायब हैं, इससे कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है, लेकिन राज्य सरकार कोई प्रभावी कदम उठाने में नाकाम साबित हो रही है.

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना संकट के बीच आंखों की रोशनी छीनने वाली जानलेवा ब्लैक फंगस यानि म्योकोर माइकोसिस बीमारी विकराल रूप लेती जा रही है. हालात यह हैं कि एसएमएस हॉस्पिटल में शुरू 25 बेड्स की यूनिट 2 दिन में ही भर गई. सबसे ज्यादा मरीज जयपुर जिले से ही आ रहे हैं. इलाज में काम आने वाले जीवन रक्षक लाईपोसोमल एम्पोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है, बाजार से गायब हो चुके हैं. दवा कम्पनियों ने 70 फीसदी तक कीमतें बढ़ा दी हैं, लेकिन राज्य का ड्रग डिपार्टमेंट आंखे बंद करके बैठा है. पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन की और अब एंटी फंगल इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई है.

कालीचरण सराफ ने कहा कि सोमवार को राज्य सरकार ने दावा किया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस के 100 मामले हैं, जबकि मीडिया की जमीनी रिपोर्टस के मुताबिक प्रदेश में ब्लैक फंगस के 200 से ज्यादा मरीज हैं. अगर सरकार के पास मरीजों का सही आंकड़ा ही नहीं होगा तो उनके इलाज और बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता कैसे तय होगी?

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सराफ ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की ओर से केंद्र को आरोपित करने वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए कांग्रेस पार्टी के नेता पूर्व नियोजित षडयंत्र के तहत केंद्र सरकार को बदनाम करने का अवसर तलाशते हैं. उन्होंने आगे कहा कि डॉक्टर्स ने बहुत पहले ही यह बता दिया था कि कोरोना से ठीक होने के बाद अनेक डायबीटिक मरीजों को ब्लैक फंगस बीमारी हो रही है जिसका समय रहते इलाज किया जाए तो ठीक हो सकता है. इस जानलेवा बीमारी से लोगों को बचाने के लिए उन्हें जागरूक करने के साथ राज्य सरकार को आवश्यक दवाओं के भंडारण की व्यवस्था करनी थी, लेकिन नहीं की.

सराफ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल स्वयं कहा है कि 'महामारी के दौर में कुछ लोग दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी कर रहे हैं, मार्केट से जीवन रक्षक दवाएं गायब हैं और कई अस्पताल कमाई करने में जुटे हैं' उनके इस बयान से प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने कालाबाजारियों के आगे घुटने टेक दिए हैं. कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार की लाचारी और लापरवाही से प्रदेश में सैकड़ों मरीजों की जान सांसत में है.

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