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Politics on Pilot : बयानों में पायलट का गुणगान, क्या खुले हैं भाजपा के द्वार...सुनिए पूनिया और राठौड़ ने क्या कहा - भाजपा नेताओं के बयानों में पायलट का गुणगान

राजस्थान में सचिन पायलट को लेकर चर्चा का दौर लगातार जारी है. भाजपा नेताओं के बयानों में पायलट का गुणगान (BJP Leaders Supported Sachin Pilot) झलक रहा है. जहां गहलोत गुट के बयान बिरोध में दिख रहे हैं तो भाजपा नेता उनके समर्थन में दिख रहे हैं. ताजा बयान पूनिया और राठौड़ का सामने आया है.

Sachin Pilot
सचिन पायलट
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Published : Jun 28, 2022, 4:39 PM IST

जयपुर. प्रदेश भाजपा नेता इन दिनों अपने बयानों में पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने के बजाए पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट के संघर्ष की गाथाएं गिना रहे हैं. आलम ये है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शांति धारीवाल तो (BJP Alleged Gehlot Government) पायलट विरोधी बयान दे रहे हैं, लेकिन बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ और गुलाबचंद कटारिया के बयानों में पिछली भाजपा की हार का बड़ा कारण पायलट का संघर्ष और पब्लिक सपोर्ट था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पायलट के लिए भाजपा के द्वार खुले हैं...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ से (Satish Poonia on Sachin Pilot) जब यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे तौर पर तो इसका जवाब नहीं दिया, लेकिन जो जवाब दिया वो इस बात का संकेत है कि भाजपा के द्वार पार्टी विचारधारा अपनाने वाले सभी नेताओं के लिए खुले हैं.

भाजपा नेताओं ने क्या कहा...

कई बड़े नेता भाजपा से जुड़े और हमने स्वागत किया, अब कौन जुड़ेगा यह भविष्य का प्रश्न : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से सचिन पायलट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि प्रश्न किसी पायलट का नहीं है. हमारी पार्टी कैडर बेस पार्टी है और कई बड़े नेता अनेक अवसरों पर आकर भाजपा से जुड़े हैं और हमने उनका स्वागत किया है. अब किसकी चर्चा है और कौन कब आएगा यह तो भविष्य का प्रश्न है. पूनिया ने यह भी कहा कि सचिन पायलट का नाम लेकर कांग्रेस के नेता भाजपा पर सरकार गिराने का षड्यंत्र का आरोप लगाते हैं, लेकिन उनके आरोप सियासी हैं. क्योंकि केवल बयानों के आधार पर किसी को आरोपित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंतर्कलह के कारण आज सरकार की यह स्थिति है और हम चिंतित इसलिए हैं, क्योंकि इसका असर प्रदेश के जनकार्यों पर पड़ रहा है.

पढे़ं : Sachin Pilot On Gehlot : पायलट ने सीएम गहलोत को उन्हीं के अंदाज में दिया जवाब! विधायकों मंत्रियों को गंभीरता से न लेने वाले मंत्र को ही बनाया आधार

भाजपा में आने के सवाल पर बोले राठौड़, कहा- ये पायलट का व्यक्तिगत फैसला : वहीं, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता सचिन पायलट के सपोर्ट में बयान दिया और पायलट का गुणगान करते हुए यह तक कह दिया कि हम सबने देखा कि जब बीजेपी सत्ता में थी तो पायलट ने पीसीसी अध्यक्ष के नाते कई बड़े आंदोलन और संघर्ष किया. जिसके कारण आज कांग्रेस सत्ता में है. हालांकि, जब राजेंद्र राठौड़ से पूछा गया कि बीजेपी नेता सचिन पायलट की जितनी तारीफ कर रहे हैं उसके बाद क्या पायलट के लिए भाजपा के द्वार खुले हुए हैं, तो राठौड़ ने कहा कि द्वार खुले हैं या नहीं, इसका सवाल नहीं. क्योंकि यह तो पायलट का व्यक्तिगत फैसला है. राठौड़ ने कहा कि जब वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे तो अपने संघर्ष और आंदोलन से उन्होंने कांग्रेस की पूरी फसल खड़ी करी, जिसके चलते आज कांग्रेस सत्ता में है. राठौड़ ने कहा कि अब सचिन पायलट ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है और जिस प्रकार टोंक में उन्होंने जोधपुर लोकसभा चुनाव में हार को लेकर बयान दिया, वह इस बात का सबूत है कि अब सचिन पायलट ने भी (Sachin Pilot hits Back Cleverly) ललकारना शुरू कर दिया है.

पिछले चुनाव में भाजपा की हार और पायलट के संघर्ष को ही क्यों गिना रहे भाजपा नेता : सोमवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सचिन पायलट के संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा था कि पायलट के साथ पब्लिक सपोर्ट है और इसी पब्लिक सपोर्ट के कारण पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्वी राजस्थान में केवल एक ही सीट मिल पाई और भाजपा सत्ता में नहीं आ पाई. कटारिया के इस बयान में पिछली भाजपा सरकार की उपलब्धि या बीजेपी की मजबूती से जुड़ा कोई बयान नहीं आया. क्योंकि प्रदेश में इससे पहले बीजेपी की सरकार थी, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं.

वहीं, मंगलवार को राजेंद्र राठौड़ का सचिन पायलट को लेकर जो बयान आया, उसमें भी पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों पर फोकस ना करके सचिन पायलट के पीसीसी अध्यक्ष रहते हुए किए गए संघर्ष और आंदोलन का जिक्र किया गया. जिसके कारण भाजपा सत्ता में नहीं आ पाई. यह स्थिति तब है, जब कटारिया और राठौड़ दोनों ही पिछली वसुंधरा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन अपनी ही सरकार की उपलब्धियों को न गिनाकर विरोधी पार्टी के नेता सचिन पायलट की संघर्ष और बीजेपी को हराने में उनके योगदान को अपने बयानों में गिनाना चर्चा का विषय है.

पढ़ें : Pilot on Gehlot : CM ने नाकारा-निकम्मा कहा, वे बुजुर्ग हैं Otherwise नहीं लेता

पायलट को लेकर यह कहा था गहलोत और धारीवाल ने : 20 जून को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चौमूं में भाजपा के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश में सरकार के उलटफेर की घटना का हवाला देते हुए सचिन पायलट का नाम लेकर कहा कि राजस्थान में थोड़ी खामी और कमी रह गई, वरना आज ERCP प्रोजेक्ट राजस्थान में शुरू हो गया होता. उसके बाद शेखावत के इसी बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि शेखावत का बयान दर्शाता है कि सरकार गिराने के षड्यंत्र में वह सब शामिल थे. इसके बाद हाल ही में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने तो बिल्कुल ही साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री ने शेखावत और पायलट को लेकर जो कहा वह सही कहा, क्योंकि हम सब ने यह देखा है. इन बयानों के बाद ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ के सचिन पायलट के समर्थन में बयान आए, जिसमें सचिन पायलट के जन संघर्ष और जन समर्थन को भाजपा के इन दोनों नेताओं ने गिनाने का काम किया.

जयपुर. प्रदेश भाजपा नेता इन दिनों अपने बयानों में पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने के बजाए पूर्व पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट के संघर्ष की गाथाएं गिना रहे हैं. आलम ये है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शांति धारीवाल तो (BJP Alleged Gehlot Government) पायलट विरोधी बयान दे रहे हैं, लेकिन बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ और गुलाबचंद कटारिया के बयानों में पिछली भाजपा की हार का बड़ा कारण पायलट का संघर्ष और पब्लिक सपोर्ट था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पायलट के लिए भाजपा के द्वार खुले हैं...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ से (Satish Poonia on Sachin Pilot) जब यही सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे तौर पर तो इसका जवाब नहीं दिया, लेकिन जो जवाब दिया वो इस बात का संकेत है कि भाजपा के द्वार पार्टी विचारधारा अपनाने वाले सभी नेताओं के लिए खुले हैं.

भाजपा नेताओं ने क्या कहा...

कई बड़े नेता भाजपा से जुड़े और हमने स्वागत किया, अब कौन जुड़ेगा यह भविष्य का प्रश्न : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से सचिन पायलट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि प्रश्न किसी पायलट का नहीं है. हमारी पार्टी कैडर बेस पार्टी है और कई बड़े नेता अनेक अवसरों पर आकर भाजपा से जुड़े हैं और हमने उनका स्वागत किया है. अब किसकी चर्चा है और कौन कब आएगा यह तो भविष्य का प्रश्न है. पूनिया ने यह भी कहा कि सचिन पायलट का नाम लेकर कांग्रेस के नेता भाजपा पर सरकार गिराने का षड्यंत्र का आरोप लगाते हैं, लेकिन उनके आरोप सियासी हैं. क्योंकि केवल बयानों के आधार पर किसी को आरोपित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंतर्कलह के कारण आज सरकार की यह स्थिति है और हम चिंतित इसलिए हैं, क्योंकि इसका असर प्रदेश के जनकार्यों पर पड़ रहा है.

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भाजपा में आने के सवाल पर बोले राठौड़, कहा- ये पायलट का व्यक्तिगत फैसला : वहीं, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता सचिन पायलट के सपोर्ट में बयान दिया और पायलट का गुणगान करते हुए यह तक कह दिया कि हम सबने देखा कि जब बीजेपी सत्ता में थी तो पायलट ने पीसीसी अध्यक्ष के नाते कई बड़े आंदोलन और संघर्ष किया. जिसके कारण आज कांग्रेस सत्ता में है. हालांकि, जब राजेंद्र राठौड़ से पूछा गया कि बीजेपी नेता सचिन पायलट की जितनी तारीफ कर रहे हैं उसके बाद क्या पायलट के लिए भाजपा के द्वार खुले हुए हैं, तो राठौड़ ने कहा कि द्वार खुले हैं या नहीं, इसका सवाल नहीं. क्योंकि यह तो पायलट का व्यक्तिगत फैसला है. राठौड़ ने कहा कि जब वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे तो अपने संघर्ष और आंदोलन से उन्होंने कांग्रेस की पूरी फसल खड़ी करी, जिसके चलते आज कांग्रेस सत्ता में है. राठौड़ ने कहा कि अब सचिन पायलट ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है और जिस प्रकार टोंक में उन्होंने जोधपुर लोकसभा चुनाव में हार को लेकर बयान दिया, वह इस बात का सबूत है कि अब सचिन पायलट ने भी (Sachin Pilot hits Back Cleverly) ललकारना शुरू कर दिया है.

पिछले चुनाव में भाजपा की हार और पायलट के संघर्ष को ही क्यों गिना रहे भाजपा नेता : सोमवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सचिन पायलट के संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा था कि पायलट के साथ पब्लिक सपोर्ट है और इसी पब्लिक सपोर्ट के कारण पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्वी राजस्थान में केवल एक ही सीट मिल पाई और भाजपा सत्ता में नहीं आ पाई. कटारिया के इस बयान में पिछली भाजपा सरकार की उपलब्धि या बीजेपी की मजबूती से जुड़ा कोई बयान नहीं आया. क्योंकि प्रदेश में इससे पहले बीजेपी की सरकार थी, लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं.

वहीं, मंगलवार को राजेंद्र राठौड़ का सचिन पायलट को लेकर जो बयान आया, उसमें भी पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल की उपलब्धियों पर फोकस ना करके सचिन पायलट के पीसीसी अध्यक्ष रहते हुए किए गए संघर्ष और आंदोलन का जिक्र किया गया. जिसके कारण भाजपा सत्ता में नहीं आ पाई. यह स्थिति तब है, जब कटारिया और राठौड़ दोनों ही पिछली वसुंधरा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, लेकिन अपनी ही सरकार की उपलब्धियों को न गिनाकर विरोधी पार्टी के नेता सचिन पायलट की संघर्ष और बीजेपी को हराने में उनके योगदान को अपने बयानों में गिनाना चर्चा का विषय है.

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पायलट को लेकर यह कहा था गहलोत और धारीवाल ने : 20 जून को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चौमूं में भाजपा के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश में सरकार के उलटफेर की घटना का हवाला देते हुए सचिन पायलट का नाम लेकर कहा कि राजस्थान में थोड़ी खामी और कमी रह गई, वरना आज ERCP प्रोजेक्ट राजस्थान में शुरू हो गया होता. उसके बाद शेखावत के इसी बयान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि शेखावत का बयान दर्शाता है कि सरकार गिराने के षड्यंत्र में वह सब शामिल थे. इसके बाद हाल ही में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने तो बिल्कुल ही साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री ने शेखावत और पायलट को लेकर जो कहा वह सही कहा, क्योंकि हम सब ने यह देखा है. इन बयानों के बाद ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ के सचिन पायलट के समर्थन में बयान आए, जिसमें सचिन पायलट के जन संघर्ष और जन समर्थन को भाजपा के इन दोनों नेताओं ने गिनाने का काम किया.

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