जयपुर. सीकर में कोर्ट परिसर में वकील के आत्मदाह करने के मामले में एक (BJP leader Rajendra Rathod targeted the Gehlot government ) और जहां वकील समुदाय आक्रोशित है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने भी अभी पूरी घटना पर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया है. विधानसभा उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में जंगलराज और भ्रष्टाचार का तांडव इस कदर है कि दूसरे की न्याय की बात करने वाले वकील को भी कोर्ट परिसर में आत्मदाह करना पड़ा.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट करते हुए कहा कि राजस्थान में जंगलराज और भ्रष्टाचार का तांडव इस कदर कहर बरपा रहा है कि खंडेला (सीकर) कोर्ट परिसर में भ्रष्टाचार से परेशान होकर वकील हंसराज मावलिया को मजबूरन आत्मदाह करना पड़ा. जिसके कारण प्रदेशभर के वकीलों में गहरा रोष व्याप्त है. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं और आज खंडेला कस्बा भी पूर्णतया बंद है. उन्होंने कहा कि जो वकील दूसरों को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ता है. वह खुद इस सिस्टम से इतना हताश हो चुका था कि उसे इसी न्याय के मंदिर की चौखट पर आत्मदाह करना पड़ा. राठौड़ ने कहा कि यह प्रदेश की गहलोत सरकार में फैले भ्रष्टाचार का यह जीता जागता उदाहरण है.
पढ़ेंः Sikar Lawyer Died: SDM कोर्ट में खुद को आग लगाने वाले वकील की मौत, सड़क पर उतरे वकील
SDM और SHO की बर्खास्तगी के गिरफ्तारी की मांगः राठौड़ ने कहा कि मृतक के परिजन और वकीलों ने प्रशासन के समक्ष SDM और SHO की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, मृतक के परिवार को 2 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता के साथ 1 सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग रखी. लेकिन सरकार की हठधर्मिता और संवेदनहीनता के कारण मांगों को स्वीकार नहीं किया जाना अत्यन्त शर्मनाक है.
भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंदः राठौड़ ने आरोप लगाया कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल और इंडिया करेप्शन सर्वे के आंकड़े प्रमाणित करते हैं कि राजस्थान में भ्रष्टाचारियों के हौसलें इस कदर बुलंद है कि आमजन को हर सरकारी काम के लिए रिश्वत देनी पड़ती है . अधिवक्ता तो बुद्धिजीवी वर्ग से आते हैं, इसके बावजूद उन्हें भ्रष्ट सिस्टम के कारण अपनी जान गंवानी पड़े, इससे बड़ा दुर्भाग्य हो नहीं सकता.
नागौर में वकीलों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापनः वकील द्वारा आत्मदाह करने के विरोध में नागौर में बार संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में आरोपी एसडीएम व थानाधिकारी को निलंबित करने व गिरफ्तार करने की मांग की है. साथ ही सरकार से अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, राजस्व न्यायालयों में सुनवाई के लिए न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की है.