जयपुर. भाजपा मुख्यालय में बुधवार को मीडिया से रूबरू हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान की पत्नी खुशी खान से लेकर जगन्नाथ पहाड़िया तक को मकान आवंटन से लेकर अन्य सुविधाएं प्रदान करने का काम किया. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने उन सुविधाओं को आगे बढ़ाने का भी काम किया.
राठौड़ के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि उन्होंने भी राजस्थान का नेतृत्व किया है. यही कारण है कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं बढ़ाने का काम किया. हालांकि इस मामले में राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना चाहिए या नहीं, इस सवाल पर राठौड़ ने कहा कि यह फैसला प्रदेश की गहलोत सरकार को करना है.
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कोर्ट ने भी माना प्रदेश में लगा आर्थिक आपातकाल : राठौड़
पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं देने के मामले में भले ही राजेंद्र राठौड़ ने खुलकर कुछ ना कहा हो, लेकिन इस फैसले के दौरान ही हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश की आर्थिक हालत खराब होने से जुड़ी की गई टिप्पणी पर जरूर राठौर ने अपना मुंह खोला है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक आपातकाल अघोषित रूप से लग चुका है और यह बात कोर्ट के निर्णय में भी परिलक्षित हो चुकी है. राठौड़ के अनुसार पीडब्ल्यूडी के 31 मार्च 2018 तक ठेकेदारों के बकाया 12 करोड़ का भुगतान भी अब तक नहीं हुआ, जिससे विकास के काम ठप पड़े हैं.
बहरहाल, हाईकोर्ट के इस फैसले से सीधे तौर पर प्रभावित पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाड़िया होंगे. मतलब भाजपा नेता के साथ ही कांग्रेस नेता भी इस फैसले से प्रभावित होने वाले हैं. ऐसे में देखना लाजमी होगा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद क्या प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है या नहीं.