जयपुर. लोकसभा और राज्यसभा में पास हुए कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को राजस्थान में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में आज हो रहे भारत बंद में कांग्रेस अन्नदाता किसान के साथ खड़ी है.
सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा ने इन तीनों कृषि बिलों के जरिए हरित क्रांति को हराने की घिनौनी साजिश की है ओर ये खेत खलिहान को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र किया है. सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कमेंट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कसम तो किसानों की खाते हैं और मुनाफा चंद पूंजीपतियों को दिलाते हैं.
'देश के प्रधानमंत्री पूरे देश को बरगला रहे हैं'
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने 3 काले कानूनों के माध्यम से किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार, मंडी मजदूर, मंडी के ट्रांसपोर्टर, मुनीम और छोटे-छोटे कर्मचारी की आजीविका पर क्रूर और कुत्सित हमला किया है. किसान और खेत मजदूर के भविष्य को इन तीन कानूनों के माध्यम से बर्बाद करने का प्रयास मोदी सरकार का है.
उन्होंने कहा कि आज देश में 62 करोड़ किसान और खेत मजदूर और 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ भारत बंद के माध्यम से धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से देश के प्रधानमंत्री पूरे देश को बरगला रहे हैं. किसानों की बात सुनना तो दूर संसद में उनके नुमाइंदों की बात को दबाया जा रहा है. सुरजेवाला ने कहा कि संसद में संविधान का और खेत खलिहान में मजदूरों और किसानों की आजीविका का गला घोटा जा रहा है.
उपज खरीद प्रणाली भी पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी
देश में कोरोना, सीमा पर चीन और खेत खलियान पर पीएम नरेंद्र मोदी ने हमला बोल रखा है. सुरजेवाला ने कहा कि देश में हरित क्रांति के तीन आधार हैं- एक तो सरकारी खरीद, दूसरा एमएसपी पर खरीद और तीसरा है गरीब का राशन, जो फसल सरकार खरीदती है. वह गरीब को राशन की दुकानों के जरिए बांटा जाता है. अगर एपीएमसी पूरी तरीके से समाप्त हुई तो उपज खरीद प्रणाली भी पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी. फिर किसान की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कौन खरीदेगा कहां खरीदेगा और कैसे खरीदेगा यह तीन सवाल खड़े हो जाएंगे.
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देश में 15.50 करोड़ किसान हैं, क्या एफसीआई 15.50 करोड़ किसानों को उनके खेत में जाकर एमएसपी देगी जो अभी 42 हजार मंडियों में खरीद नहीं कर पा रही है. इन तीनों कानूनों में एमएसपी शब्द का इस्तेमाल नहीं है. अगर मोदी सरकार के मन में बेईमानी नहीं है तो इन कानूनों में ऐसा क्यों नहीं लिखते हैं कि एमएसपी देना अनिवार्य होगा तो फिर यह किसान इसके बाद अपना आंदोलन वैसे ही वापस ले लेंगे.
सुरजेवाला साथ लेकर आए पत्र
साथ ही रणदीप सिंह सुरजेवाला गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी का वह पत्र भी लेकर आए, जिसमें नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कानून के अंदर एमएसपी की शर्त लिखना अनिवार्य होना चाहिए. आज प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री मोदी की बात क्यों नहीं मान रहे हैं, यह तो मुख्यमंत्री मोदी की लिखित रिपोर्ट है. यह साफ करती है कि एक राजनीतिक बेईमानी का बड़ा सबूत है ओर इससे बड़ा सफेद झूठ कोई नहीं हो सकता.
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं'
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं, बरगला रहे हैं और भटका रहे हैं क्योंकि किसान आज भी फसल पूरे देश में कहीं भी ले जाकर बेच सकता है. अगर देश के 80 फीसदी किसान केवल 2 एकड़ का मालिक है, ऐसे में 2 एकड़ का किसान दूसरे राज्यों में कैसे जाकर फसल बेच सकता है.
'कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है'
सुरजेवाला ने कहा कि अब लड़ाई राजनीतिक नहीं है बल्कि यह लड़ाई मोदी सरकार रूपी कौरवों और किसान रूपी पांडवों के बीच की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है. अब निर्णय देश के हर व्यक्ति को करना पड़ेगा और राजनीतिक दल को करना पड़ेगा कि इस धर्म युद्ध में आप कौरवों के साथ हैं या पांडवों के.