ETV Bharat / city

राजस्थान सरकार ने ग्रेटर नगर निगम समितियां की निरस्त, बावजूद इसके अभी भी अध्यक्ष बने बैठे हैं बीजेपी पार्षद

ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त करने के बावजूद बीजेपी के पार्षद अभी भी समिति चेयरमैन कक्ष में बैठ रहे हैं. बीजेपी पार्षद निगम के संसाधनों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. जिसको लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने सवाल उठाया है.

author img

By

Published : Mar 2, 2021, 2:24 AM IST

greater nagar nigam,  bjp councilor
ग्रेटर नगर निगम की समितियां निरस्त

जयपुर. नगर निगम जयपुर ग्रेटर की संचालन समितियों के चेयरमैनों को राज्य सरकार ने बड़ा झटका दिया है. सरकार ने आदेशों में धारा 56 का हवाला देते हुए कार्यपालक समिति को छोड़ सभी समितियों को निरस्त कर दिया. हालांकि बीजेपी पार्षद अभी भी खुद को समिति चेयरमैन मानते हुए उन्हीं कमरों में भी बैठ रहे हैं. यही नहीं निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस पर अब विपक्षी दल कांग्रेस के पार्षदों ने सवाल उठाया है.

पढ़ें: जयपुर एसीबी की कार्रवाई, आरपीएफ का सब इंस्पेक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार

ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त करने के बावजूद बीजेपी के पार्षद अभी भी समिति चेयरमैन कक्ष में बैठ रहे हैं. जिस पर कांग्रेसी पार्षद करण शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त कर दिया. नैतिकता के आधार पर उन समितियों के चेयरमैन को निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों को छोड़ देना चाहिए. पार्षदों द्वारा अभी भी बतौर चेयरमैन संसाधनों का इस्तेमाल करने से निगम और सरकार पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है. जो कमरे निगम परिसर में इनको दिए गए थे, वो भी उन्हें त्याग देने चाहिए. क्योंकि जब कमेटियां ही भंग हो गई हैं तो किस आधार पर बीजेपी पार्षद अब तक समिति अध्यक्ष के कमरों को इस्तेमाल कर रहे हैं.

समितियां निरस्त होने के बाद भी सुविधाओं का फायदा उठा रहे बीजेपी पार्षद

बता दें कि राज्य सरकार ने 28 जनवरी को निगम की बोर्ड बैठक में जिन 21 संचालन समिति और 7 अतिरिक्त समितियों के गठन का प्रस्ताव राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा था. उनमें से कार्यपालक समिति को छोड़कर शेष सभी सरकार ने नियमों के विपरीत बताते हुए निरस्त कर दी. राज्य सरकार से जारी आदेशों के मुताबिक सरकार ने नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 और 56 के अनुसार समितियों का गठन नहीं होने का हवाला देते हुए इन्हें निरस्त किया. जिसे अब बीजेपी कोर्ट में चैलेंज करने की तैयारी कर रही है.

जयपुर. नगर निगम जयपुर ग्रेटर की संचालन समितियों के चेयरमैनों को राज्य सरकार ने बड़ा झटका दिया है. सरकार ने आदेशों में धारा 56 का हवाला देते हुए कार्यपालक समिति को छोड़ सभी समितियों को निरस्त कर दिया. हालांकि बीजेपी पार्षद अभी भी खुद को समिति चेयरमैन मानते हुए उन्हीं कमरों में भी बैठ रहे हैं. यही नहीं निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. जिस पर अब विपक्षी दल कांग्रेस के पार्षदों ने सवाल उठाया है.

पढ़ें: जयपुर एसीबी की कार्रवाई, आरपीएफ का सब इंस्पेक्टर रिश्वत लेते गिरफ्तार

ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त करने के बावजूद बीजेपी के पार्षद अभी भी समिति चेयरमैन कक्ष में बैठ रहे हैं. जिस पर कांग्रेसी पार्षद करण शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रेटर नगर निगम की समितियों को निरस्त कर दिया. नैतिकता के आधार पर उन समितियों के चेयरमैन को निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों को छोड़ देना चाहिए. पार्षदों द्वारा अभी भी बतौर चेयरमैन संसाधनों का इस्तेमाल करने से निगम और सरकार पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है. जो कमरे निगम परिसर में इनको दिए गए थे, वो भी उन्हें त्याग देने चाहिए. क्योंकि जब कमेटियां ही भंग हो गई हैं तो किस आधार पर बीजेपी पार्षद अब तक समिति अध्यक्ष के कमरों को इस्तेमाल कर रहे हैं.

समितियां निरस्त होने के बाद भी सुविधाओं का फायदा उठा रहे बीजेपी पार्षद

बता दें कि राज्य सरकार ने 28 जनवरी को निगम की बोर्ड बैठक में जिन 21 संचालन समिति और 7 अतिरिक्त समितियों के गठन का प्रस्ताव राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा था. उनमें से कार्यपालक समिति को छोड़कर शेष सभी सरकार ने नियमों के विपरीत बताते हुए निरस्त कर दी. राज्य सरकार से जारी आदेशों के मुताबिक सरकार ने नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 55 और 56 के अनुसार समितियों का गठन नहीं होने का हवाला देते हुए इन्हें निरस्त किया. जिसे अब बीजेपी कोर्ट में चैलेंज करने की तैयारी कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.