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नेहरू की जगह सुभाष चन्द्र बोस या सरदार पटेल प्रधानमंत्री होते तो देश का नक्शा कुछ और ही होता: सतीश पूनिया

भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को भाजपा ने प्रदेशभर में 'समर्पण दिवस' के रूप में मनाया है. इसके तहत भाजपा मुख्यालय में भी पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ, जहां भाजपा नेताओं ने स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया.

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दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई गई
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Published : Feb 11, 2021, 8:22 PM IST

जयपुर. भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को भाजपा ने प्रदेशभर में 'समर्पण दिवस' के रूप में मनाया. इसके तहत भाजपा मुख्यालय में भी पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ, जहां भाजपा नेताओं ने स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. भाजपा मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में डाॅ. पूनियां ने सम्बोधन में कहा कि महापुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय को आज हम श्रद्धा से स्मरण कर रहे हैं. देशभर में पार्टी के कार्यकर्ता 'समर्पण दिवस' के रूप में उनको शिद्दत से याद कर रहे हैं. भारत एक ऐसे विचार की प्रवाह भूमि है, जिसमें अनेक तरह के मुनि, संत, महापुरुष जिन्होंने अलग-अलग तरीके से देश में अलख जगाई है.

डाॅ. पूनियां ने कहा कि बहुत कम उम्र में पं. दीनदयाल उपाध्याय ने गांव, गरीब के विकास एवं मुख्यधारा में लाने के लिए अन्त्योदय के विचार की प्रेरणा दी, वो किसी षडयंत्र का शिकार हुए एवं बहुत अल्प आयु में ये संसार छोड़कर चले गए. देश और दुनिया में कोई भी संगठन विचारों से चलता है. केवल व्यक्ति ही संगठन नहीं होता, एक सामूहिक विचार, लोगों का समूह और उस समूह के साथ चलने वाला उनका एक दर्शन पं. दीनदयाल उपाध्याय ऐसे शख्स थे.

डाॅ. पूनिया ने कहा कि भारत को दुनिया के नक्शे पर आज खूबसूरती से देखा जाता है, लेकिन इतिहास की कुछ विकृतियां हैं, उस पर प्रश्न चिन्ह अवश्य उठते हैं. इस तरीके का नैतिक और सनातन देश जिसके टुकड़े हुए, विखण्डन हुआ तो मन में ये प्रश्न जरूर आता है. तो कई बार नई पीढ़ी के लोग भी ये मन में अपने विचार को प्रकट करते हैं कि यदि नेहरू की जगह सुभाष चन्द्र बोस या सरदार पटेल इस तरह के कोई लोग होते तो शायद देश का नक्शा कुछ और होता, दिशा और दशा कुछ और होती.

यह भी पढ़ें- हथियारों की बल पर दौसा में पेट्रोल पंप लूटने का प्रयास, सेल्समैन के साथ मारपीट

डाॅ. पूनिया ने कहा कि देश में हर हाथ को काम, हर पेट को रोटी, हर खेत को पानी ये जो तमाम नीतियां निकली, उसके प्रेरक थे पण्डित दीनदयाल उपाध्याय. अन्त्योदय जिसको कहा, अन्तिम व्यक्ति का उदय वो शासन की नीतियों से निकला, चाहे भैरोंसिंह शेखावत की काम के बदले अनाज योजना हो, चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की किसान क्रेडिट कार्ड योजना हो या फिर पीएम मोदी की पीएम किसान सम्मान निधि योजना हो, तमाम शासन की ये नीतियां ये उनके अन्त्योदय की प्रेरणा से निकलीं है. राजस्थान विधानसभा में डाॅ. पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित भाजपा विधायकों ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया.

जयपुर. भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को भाजपा ने प्रदेशभर में 'समर्पण दिवस' के रूप में मनाया. इसके तहत भाजपा मुख्यालय में भी पुष्पांजलि कार्यक्रम हुआ, जहां भाजपा नेताओं ने स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. भाजपा मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में डाॅ. पूनियां ने सम्बोधन में कहा कि महापुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय को आज हम श्रद्धा से स्मरण कर रहे हैं. देशभर में पार्टी के कार्यकर्ता 'समर्पण दिवस' के रूप में उनको शिद्दत से याद कर रहे हैं. भारत एक ऐसे विचार की प्रवाह भूमि है, जिसमें अनेक तरह के मुनि, संत, महापुरुष जिन्होंने अलग-अलग तरीके से देश में अलख जगाई है.

डाॅ. पूनियां ने कहा कि बहुत कम उम्र में पं. दीनदयाल उपाध्याय ने गांव, गरीब के विकास एवं मुख्यधारा में लाने के लिए अन्त्योदय के विचार की प्रेरणा दी, वो किसी षडयंत्र का शिकार हुए एवं बहुत अल्प आयु में ये संसार छोड़कर चले गए. देश और दुनिया में कोई भी संगठन विचारों से चलता है. केवल व्यक्ति ही संगठन नहीं होता, एक सामूहिक विचार, लोगों का समूह और उस समूह के साथ चलने वाला उनका एक दर्शन पं. दीनदयाल उपाध्याय ऐसे शख्स थे.

डाॅ. पूनिया ने कहा कि भारत को दुनिया के नक्शे पर आज खूबसूरती से देखा जाता है, लेकिन इतिहास की कुछ विकृतियां हैं, उस पर प्रश्न चिन्ह अवश्य उठते हैं. इस तरीके का नैतिक और सनातन देश जिसके टुकड़े हुए, विखण्डन हुआ तो मन में ये प्रश्न जरूर आता है. तो कई बार नई पीढ़ी के लोग भी ये मन में अपने विचार को प्रकट करते हैं कि यदि नेहरू की जगह सुभाष चन्द्र बोस या सरदार पटेल इस तरह के कोई लोग होते तो शायद देश का नक्शा कुछ और होता, दिशा और दशा कुछ और होती.

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डाॅ. पूनिया ने कहा कि देश में हर हाथ को काम, हर पेट को रोटी, हर खेत को पानी ये जो तमाम नीतियां निकली, उसके प्रेरक थे पण्डित दीनदयाल उपाध्याय. अन्त्योदय जिसको कहा, अन्तिम व्यक्ति का उदय वो शासन की नीतियों से निकला, चाहे भैरोंसिंह शेखावत की काम के बदले अनाज योजना हो, चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की किसान क्रेडिट कार्ड योजना हो या फिर पीएम मोदी की पीएम किसान सम्मान निधि योजना हो, तमाम शासन की ये नीतियां ये उनके अन्त्योदय की प्रेरणा से निकलीं है. राजस्थान विधानसभा में डाॅ. पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित भाजपा विधायकों ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया.

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