जयपुर. रीट परीक्षा अनियमितता की सीबीआई जांच की मांग को लेकर (REET Paper Leak Case) भाजपा का आंदोलन सदन से लेकर सड़क तक पहुंच गया. मंगलवार को भाजपा ने अपनी मांग के समर्थन में विधानसभा का घेराव रखा, जिसमें हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी और बड़े नेता जुटे. हालांकि, भाजपा मुख्यालय से शुरू हुआ भाजपा के पैदल मार्च को पुलिस ने 22 गोदाम सर्किल पर ही रोक लिया. इस दौरान पुलिस से हल्की नोकझोंक भी हुई और पुलिस ने वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
हमारी सरकार आई तब भी कराएंगे सीबीआई की जांच, सात जन्म तक नहीं छोड़ेंगे मुद्दा : प्रदर्शन में शामिल हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने इस दौरान कहा कि सरकार अपने बड़े नेताओं को बचाने के लिए (Satish Poonia Alleged Gehlot Government) इस प्रकरण की जांच सीबीआई को देने से बच रही है. उन्होंने साफ कहा कि जब तक सरकार सीबीआई जांच की मांग नहीं मानेगी, भाजपा का विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा.
पूनिया ने कहा कि इस मुद्दे को हम अगले सात जन्म तक नहीं छोड़ेंगे और हमारी सरकार बनने पर हम इस प्रकरण कि सीबीआई जांच भी करवाएंगे. पूनिया ने दावा किया कि इस आंदोलन में शामिल होने के लिए जयपुर शहर की सड़कों पर (BJP Big Demonstration in Jaipur) करीब एक लाख भाजपा के कार्यकर्ता पहुंचे हैं, जिन्हें अलग-अलग स्थानों पर पुलिस ने रोक दिया. बावजूद इसके हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता इस घेराव में जुटे हैं.
रीट परीक्षा प्रकरण में 500 हजार करोड़ का घोटाला : प्रदर्शन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की अगुवाई में हुआ. जिसमें भाजपा के तमाम विधायक सांसद पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुटे. इस दौरान ईटीवी से खास बातचीत के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने कहा कि रीट परीक्षा अनियमितता प्रकरण में करीब 500 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. अरुण सिंह ने कहा कि गहलोत सरकार के संरक्षण में ही रीट परीक्षा पेपर की चोरी हुई और सरकार ने नीलामी भी करवाई. अरुण सिंह ने सीबीआई जांच को लेकर गहलोत सरकार के लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारा.
यह प्रमुख नेता हुए शामिल : भाजपा के विधानसभा घेराव के इस कार्यक्रम में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता राजेंद्र राठौड़ के साथ ही भाजपा के सभी विधायक, अधिकतर सांसद और समितियों से जुड़े पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए. इस विरोध-प्रदर्शन में भाजपा सांसद किरोडी लाल मीणा भी शामिल हुए, जिन्हें लेकर अब तक कांग्रेस के नेता अलग-थलग होने का आरोप लगाते आए हैं. हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं. बताया जा रहा है कि वह दिल्ली में हैं.
कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने लिया हिरासत में : वहीं, राजस्थान में जयपुर में भाजपा के कई कार्यकर्ता और नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इसके बाद लो फ्लोर बसों में बैठा कर धरना स्थल से किया रवाना किया गया.
हजारों की भीड़ में जयपुर के ये नेता रहे दूर : राजस्थान में सबसे बड़ी लोकतंत्र की पंचायत विधानसभा है, जहां विधायक अपने क्षेत्र और जनता के मुद्दे उठाते हैं. लेकिन रीट परीक्षा अनियमितता से जुड़ा एक मुद्दा भाजपा के सभी विधायकों को मंगलवार को सदन से दूर कर गया. सदन की कार्रवाही और मुख्यमंत्री का रिप्लाई छोड़ भाजपा के सभी विधायक काली पट्टी बांधकर भाजपा के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. हजारों की भीड़ वाले प्रदर्शन में जयपुर से आने वाले कुछ प्रमुख नेता और विधायक नजर नहीं आए.
जब उनसे जनता के प्रति जवाबदेही से जुड़ा सवाल पूछा गया तो क्या बोले, जानिए : भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया कहते हैं कि इस सदन में रीट परीक्षा अनियमितता के मामले में सुनवाई नहीं होती, इसलिए हम सड़कों पर आ गए तो वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि सदन में जो मांग हम लगातार उठा रहे हैं. सरकार उसे नहीं मान रही, इसलिए सदन छोड़कर सड़कों पर उतर आए हैं और मुख्यमंत्री के सदन में आने वाले रिप्लाई का भी बहिष्कार कर दिया है.
पहली बार विधायक बनीं दीप्ति महेश्वरी कहती हैं कि रीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ, जो हजारों-लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ धोखा है. लेकिन सरकार इसमें भी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं. माहेश्वरी के अनुसार इस पूरे प्रकरण में तार सरकार में बैठे बड़े लोगों से जुड़े हैं, इसलिए इस मामले की सीबीआई जांच होगी तभी न्याय मिलेगा. यही कारण है कि हम सड़कों पर हैं. वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री रहे अनिता भदेल से भी जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रिप्लाई देते हैं, लेकिन अपनी कही बात वह पूरी नहीं करते. ऐसे में सदन में उनके रिप्लाई में न रुक कर सड़क पर रीट प्रकरण को उठाने का निर्णय लिया गया है और आगे भी जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, विरोध-प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा.
जयपुर के इन नेताओं के शामिल नहीं होने की रही चर्चा : भाजपा के इस विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए भाजपा के सभी विधायक विधानसभा से तो सदन की कार्रवाही का बहिष्कार करके निकल गए, लेकिन जयपुर शहर से जुड़े ही कुछ प्रमुख नेता-विधायक इस कार्यक्रम में नजर नहीं आए. जयपुर शहर से आने वाले विधायक अशोक लाहोटी, कालीचरण सराफ, सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी व पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे राजपाल सिंह शेखावत और पूर्व संसदीय सचिव कैलाश वर्मा इस कार्यक्रम में नजर नहीं आए, जिनकी चर्चा शहर से जुड़े कार्यकर्ताओं में भी थी.
हालांकि, विधायक लाहोटी खुद का स्वास्थ्य खराब बता रहे हैं. वहीं, सांसद रामचरण बोहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने जानकारी दी कि उनकी तबीयत खराब होने के कारण वे प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके. हालांकि, हजारों की भीड़ वाले इस कार्यक्रम के अंत में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सांकेतिक रूप से हिरासत में लेकर अलग-अलग इलाकों में छोड़ दिया.
सतीश पूनिया के लिए लगे ये नारे, खुद पूनिया ने ही कराया शांत : भाजपा के इस विरोध-प्रदर्शन के दौरान मंच पर जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आए तो नीचे खड़े युवा मोर्चा व अन्य उनके समर्थक कार्यकर्ताओं ने पूनिया के समर्थन में नारेबाजी की. इस दौरान कुछ उत्साहित कार्यकर्ताओं ने अगले मुख्यमंत्री के रूप में भी पूनिया के समर्थन में नारे लगा दिए, लेकिन मंच से ही पूनिया ने नारे लगा रहे इन कार्यकर्ताओं को रोका और फिर अपना संबोधन दिया.
प्रदर्शन के दौरान चोटिल हुए पूनिया, अस्पताल में करवा रहे उपचार : विरोध-प्रदर्शन के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित कुछ भाजपा नेता व कार्यकर्ता चोटिल हो गए. सतीश पूनिया के पांव में कुछ चोटें भी आईं है. जिसके बाद उन्होंने पुलिस को गिरफ्तारी दी और बाद में विद्याधर नगर स्थित एक अस्पताल में पहुंच कर अपना उपचार कराया. बताया जा रहा है कि पूनिया के सीधे पैर में हड्डी से जुड़ी चोट लगी है.