जयपुर. राजस्थान विधानसभा में रीट परीक्षा अनियमितता मामले की सीबीआई जांच और भाजपा के 4 विधायकों के निलंबन के मामले में गतिरोध (Suspended MLAs protest outside the assembly) जारी है. आलम यह रहा कि शून्यकाल में स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की समझाइश भी बेअसर रही. प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने रीट परीक्षा और नियुक्ति प्रक्रिया के साथ ही जांच की प्रक्रिया अलग रखते हुए कार्रवाई करने की मांग (BJP adamant to cancel the suspension of MLAs) की तो मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार इस मामले में जवाब देने को तैयार हैं. लेकिन राठौड़ ने बीजेपी विधायकों के निलंबन रद्द न होने तक भाजपा का विरोध जारी रखने की बात कही.
प्रश्नकाल के बाद भी जब भाजपा विधायकों का सदन में काली पट्टी बांधकर गतिरोध जारी रहा तो स्पीकर सीपी जोशी को बीच में दखल देना पड़ा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को अपनी बात रखने की अनुमति भी दी.
कांग्रेस मंत्रियों ने सदन की गरिमा के खिलाफ किया कामःसदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजन राठौड़ ने कहा कि भाजपा के 4 विधायकों का इस सत्र के लिए निलंबन किया गया. लेकिन यूट्यूब का लिंक उठाकर यदि चेक किया जाएगा तो यह भी साफ हो जाएगा कि कांग्रेस के सदस्य और मंत्रियों ने भी जिस प्रकार के शब्दों का इस्तेमाल किया वो सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं था. दोनों ही नेताओं ने कहा कि आसन को चाहिए कि विजुअल देखकर कांग्रेस के उन मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो. एक तरफा केवल भाजपा विधायकों को ही प्रताड़ित करने का काम न हो.
सरकार से जुड़े बड़े लोगों से एसओजी कैसे कर सकती है बुलाकर पूछताछः सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान में बजरी और शराब माफियाओं की तरह ही पेपर लीक से जुड़े माफिया भी पिछले दिनों पनपने लगे हैं. रीट परीक्षा पेपर लीक मामले में कोचिंग संस्थानों से जुड़ा गिरोह भी शामिल है. कटारिया ने कहा कि भाजपा केवल यही चाहती है कि इस प्रकरण में जो दोषी लोग हैं उन तक पहुंच कर सख्त से सख्त कार्रवाई हो.
जिससे राजस्थान के उन बेरोजगार युवाओं को न्याय मिल सके जिन्होंने इस परीक्षा के लिए दिन रात मेहनत की. लेकिन कुछ लोगों ने पेपर लीक करा कर अन्य लोगों को इसका लाभ पहुंचा दिया. कटारिया ने कहा पूरे राजस्थान में परीक्षा पेपर की निगरानी और सुरक्षा का इंतजाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी पर रखा जाता है. लेकिन रीट परीक्षा मामले में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े लोगों को जिम्मेदारी दी गई. जिनकी नियुक्ति मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों ने की थी. अब एसओजी उन्हें बुलाकर आखिर कैसे पूछताछ करे. इसीलिए हम चाहते हैं कि इस मामले की सीबीआई जांच हो.
दिल्ली के इशारे पर भाजपा कर रही है विरोध
गुलाबचंद कटारिया के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में कहा कि अगर भाजपा के विधायकों को सदन में चर्चा करनी ही थी तो इस विषय पर सरकार भी जवाब देने को तैयार है. लेकिन जिन चार सदस्यों को इस सत्र के लिए निलंबित किया गया था. उन्हें लेकर आए और हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी कर रहे हैं तो चर्चा कैसे होगी?. धारीवाल ने कहा पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कितने पेपर लीक हुए और उन प्रकरणों में भाजपा ने कोई सीबीआई की जांच नही कराई. धारीवाल ने कहा भाजपा के लोग दिल्ली के चेहरे पर सब कुछ कर रहे हैं. हम इस मामले में स्टेटमेंट देने को तैयार हैं. स्पीकर साहब समय दें कर दें. लेकिन जिन चार विधायकों का निलंबन हो गया उन्हें प्रतिपक्ष सदन में लेकर आएगा तो फिर हम प्रस्ताव करना शुरू कर देंगे.
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इस प्रकार की घटनाओं की करते हैं निंदा
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि 'जिन चार लोगों का निलंबन हुआ है उसके बारे में बात करने के लिए कटारिया, राठौर साहब और सरकार की ओर से शांति धारीवाल व मुख्य सचेतक मेरे चेंबर में शून्यकाल के बाद आ जाइए हम लाइव लिंक निकाल कर इस बारे में चर्चा कर लेंगे'. उन्होंने कहा कि मेरा निवेदन है कि हम सब को सदन की गरिमा बनाए रखना चाहिए. खासतौर पर प्रश्नकाल के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान नहीं किया जाना चाहिए. जोशी ने यह भी कहा यदि प्रतिपक्ष को इस मामले में चर्चा करनी है तो वह यह भी कहे कि सरकार इस बारे में जवाब दे, हम जवाब दिलवा देंगे.
निलंबित विधायकों ने जताई नाराजगी, की नारेबाजी
बजट सत्र के लिए निलंबित किए गए भाजपा के चारों विधायकों ने विधानसभा के बाहर आकर नाराजगी जताई और नारेबाजी भी की. विधायको ने कहा चाहे चार विधायकों को निलंबित करें या सभी विधायकों को बाहर निकाल दें. तब भी हमारी सीबीआई जांच की मांग जारी रहेगी. लोगों ने कहा कि अभी भी बड़े-बड़े मगरमच्छ बाहर घूम रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भी इस प्रकरण में शामिल हैं.
चारों निलंबित भाजपा विधायक रामलाल शर्मा, मदन दिलावर, अविनाश गहलोत और चंद्रभान सिंह आक्या विधानसभा के बाहर आए और सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई. थोड़ी देर धरना दिया. निलंबित विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अपनी डफली और अपना ही राग अलाप रही है. असलियत यह है कि 26 लाख परिवार जानते हैं कि रीट परीक्षा में धांधली हुई है. 76 हजार से अधिक लोग 135 से अधिक नंबर लेकर आए हैं. जब तक सरकार सीबीआई जांच की मांग नहीं मानती है तब तक हमारा विरोध इसी तरह से जारी रहेगा.
बीडी कल्ला के बयान पर रामलाल शर्मा ने कहा कि बीडी कल्ला अपनी सरकार बचाने के लिए कुछ भी कह सकते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान की खनिज संपदा को लूटने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है. आने वाले समय में यह सभी लोग सलाखों के पीछे रहेंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग का एक मैसेज भी आया था जिसमें डीटीओ ने कहा था कि हम लोगों ने उगाही बंद कर दी है अब इस मुद्दे को ज्यादा चर्चा में नहीं लाना. इसका मतलब पहले यह लोग उगाही कर रहे थे. कांग्रेस के मंत्रियों के नीचे अधिकारी लूट मचा रहे हैं और सरकार की जमीन को खुर्द बुर्द कर रहे हैं. आने वाले समय में जनता इनको मत के जरिए बता देगी. शर्मा ने कहा कि जब मुखिया जी सरकार में आते हैं तो पीछे 56 विधायक छोड़कर जाते हैं. फिर सत्ता में आते है तो सिर्फ 21 विधायक छोड़कर जाते हैं और अब की बार इनके 11 से अधिक विधायक आने वाले नहीं हैं.
निलंबित विधायक मदन दिलावर ने कहा कि रीट पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच कराना बहुत जरूरी है. यदि स्पीकर चार की जगह सौ फीसदी विधायकों को भी बाहर कर दें तो भी कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है.