जयपुर. रिश्वत में अस्मत मांगने के आरोपी RPS अधिकारी कैलाश बोहरा को बर्खास्त करने से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने के मामले में भाजपा भड़क गई है. भाजपा नेता इस मामले में प्रदेश सरकार और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ जुबानी हमला बोल रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जहां इस मामले को वापस विधानसभा में उठाने की बात कही तो विधायक मदन दिलावर ने कहा कि सरकार इस मामले में भी बिक गई.
मदन दिलावर ने एक बयान जारी कर कहा कि विधानसभा के भीतर सरकार इस मामले में दोषी कैलाश बोहरा की बर्खास्तगी की बात कहती है लेकिन अब सरकार पहले उसे अनिवार्य रिटायरमेंट दे रही है. जिससे उसे वेतन पेंशन आदि का पूरा लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि महिलाओं की इज्जत भी इस सरकार के कार्यकाल में सुरक्षित नहीं है.
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वहीं दिलावर ने कोटा कि सुकेत में एक दलित नाबालिक युवती से हुए गैंगरेप के मामले में भी सरकार पर निशाना साधा. दिलावर ने आरोप लगाया कि इस मामले में करीब 40 लोग शामिल है, जो कि समुदाय विशेष के हैं लेकिन सरकार के दबाव में अब तक उनके ऊपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.
गौरतलब है कि रिश्वत में इज्जत मांगने के मामले में एसीबी के हत्थे चढ़े एसीपी कैलाश चंद बोहरा का मामला विधानसभा में भी उठा था. इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था कि गुजरात को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा लेकिन अब बोहरा को बर्खास्त करने से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है. साथ ही उसके खिलाफ सीसीए 19 के तहत विभागीय कार्रवाई की विचाराधीन रखी गई है. भाजपा नेताओं ने इसी पर सवाल उठाया है.