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मानसागर झील से पक्षियों का आकर्षण हुआ कम, प्रदूषण की वजह से नहीं पहुंच रहे परिंदे - पक्षी गोडावण

राजधानी की मानसागर झील पर हर साल की तरह इस बार भी दो दिवसीय बर्ड फेयर का आयोजन किया जा रहा है. इस बार का बर्ड फेयर राज्य पक्षी गोडावण को समर्पित है, जिसकी संख्या पूरे विश्व में लगभग 150 के आस-पास ही है.

Jaipur news, जयपुर की खबर
मानसागर झील से पक्षियों ने तोड़ा नाता
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Published : Feb 7, 2020, 4:33 PM IST

जयपुर. जिले की मानसागर झील पर हर साल की तरह इस बार भी दो दिवसीय बर्ड फेयर का आयोजन किया जा रहा है. इस बार का बर्ड फेयर राज्य पक्षी गोडावण को समर्पित है. गोडावण की संख्या पूरे विश्व में बहुत कम है. पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो पूरी दुनिया में गोडावण की संख्या 150 से भी कम है, जिससे पक्षी प्रेमी भी चिंतित है.

मानसागर झील से पक्षियों ने तोड़ा नाता

वन विभाग ने पिछले दिनों डेजर्ट नेशनल पार्क में गोडावण का कृत्रिम प्रजनन कराकर 9 बच्चे भी पैदा करवाए. यह सभी पक्षी प्रेमियों के लिए एक बहुत ही खुशी की बात रही. बर्ड एक्सपर्ट के मुताबिक 40 साल से उसके प्रजनन की चुनौती का सामना किया जा रहा था, जिसमें अब कामयाबी मिली है.

पढ़ें- जयपुर : कश्मीरी युवक की मौत, आपसी झगड़े में हुआ था घायल

बता दें कि मानसागर झील जहां पर सर्दियों के मौसम में पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता था और देश-विदेश से कई प्रजातियों के पक्षी यहां प्रवास करते थे, उन्हें देखने के लिए देश-विदेश से पक्षी प्रेमी भी पहुंचते थे. यह काफी रोमांचित करने वाला दृश्य होता था. लेकिन इस बार मानसागर झील में पक्षी बहुत ही कम संख्या में नजर आए जो पक्षी प्रेमियों के लिए भी चिंता का विषय है.

वहीं, अबकी बार मानसागर झील में प्रदूषित पानी और गंदगी की वजह से इस बार पक्षियों ने मुंह मोड़ लिया. मानसागर झील पर हर साल काफी संख्या में पक्षी पहुचते थे, लेकिन अब पक्षियों का आकर्षण मानसागर झील पर कम हो रहा है. सैकड़ों साल पुरानी मानसागर झील में हर साल आने वाले देशी-विदेशी पक्षियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. पक्षियों के कम होने की वजह प्रदूषण और गंदगी को माना जा रहा है.

इसके साथ ही प्रदूषण और गंदगी की वजह से वनस्पति और खाने के भोजन भी शुद्ध नहीं मिल पा रहे. झील का पानी दूषित होने से भी पक्षी यहां पर नहीं रुक रहे. जयपुर शहर की गंदगी नालियों से सीधे मानसागर झील में मिलने से भी यहां का पानी प्रदूषित हो रहा है. जिसकी वजह से देश-विदेश से आने वाली पक्षी इस बार यहां प्रवास करने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. पिछले दिनों मानसागर झील में एक बड़ी मछली त्रासदी हुई थी, जिसमें हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हुई थी. मछलियों के मरने से मानसागर झील में पानी बदबूदार हो गया, जिसकी वजह से पानी भी प्रदूषित हो गया.

पक्षी प्रेमियों का कहना है कि मानसागर झील पर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से एक बड़ी मछली त्रासदी हो चुकी है. इसके बाद भी प्रशासन संभल नहीं रहा, जिससे प्रदूषित पानी और गंदगी की वजह से पक्षियों का यहां आना भी कम हो गया है. अगर प्रशासन मानसागर झील पर ध्यान देता तो शायद पिछले सालों की तरह इस बार भी पक्षियों की चहलकदमी मानसागर झील पर देखने को मिलती.

पढ़ें- रेलवे जीएम ने किया लोहारू-जयपुर ट्रैक का निरीक्षण, नई रेल सेवा की उम्मीद जगी

मानसागर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन नामक पक्षी देखने को मिल रहे हैं. यह बड़े साइज की मछलियों को अपना भोजन बनाते हैं. इसके अलावा भी दूसरी अन्य प्रजातियों के पक्षी भी देखे गए हैं. झील में करीब 16 से 17 माइग्रेटरी प्रजाति के पक्षी भी देखे गए हैं. यह पक्षी रूस, मंगोलिया और चीन की तरफ से सर्दियों के मौसम में मानसागर झील में आते हैं. लेकिन पिछले सालों की बात की जाए तो इस बार मानसागर झील में पक्षियों का जमावड़ा कम ही नजर आया. इस बार झील में ना के बराबर पक्षी देखने को मिले है जो कि पक्षी प्रेमियों के लिए भी चिंता की बात रही.

जयपुर. जिले की मानसागर झील पर हर साल की तरह इस बार भी दो दिवसीय बर्ड फेयर का आयोजन किया जा रहा है. इस बार का बर्ड फेयर राज्य पक्षी गोडावण को समर्पित है. गोडावण की संख्या पूरे विश्व में बहुत कम है. पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो पूरी दुनिया में गोडावण की संख्या 150 से भी कम है, जिससे पक्षी प्रेमी भी चिंतित है.

मानसागर झील से पक्षियों ने तोड़ा नाता

वन विभाग ने पिछले दिनों डेजर्ट नेशनल पार्क में गोडावण का कृत्रिम प्रजनन कराकर 9 बच्चे भी पैदा करवाए. यह सभी पक्षी प्रेमियों के लिए एक बहुत ही खुशी की बात रही. बर्ड एक्सपर्ट के मुताबिक 40 साल से उसके प्रजनन की चुनौती का सामना किया जा रहा था, जिसमें अब कामयाबी मिली है.

पढ़ें- जयपुर : कश्मीरी युवक की मौत, आपसी झगड़े में हुआ था घायल

बता दें कि मानसागर झील जहां पर सर्दियों के मौसम में पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता था और देश-विदेश से कई प्रजातियों के पक्षी यहां प्रवास करते थे, उन्हें देखने के लिए देश-विदेश से पक्षी प्रेमी भी पहुंचते थे. यह काफी रोमांचित करने वाला दृश्य होता था. लेकिन इस बार मानसागर झील में पक्षी बहुत ही कम संख्या में नजर आए जो पक्षी प्रेमियों के लिए भी चिंता का विषय है.

वहीं, अबकी बार मानसागर झील में प्रदूषित पानी और गंदगी की वजह से इस बार पक्षियों ने मुंह मोड़ लिया. मानसागर झील पर हर साल काफी संख्या में पक्षी पहुचते थे, लेकिन अब पक्षियों का आकर्षण मानसागर झील पर कम हो रहा है. सैकड़ों साल पुरानी मानसागर झील में हर साल आने वाले देशी-विदेशी पक्षियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. पक्षियों के कम होने की वजह प्रदूषण और गंदगी को माना जा रहा है.

इसके साथ ही प्रदूषण और गंदगी की वजह से वनस्पति और खाने के भोजन भी शुद्ध नहीं मिल पा रहे. झील का पानी दूषित होने से भी पक्षी यहां पर नहीं रुक रहे. जयपुर शहर की गंदगी नालियों से सीधे मानसागर झील में मिलने से भी यहां का पानी प्रदूषित हो रहा है. जिसकी वजह से देश-विदेश से आने वाली पक्षी इस बार यहां प्रवास करने में कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं. पिछले दिनों मानसागर झील में एक बड़ी मछली त्रासदी हुई थी, जिसमें हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हुई थी. मछलियों के मरने से मानसागर झील में पानी बदबूदार हो गया, जिसकी वजह से पानी भी प्रदूषित हो गया.

पक्षी प्रेमियों का कहना है कि मानसागर झील पर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से एक बड़ी मछली त्रासदी हो चुकी है. इसके बाद भी प्रशासन संभल नहीं रहा, जिससे प्रदूषित पानी और गंदगी की वजह से पक्षियों का यहां आना भी कम हो गया है. अगर प्रशासन मानसागर झील पर ध्यान देता तो शायद पिछले सालों की तरह इस बार भी पक्षियों की चहलकदमी मानसागर झील पर देखने को मिलती.

पढ़ें- रेलवे जीएम ने किया लोहारू-जयपुर ट्रैक का निरीक्षण, नई रेल सेवा की उम्मीद जगी

मानसागर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन नामक पक्षी देखने को मिल रहे हैं. यह बड़े साइज की मछलियों को अपना भोजन बनाते हैं. इसके अलावा भी दूसरी अन्य प्रजातियों के पक्षी भी देखे गए हैं. झील में करीब 16 से 17 माइग्रेटरी प्रजाति के पक्षी भी देखे गए हैं. यह पक्षी रूस, मंगोलिया और चीन की तरफ से सर्दियों के मौसम में मानसागर झील में आते हैं. लेकिन पिछले सालों की बात की जाए तो इस बार मानसागर झील में पक्षियों का जमावड़ा कम ही नजर आया. इस बार झील में ना के बराबर पक्षी देखने को मिले है जो कि पक्षी प्रेमियों के लिए भी चिंता की बात रही.

Intro:जयपुर
एंकर- जयपुर की मानसागर झील जहां पर सर्दियों के मौसम में पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता था और देश-विदेश से कई प्रजातियों के पक्षी यहां प्रवास करते थे। जिन्हें देखने के लिए देश विदेश से पक्षी प्रेमी भी पहुंचते थे। जोकि काफी रोमांचित करने वाला दृश्य होता था। लेकिन इस बार मानसागर झील में पक्षी बहुत ही कम संख्या में नजर आए। जो कि पक्षी प्रेमियों के लिए भी चिंता का विषय है।


Body:मानसागर झील में प्रदूषित पानी और गंदगी की वजह से इस बार पक्षियों ने मुंह मोड़ लिया। मानसागर झील पर हर साल काफी संख्या में पक्षी पहुचते थे। लेकिन अब पक्षियों का आकर्षण मानसागर झील पर कम हो रहा है। सैकड़ों वर्ष पुरानी मानसागर झील में हर साल आने वाले देसी विदेशी पक्षियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। पक्षियों के कम होने की वजह प्रदूषण और गंदगी को मारा जा रहा है। इसके साथ ही प्रदूषण और गंदगी की वजह से वनस्पति और खाने भोजन भी शुद्ध नहीं मिल पा रहा। झील का पानी दूषित होने से भी पक्षी यहां पर नहीं रुक रहे। जयपुर शहर की गंदगी नालियों द्वारा सीधे मानसागर झील में मिलने से भी यहां का पानी प्रदूषित हो रहा है। जिसकी वजह से देश विदेश से आने वाली पक्षी इस बार यहां प्रवास करने में कम ही दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पिछले दिनों मानसागर झील में एक बड़ी मछली त्रासदी हुई थी जिसमें हजारों की संख्या में मछलियों की मौत हुई थी। मछलियों के मरने से मानसागर झील में पानी बदबूदार हो गया जिसकी वजह से झील का पानी भी प्रदूषित हुआ।

पक्षी प्रेमियों का कहना है कि मानसागर झील पर प्रशासन ने भी ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से एक बड़ी मछली त्रासदी हो चुकी है। जिसके बाद भी प्रशासन सार संभाल नहीं कर रहा और प्रदूषित पानी और गंदगी की वजह से पक्षियों के का आना भी कम हो गया। अगर प्रशासन मानसागर झील पर ध्यान देता तो शायद पिछले सालों की तरह इस बार भी पक्षियों की चहलकदमी मानसागर झील पर देखने को मिलती।

मानसागर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन नामक पक्षी देखने को मिल रहे हैं। यह बड़े साइज की मछलियों को अपना भोजन बनाते हैं। इसके अलावा भी दूसरी अन्य प्रजातियों के पक्षी भी देखे गए हैं। झील में करीब 16-17 माइग्रेटरी प्रजाति के पक्षी भी देखे गए हैं। यह पक्षी रूस, मंगोलिया और चीन की तरफ से सर्दियों के मौसम में मानसागर झील में आते हैं। लेकिन पिछले सालों की बात की जाए तो इस बार मानसागर झील में पक्षियों का जमावड़ा कम ही नजर आया। इस बार झील में ना के बराबर पक्षी देखने को मिले हैं। जो कि पक्षी प्रेमियों के लिए भी चिंता की बात रही।





Conclusion:मानसागर झील पर हर साल की तरह इस बार भी दो दिवसीय बर्ड फेयर का आयोजन किया जा रहा है। इस बार बर्ड फेयर राज्य पक्षी गोडावण को समर्पित है। गोडावण की संख्या पूरे विश्व में बहुत कम है। पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो पूरी दुनिया में गोडावण की संख्या 150 से भी कम है। जिससे पक्षी प्रेमी भी चिंतित है। वन विभाग ने पिछले दिनों डेजर्ट नेशनल पार्क में गोडावण का कृत्रिम प्रजनन कराकर 9 बच्चे भी पैदा करवाये। यह सभी पक्षी प्रेमियों के लिए एक बहुत ही खुशी की बात रही। बर्ड एक्सपर्ट के मुताबिक 40 साल से उसके परिजन की चुनौती का सामना किया जा रहा था। जिसमें अब कामयाबी मिली है।

बाईट- मोहनलाल सैनी, पक्षी प्रेमी
बाईट- सतनारायण, पक्षी प्रेमी
बाईट- श्यामसुंदर सोनी, स्थानीय निवासी
बाईट- हर्षवर्धन, पक्षी विशेषज्ञ
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