जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश में ऑनलाइन गैंबलिंग को नियंत्रित और वैध करने के जुड़ा ड्राफ्ट बिल तैयार कर लिया (Bill on controlling online gambling and betting) है. इसे कानूनी रूप देने के लिए जल्दी ही विधानसभा में पेश कर पारित कराया जाएगा. राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने यह जानकारी ऑनलाइन गैंबलिंग व बैटिंग को लेकर दायर जनहित याचिका में पेश की. जिसे रिकॉर्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया.
जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश रिसॉर्स इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन राइट्स की जनहित याचिका पर दिए. जनहित याचिका में अधिवक्ता करण टिबरेवाल ने अदालत को बताया कि ऑनलाइन गैंबलिंग व बैटिंग को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र व राज्य का कोई कानून नहीं है. ऐसे में ये बिना कोई कानून के ही चल रहे हैं. इस संबंध में कानून बनाए जाने के लिए प्रार्थी ने केंद्र व राज्य सरकार को कई प्रतिवेदन दिए हैं, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हुई.
इसलिए केन्द्र व राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह ऑनलाइन गैंबलिंग व बैटिंग को नियंत्रित और बैन करे या फिर इसे वैधानिक बनाने के लिए कानून बनाए. जिस पर अदालत ने केंद्र व राज्य सरकार को मामले में उनका पक्ष रखने के लिए कहा. पीआईएल के जवाब में महाधिवक्ता ने कहा कि गैंबलिंग को रेगुलराइज और नियंत्रित करने के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और जल्द ही इसे पारित करने के लिए पेश किया जाएगा.