जयपुर. राजस्थान में इस माह में आसमान से बरसने वाली गर्मी के बीच राजनीतिक दलों की चहलकदमी से सियासी तापमान भी ऊपर रहने वाला है. विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के शीर्ष नेताओं ने राजस्थान को अभी से ही राजनीति का अखाड़ा बनाने का फैसला कर लिया है. यही कारण है कि कांग्रेस नेता यहां चिंतन और बीजेपी के बड़े नेता यहां मंथन करेंगे. इस बीच आम आदमी पार्टी और आरएलपी ने भी अपने सियासी कार्यक्रमों का रोडमैप तैयार कर लिया है.
कांग्रेस के चिंतन के जवाब में भाजपा का रहेगा मंथन : इस महीने कांग्रेस उदयपुर में 13 से 15 मई के बीच तीन दिवसीय चिंतन शिविर करने जा रही (Congress Chintan Shivir in Udaipur from 13th May) है. इसमें देशभर के कांग्रेस के दिग्गज नेता जुटेंगे. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी इस चिंतन शिविर में मौजूद रहेंगी. शिविर में 400 से ज्यादा बड़े नेता हिस्सा लेंगे. इनमें कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री के साथ ही सांसद, राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष तक शामिल है. अब तक के अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस इस चिंतन शिविर के दौरान पार्टी के आगामी भविष्य को संवारने पर चिंतन करेगी.
वहीं, बीजेपी 19 व 20 मई को जयपुर में अपने राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बनाएगी. भाजपा के इस महामंथन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उनकी टीम के साथ कई प्रदेशों के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री सहित आला नेता शामिल होंगे. बीजेपी के मंथन में आगामी दिनों में होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव और साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर प्रारंभिक रोडमैप तैयार किया जाएगा. नड्डा 10 और 11 मई को श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले के दौरे पर रहेंगे और यहां बूथ जीतो, चुनाव जीतो का मंत्र कार्यकर्ताओं को देंगे. मतलब इस माह दो बार भाजपा आलाकमान राजस्थान के दौरे पर रहने वाले हैं.
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'आप' 200 विधानसभा सीटों पर करेगी 800 सभा और बैठकें : बीजेपी और कांग्रेस ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी भी इस महीने राजस्थान में सियासी धमाल मचाने को तैयार है. आप राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों पर 800 बैठकें और सभाओं का आयोजन (800 meetings planned by AAP in Rajasthan) करेगी. यह कार्यक्रम 10 से 25 मई के बीच में होगा. माना जा रहा है कि इसमें पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. संभवत संजय सिंह या अरविंद केजरीवाल की दृष्टि से भी पार्टी राजस्थान में एक बड़ी रैली और सभा का आयोजन का मानस बना रही है.
राजस्थान ही क्यों सियासी दलों की पहली पसंद: बड़ा सवाल यही है कि इस महीने कांग्रेस और बीजेपी के साथ आम आदमी पार्टी जैसे दलों के आला नेता राजस्थान में ही चिंतन और मनन क्यों कर रहे हैं. कांग्रेस की दृष्टि से देखा जाए तो पार्टी वर्तमान में अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रही है. क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, लिहाजा पार्टी आलाकमान से लेकर सभी बड़े नेता यहां जुटकर पार्टी की मजबूती के लिए मंथन करेंगे. यहां मंथन करने का एक मकसद यह भी है कि राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं और उससे पहले पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी और खेमेबाजी को दूर करना है. यह तभी संभव है जब पार्टी आलाकमान खुद यहां आएं.
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भाजपा आलाकमान लगातार राजस्थान की तरफ अपना रुख कर रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं. वहीं इससे पहले गुजरात में भी विधानसभा चुनाव हैं. राजस्थान, गुजरात का सीमावर्ती प्रदेश है. ऐसे में राजस्थान से दिया गया मैसेज ना केवल गुजरात बल्कि आसपास के अन्य राज्यों तक आसानी से जाएगा. वहीं, राजस्थान भाजपा के भीतर नेताओं में चल रही अगले मुख्यमंत्री के चेहरे की दौड़ भी भाजपा के लिए एक बड़ा परेशानी का कारण है. ऐसे में जब पार्टी आलाकमान लगातार राजस्थान की तरफ अपना रुख करेगा तो चेहरे की लड़ाई भी स्वत ही खत्म हो जाएगी. इसी मकसद से पार्टी राजस्थान पर पूरा फोकस किए हुए है.
बेनीवाल ने शुरू की चहल कदमी जिलों के कर रहे दौरे : राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने मई माह में अपनी पार्टी की चहलकदमी बढ़ा दी है. रोज हनुमान बेनीवाल अलग-अलग जिलों में दौरे पर जा रहे हैं और इसके जरिए अपने राजनीतिक दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को संगठनात्मक रूप से मजबूती देने के काम में जुटे हैं.