जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में अब शेरनी 'सुजैन' की दहाड़ नहीं सुनाई देगी. गुरुवार रात नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शेरनी 'सुजैन' की मौत हो गई. वह पिछले काफी दिनों से बीमार चल रही थी. बीमार होने के बाद शेरनी ने खाना- पीना भी छोड़ दिया था. वहीं बताया जा रहा है कि शेरनी 'सुजैन' के शरीर के कई हिस्सों में लकवे का भी असर था.
हालांकि, अभी तक शेरनी 'सुजैन' की मौत के कारणों की स्पष्ट पुष्टि नहीं हो पाई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की सही पुष्टि हो पाएगी. शुक्रवार सुबह मेडिकल बोर्ड का गठन कर शेरनी 'सुजैन' का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. शेरनी 'सुजैन' की मौत होने से वन विभाग में शोक की लहर है.
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इससे पहले भी नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शेरनी 'तेजिका' की मौत हो चुकी है. जिसके बाद गुजरात से 'सुजैन' को लाया गया था. 12 जुलाई 2019 को सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन के बाद एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत शेरनी 'सुजैन' को गुजरात के शकरबाग चिड़ियाघर से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था.
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शेरनी के बदले एक्सचेंज में वन विभाग ने दो भेड़िए, दो जंगली बिल्ली और एक लकड़बग्घा भेजा था. इससे पहले भी वर्ष 2016 में शेर-शेरनी का जोड़ा गुजरात से ही लाया गया था. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मौजूद शेर 'सिद्धार्थ' और शेरनी 'तेजिका' के बाद एक नए मेहमान की दहाड़ सुनने को मिली थी. शेरनी 'तेजिका' ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 3 शावकों को जन्म दिया था.
शावकों के जन्म के कुछ माह बाद ही शेरनी 'तेजिका' की मौत हो गई थी. 'तेजिका' की मौत के बाद शेर 'सिद्धार्थ' अकेला पड़ गया था. लेकिन शेरनी 'सुजैन' के आने से 'सिद्धार्थ' को भी एक नया साथी मिल गया था. अब शेरनी 'तेजिका' के तीनों शावक 'तेजस', 'त्रिपुर', 'तारा' लॉयन सफारी की शान बने हुए हैं.