जयपुर. कहते हैं, बुरे काम का परिणाम हमेशा बुरा होता है. कुछ ऐसा ही मामला जयपुर से सामने आया है, जहां अदालत ने चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले अभियुक्त को फांसी की सजा दी है. अदालत ने कहा कि अभियुक्त को (Jaipur Pocso Court Verdict in Rape Case) सभ्य समाज में जीवित रहने का कोई हक नहीं है. उसने अपनी काम वासना मिटाने के लिए न सिर्फ मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म जैसा घृणित कार्य किया, बल्कि बाद में उसकी हत्या भी कर दी. आदालत ने कहा कि अभियुक्त के कृत्य से पीड़ित परिवार जीवन भर इस सदमे से बाहर नहीं निकल पाएगा.
गौरतलब है कि अदालत ने गत पांच फरवरी को अभियुक्त को अपहरण, दुष्कर्म और हत्या सहित (Jaipur Rape and Murder of Four Year Girl) अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था. मामले के विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने बताया कि कोर्ट ने इस केस को गंभीर मानते हुए (Big Decision of Jaipur Pocso Court) दैनिक सुनवाई की है. वहीं, अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 41 गवाहों के बयान दर्ज कराए और केस से जुड़े 139 दस्तावेज पेश किए गए. अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण का दुर्लभतम बताते हुए कोर्ट से अभियुक्त को फांसी की सजा देने का आग्रह किया गया था.
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मामले के अनुसार परिवादी ने गत 12 अगस्त की सुबह रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी चार साल की बेटी बीती रात पड़ोस में गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. वहीं, थोडी देर बाद पुलिस को सूचना मिली की एक बच्ची की लाश (Crime in Jaipur) तलाई में तैर रही है. इस पर पुलिस ने बच्ची के शव की शिनाख्त कराई तो वह लापता हुई बच्ची का ही निकला. शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया कि हत्या पूर्व उसके साथ दुष्कर्म व अप्राकृतिक कृत्य भी किया गया था. इस पर पुलिस ने अलग-अलग टीम बनाकर अनुसंधान किया और 13 अगस्त को अभियुक्त को गिरफ्तार कर 25 अगस्त को उसके खिलाफ अदालत ने आरोप पत्र पेश कर दिया.