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राजस्थान परिवहन विभाग के सामने राजस्व को लेकर बड़ी चुनौती - राजस्थान परिवहन विभाग

परिवहन विभाग में पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस साल अधिक राजस्व हासिल करने का टारगेट दिया गया था. वहीं इस बार कोरोना महामारी और बसों की टैक्स माफी के कारण अब परिवहन विभाग के सामने राजस्व अर्जित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है.

Transport Department's Revenue, Rajasthan Transport Department
परिवहन विभाग के सामने राजस्व को लेकर बड़ी चुनौती
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Published : Aug 26, 2020, 11:04 PM IST

जयपुर. प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग मुख्य विभाग है. राज्य सरकार की ओर से परिवहन विभाग को राजस्व देने के लिए भी 5वें नंबर का दर्जा दिया गया है. ऐसे में इस बार परिवहन विभाग को 6 हजार करोड़ का राजस्व भी हासिल करना है. विभाग के लिए राजस्व हासिल करने का टारगेट एक बड़ी चुनौती है.

परिवहन विभाग के सामने राजस्व को लेकर बड़ी चुनौती

पिछले वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को 5600 करोड़ का टारगेट दिया था, लेकिन परिवहन विभाग 5000 करोड़ के आसपास ही राजस्व लक्ष्य हासिल कर पाया था. ऐसे में इस टारगेट को 6000 करोड़ कर दिया है. हालांकि विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हुई है. अप्रैल, मई और जून तो कोरोना की वजह से विभाग के पीछे रह गए. वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग की ओर से प्राइवेट बस ऑपरेटर्स से जहां एक बड़ा रेवेन्यू आता था, वह भी विभाग ने उनको छूट देकर खत्म कर दिया. ऐसे में विभाग के सामने रेवेन्यू को अर्जित करने बड़ी चुनौती बन गया है.

पढ़ें- राजस्थान रोडवेज में 6 साल से नहीं हुई भर्ती, वर्तमान में 5,740 पद हैं खाली

परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि ये 6 हजार करोड़ रुपये का टारगेट फरवरी माह में ही फिक्स हो चुका था. क्योंकि पिछली बार हमारा टारगेट 5600 करोड़ रुपये था. ऐसे में हर साल विभाग के टारगेट को बढ़ाया जाता है और इस बार भी टारगेट को बढ़ाकर 6000 करोड़ कर दिया गया. इस बार कोविड-19 से बड़ा नुकसान भी हुआ है. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि कोरोना वायरस से मार्च, अप्रैल, मई और जून में राजस्व को काफी नुकसान भी हुआ है.

वहीं बसों का टैक्स भी परिवहन विभाग की ओर से माफ किया गया है. गुड्स ट्रांसपोर्ट भी काफी कम हुआ है और राजस्व पर भी काफी असर पड़ा है. परिवहन आयुक्त ने कहा कि हमने प्रदेश के सभी आरटीओ और डीडी अधिकारियों से बातचीत की है. इसके साथ ही परिवहन विभाग के सभी फ्लाइंग को राजस्व अर्जन करने के लिए भी लगा दिया है और उनको दिशा निर्देश भी दे दिए हैं कि वह किसी भी प्रकार से अपने लक्ष्य को पूरा करें.

फाइनेंस मीटिंग में रखा जाएगा प्वॉइंट ऑफ व्यू

जब परिवहन आयुक्त रवि जैन से पूछा गया कि क्या विभाग को दिए गए राजस्व में से अप्रैल, मई, जून और बसों के माफ किए गए टैक्स को राजस्व में से माफ किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि सितंबर में राजस्व को लेकर होने वाली मीटिंग में इस मुद्दे को भी उठाया जाएगा. वहीं उम्मीद भी है कि राजस्व विभाग की ओर से इस बात को गंभीरता से लेकर विभाग के राजस्व में से माफ किए गए टैक्स को भी माफ किया जाएगा.

अप्रैल, मई और जून में हुआ विभाग को करोड़ों का नुकसान

बता दें कि अप्रैल, मई और जून में लॉकडाउन की वजह से परिवहन विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. ऐसे में इन 3 महीने के अंतर्गत ही विभाग को करीब 1000 करोड़ पर के राजस्व का नुकसान हुआ है, क्योंकि दिए गए टारगेट के आंकड़ों को देखा जाए तो हर महीने करीब 400 करोड़ रुपये का टारगेट विभाग को दिया गया है. ऐसे में अप्रैल, मई और जून में परिवहन विभाग राजस्व हासिल नहीं कर सका. वहीं दूसरी ओर बसों का टैक्स माफ करने से भी विभाग को करीब 150 से 170 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि भी हुई है.

जयपुर. प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग मुख्य विभाग है. राज्य सरकार की ओर से परिवहन विभाग को राजस्व देने के लिए भी 5वें नंबर का दर्जा दिया गया है. ऐसे में इस बार परिवहन विभाग को 6 हजार करोड़ का राजस्व भी हासिल करना है. विभाग के लिए राजस्व हासिल करने का टारगेट एक बड़ी चुनौती है.

परिवहन विभाग के सामने राजस्व को लेकर बड़ी चुनौती

पिछले वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को 5600 करोड़ का टारगेट दिया था, लेकिन परिवहन विभाग 5000 करोड़ के आसपास ही राजस्व लक्ष्य हासिल कर पाया था. ऐसे में इस टारगेट को 6000 करोड़ कर दिया है. हालांकि विभाग के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हुई है. अप्रैल, मई और जून तो कोरोना की वजह से विभाग के पीछे रह गए. वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग की ओर से प्राइवेट बस ऑपरेटर्स से जहां एक बड़ा रेवेन्यू आता था, वह भी विभाग ने उनको छूट देकर खत्म कर दिया. ऐसे में विभाग के सामने रेवेन्यू को अर्जित करने बड़ी चुनौती बन गया है.

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परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि ये 6 हजार करोड़ रुपये का टारगेट फरवरी माह में ही फिक्स हो चुका था. क्योंकि पिछली बार हमारा टारगेट 5600 करोड़ रुपये था. ऐसे में हर साल विभाग के टारगेट को बढ़ाया जाता है और इस बार भी टारगेट को बढ़ाकर 6000 करोड़ कर दिया गया. इस बार कोविड-19 से बड़ा नुकसान भी हुआ है. परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि कोरोना वायरस से मार्च, अप्रैल, मई और जून में राजस्व को काफी नुकसान भी हुआ है.

वहीं बसों का टैक्स भी परिवहन विभाग की ओर से माफ किया गया है. गुड्स ट्रांसपोर्ट भी काफी कम हुआ है और राजस्व पर भी काफी असर पड़ा है. परिवहन आयुक्त ने कहा कि हमने प्रदेश के सभी आरटीओ और डीडी अधिकारियों से बातचीत की है. इसके साथ ही परिवहन विभाग के सभी फ्लाइंग को राजस्व अर्जन करने के लिए भी लगा दिया है और उनको दिशा निर्देश भी दे दिए हैं कि वह किसी भी प्रकार से अपने लक्ष्य को पूरा करें.

फाइनेंस मीटिंग में रखा जाएगा प्वॉइंट ऑफ व्यू

जब परिवहन आयुक्त रवि जैन से पूछा गया कि क्या विभाग को दिए गए राजस्व में से अप्रैल, मई, जून और बसों के माफ किए गए टैक्स को राजस्व में से माफ किया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि सितंबर में राजस्व को लेकर होने वाली मीटिंग में इस मुद्दे को भी उठाया जाएगा. वहीं उम्मीद भी है कि राजस्व विभाग की ओर से इस बात को गंभीरता से लेकर विभाग के राजस्व में से माफ किए गए टैक्स को भी माफ किया जाएगा.

अप्रैल, मई और जून में हुआ विभाग को करोड़ों का नुकसान

बता दें कि अप्रैल, मई और जून में लॉकडाउन की वजह से परिवहन विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. ऐसे में इन 3 महीने के अंतर्गत ही विभाग को करीब 1000 करोड़ पर के राजस्व का नुकसान हुआ है, क्योंकि दिए गए टारगेट के आंकड़ों को देखा जाए तो हर महीने करीब 400 करोड़ रुपये का टारगेट विभाग को दिया गया है. ऐसे में अप्रैल, मई और जून में परिवहन विभाग राजस्व हासिल नहीं कर सका. वहीं दूसरी ओर बसों का टैक्स माफ करने से भी विभाग को करीब 150 से 170 करोड़ रुपये के राजस्व की हानि भी हुई है.

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