जयपुर. मानसरोवर के मध्यम मार्ग स्थित वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केंद्र का भूमि पूजन व शिलान्यास कार्यक्रम शनिवार को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार संपन्न हुआ. इस अवसर पर जयपुर में करीब 251 घरों में गायत्री यज्ञ हुआ. प्रदेश ही नहीं अमेरिका सहित कई देशों के परिजन भी जूम एप पर इस कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े.
वहीं कार्यक्रम स्थल पर पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ. शांतिकुंज हरिद्वार में गायत्री परिवार प्रमुख शैलबाला पंड्या और डॉ. प्रणव पंड्या द्वारा पूजित ईंटों को वेदमन्त्रों के साथ नींव में रखा गया. गायत्री परिवार, जयपुर के समन्वयक ओम प्रकाश अग्रवाल, गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी सहित दीपक नन्दी, सतीश भाटी, डॉ. प्रशांत भारद्वाज ने शिलाओं का गंगाजल, पंचगव्य, पंचामृत से अभिषेक और पूजन किया. निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाले औजारों का पूजन कर भूमि पूजन की क्रिया संपन्न की.
इस दौरान गायत्री महामंत्र गुंजायमान होता रहा. कार्यक्रम में सीमित संख्या में उपस्थित गायत्री परिजनों ने भी एक-एक ईंट रखी. अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या, शैलबाला पंड्या, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने शांतिकुंज हरिद्वार से शिलान्यास पट्टिका का अनावरण किया. इस अवसर पर डॉ. प्रणव पंड्या ने विश्वास जताया कि मानसरोवर में बनने वाला केंद्र विश्व स्तरीय होगा जहां गायत्री परिवार की समस्त गतिविधियां संचालित होंगी. देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा आज पूरे विश्व की परिस्थितियां विकट और प्रतिकूल हैं.
मानसरोवर में बनने वाला वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केंद्र लोगों की सही अर्थों में पीड़ाओं को शांत करेगा. यह एक ऐसा केंद्र बनेगा जहां लोगों को नशा छोड़ने की प्रेरणा दी जाएगी, गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी. सभी लोगों को श्रेष्ठ साहित्य पढ़ने को मिलेगा. गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने वेदमाता गायत्री ट्रस्ट को जो 3000 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किया है, उस पर तीन मंजिला विशाल भवन बनेगा.