जयपुर. राजधानी में एक निजी यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने जिला कलेक्टर को एक पत्र सौंपा है. जिसमें कॉलेज प्रशासन इंटर्नशिप नाम पर धमकाने का आरोप लगाया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन पर यह आरोप ज्योति विद्यापीठ महिला विवि की बीएचएमएस अंतिम वर्ष की उत्तीर्ण छात्राओं ने लगाया है. छात्राओं ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर जगरूप यादव को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है. छात्राओं का आरोप है इंटर्नशिप के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. कलेक्टर को छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में अस्पताल होने के बावजूद भी सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक उन्हें इंटर्नशिप करवाने के नाम पर गांवो में घर-घर भेजा जा रहा है. उनसे इंटर्नशिप के नाम पर कॉलेज का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है. छात्राओं ने कहा है कि शिकायत करने पर उल्टे कॉलेज प्रशासन द्वारा उन्हें इंटर्नशिप रद्द करने की धमकी दी जाती है.
छात्राओं का कहना है कि उन्हें ऐसे इलाकों में भेजा जा रहा है जहां सुविधाएं नहीं होती हैं. कई छत्राओं ने उन इलाकों में अपने साथ छेड़छाड़ होने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं सामने के बावजूद कॉलेज प्रशासन का रवैया अड़ियल बना हुआ है. छात्राओं को कॉलेज से भी निकाल दिया गया है. उन्हें गांव में इंटर्नशिप के लिए बिना किसी सुरक्षा और बिना किसी गार्ड के भेजा जाता है. ट्रांसपोर्ट के नाम पर प्रत्येक छात्रा से 10 हजार रुपये भी लिए. इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन उनसे रुपए की मांग करता है. गावों में जाने के लिए कॉलेज की तरफ से कोई वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया जाता. रात 8:00 बजे इंटर्नशिप से छोड़ा जाता है. छात्राओं ने कहा कि हम भय के माहौल में रह रहे हैं और मानसिक रूप से भयभीत हैं.
बता दें कि इस कॉलेज की कई छात्राएं राजस्थान के बाहर की भी रहने वाली है. उनके अभिभावक भी ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. उन्होंने कॉलेज प्रशासन द्वारा एनओसी दिलाने की मांग की है. जिससे वे अपने बच्चों को घर ले जा सके. ज्योति विद्यापीठ की छात्रा प्रगति सोनी ने कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों पर अभद्र भाषा में बात करने का आरोप लगाया है. वहीं प्रीति सोनी ने बताया कि काम के दौरान उनसे छेड़छाड़ होने की बात कही है. उनका कहना है कि मामले की शिकायत जब प्रिंसिपल को छेड़छाड़ की बात बताई तो उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत जब प्रिंसिपल की गई तो उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया.
वहीं अभिभावक राजवीर चौधरी का कहना है कि बच्चियों को कॉलेज प्रशासन पीएचसी भेजता है. जहां कोई सुविधा नहीं है. बच्चों को सुलभ शौचालय के लिए भी पड़ोसियों के घर जाना पड़ता है. उनका आरोप है कि कई छात्राओं के साथ छेड़छाड़ हो चुकी है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. अभिभावक पवन सोनी ने बताया कि छात्राओं को 12 घंटे तक इंटर्नशिप कराई जाती है. एक रूम में 15 से 20 छात्रों को बैठाया जाता है. जहां बेसिक सुविधा भी नहीं है. उन्हें कॉलेज का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा जाता है. अभिभावकों ने बताया कि 2 महीने पहले कॉलेज की एक छात्रा तनाव में आकर आत्महत्या कर चुकी है.