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जयपुर: BHMS छात्राओं ने लगाया कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ित करने का आरोप

जयपुर में एक निजी विश्वविद्यालय की छात्राओं ने शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित होने का आरोप लगाया है. उन्होंने जिला कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन उन्हें निष्कासित कर दिया है.

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Published : Jul 20, 2019, 12:11 AM IST

पीड़ित छात्राएं

जयपुर. राजधानी में एक निजी यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने जिला कलेक्टर को एक पत्र सौंपा है. जिसमें कॉलेज प्रशासन इंटर्नशिप नाम पर धमकाने का आरोप लगाया है.

BHMS छात्राओं का कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ित करने का आरोप

विश्वविद्यालय प्रशासन पर यह आरोप ज्योति विद्यापीठ महिला विवि की बीएचएमएस अंतिम वर्ष की उत्तीर्ण छात्राओं ने लगाया है. छात्राओं ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर जगरूप यादव को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है. छात्राओं का आरोप है इंटर्नशिप के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. कलेक्टर को छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में अस्पताल होने के बावजूद भी सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक उन्हें इंटर्नशिप करवाने के नाम पर गांवो में घर-घर भेजा जा रहा है. उनसे इंटर्नशिप के नाम पर कॉलेज का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है. छात्राओं ने कहा है कि शिकायत करने पर उल्टे कॉलेज प्रशासन द्वारा उन्हें इंटर्नशिप रद्द करने की धमकी दी जाती है.

छात्राओं का कहना है कि उन्हें ऐसे इलाकों में भेजा जा रहा है जहां सुविधाएं नहीं होती हैं. कई छत्राओं ने उन इलाकों में अपने साथ छेड़छाड़ होने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं सामने के बावजूद कॉलेज प्रशासन का रवैया अड़ियल बना हुआ है. छात्राओं को कॉलेज से भी निकाल दिया गया है. उन्हें गांव में इंटर्नशिप के लिए बिना किसी सुरक्षा और बिना किसी गार्ड के भेजा जाता है. ट्रांसपोर्ट के नाम पर प्रत्येक छात्रा से 10 हजार रुपये भी लिए. इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन उनसे रुपए की मांग करता है. गावों में जाने के लिए कॉलेज की तरफ से कोई वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया जाता. रात 8:00 बजे इंटर्नशिप से छोड़ा जाता है. छात्राओं ने कहा कि हम भय के माहौल में रह रहे हैं और मानसिक रूप से भयभीत हैं.

बता दें कि इस कॉलेज की कई छात्राएं राजस्थान के बाहर की भी रहने वाली है. उनके अभिभावक भी ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. उन्होंने कॉलेज प्रशासन द्वारा एनओसी दिलाने की मांग की है. जिससे वे अपने बच्चों को घर ले जा सके. ज्योति विद्यापीठ की छात्रा प्रगति सोनी ने कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों पर अभद्र भाषा में बात करने का आरोप लगाया है. वहीं प्रीति सोनी ने बताया कि काम के दौरान उनसे छेड़छाड़ होने की बात कही है. उनका कहना है कि मामले की शिकायत जब प्रिंसिपल को छेड़छाड़ की बात बताई तो उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत जब प्रिंसिपल की गई तो उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

वहीं अभिभावक राजवीर चौधरी का कहना है कि बच्चियों को कॉलेज प्रशासन पीएचसी भेजता है. जहां कोई सुविधा नहीं है. बच्चों को सुलभ शौचालय के लिए भी पड़ोसियों के घर जाना पड़ता है. उनका आरोप है कि कई छात्राओं के साथ छेड़छाड़ हो चुकी है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. अभिभावक पवन सोनी ने बताया कि छात्राओं को 12 घंटे तक इंटर्नशिप कराई जाती है. एक रूम में 15 से 20 छात्रों को बैठाया जाता है. जहां बेसिक सुविधा भी नहीं है. उन्हें कॉलेज का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा जाता है. अभिभावकों ने बताया कि 2 महीने पहले कॉलेज की एक छात्रा तनाव में आकर आत्महत्या कर चुकी है.

जयपुर. राजधानी में एक निजी यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने जिला कलेक्टर को एक पत्र सौंपा है. जिसमें कॉलेज प्रशासन इंटर्नशिप नाम पर धमकाने का आरोप लगाया है.

BHMS छात्राओं का कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ित करने का आरोप

विश्वविद्यालय प्रशासन पर यह आरोप ज्योति विद्यापीठ महिला विवि की बीएचएमएस अंतिम वर्ष की उत्तीर्ण छात्राओं ने लगाया है. छात्राओं ने शुक्रवार को जिला कलेक्टर जगरूप यादव को एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया है. छात्राओं का आरोप है इंटर्नशिप के नाम पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. कलेक्टर को छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में अस्पताल होने के बावजूद भी सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक उन्हें इंटर्नशिप करवाने के नाम पर गांवो में घर-घर भेजा जा रहा है. उनसे इंटर्नशिप के नाम पर कॉलेज का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है. छात्राओं ने कहा है कि शिकायत करने पर उल्टे कॉलेज प्रशासन द्वारा उन्हें इंटर्नशिप रद्द करने की धमकी दी जाती है.

छात्राओं का कहना है कि उन्हें ऐसे इलाकों में भेजा जा रहा है जहां सुविधाएं नहीं होती हैं. कई छत्राओं ने उन इलाकों में अपने साथ छेड़छाड़ होने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं सामने के बावजूद कॉलेज प्रशासन का रवैया अड़ियल बना हुआ है. छात्राओं को कॉलेज से भी निकाल दिया गया है. उन्हें गांव में इंटर्नशिप के लिए बिना किसी सुरक्षा और बिना किसी गार्ड के भेजा जाता है. ट्रांसपोर्ट के नाम पर प्रत्येक छात्रा से 10 हजार रुपये भी लिए. इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन उनसे रुपए की मांग करता है. गावों में जाने के लिए कॉलेज की तरफ से कोई वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया जाता. रात 8:00 बजे इंटर्नशिप से छोड़ा जाता है. छात्राओं ने कहा कि हम भय के माहौल में रह रहे हैं और मानसिक रूप से भयभीत हैं.

बता दें कि इस कॉलेज की कई छात्राएं राजस्थान के बाहर की भी रहने वाली है. उनके अभिभावक भी ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. उन्होंने कॉलेज प्रशासन द्वारा एनओसी दिलाने की मांग की है. जिससे वे अपने बच्चों को घर ले जा सके. ज्योति विद्यापीठ की छात्रा प्रगति सोनी ने कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों पर अभद्र भाषा में बात करने का आरोप लगाया है. वहीं प्रीति सोनी ने बताया कि काम के दौरान उनसे छेड़छाड़ होने की बात कही है. उनका कहना है कि मामले की शिकायत जब प्रिंसिपल को छेड़छाड़ की बात बताई तो उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत जब प्रिंसिपल की गई तो उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

वहीं अभिभावक राजवीर चौधरी का कहना है कि बच्चियों को कॉलेज प्रशासन पीएचसी भेजता है. जहां कोई सुविधा नहीं है. बच्चों को सुलभ शौचालय के लिए भी पड़ोसियों के घर जाना पड़ता है. उनका आरोप है कि कई छात्राओं के साथ छेड़छाड़ हो चुकी है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. अभिभावक पवन सोनी ने बताया कि छात्राओं को 12 घंटे तक इंटर्नशिप कराई जाती है. एक रूम में 15 से 20 छात्रों को बैठाया जाता है. जहां बेसिक सुविधा भी नहीं है. उन्हें कॉलेज का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा जाता है. अभिभावकों ने बताया कि 2 महीने पहले कॉलेज की एक छात्रा तनाव में आकर आत्महत्या कर चुकी है.

Intro:जयपुर। ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय की बीएचएमएस अंतिम वर्ष उत्तीर्ण छात्राओं ने शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर शुक्रवार को जयपुर जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव को ज्ञापन दिया। छात्राओं ने जिला कलेक्टर जयपुर को शिकायत की कि इंटर्नशिप के नाम पर कॉलेज प्रशासन द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हें ऐसे इलाकों में भेजा जा रहा है जहां सुविधाएं नहीं होती है। कई छत्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि उन इलाकों में उनके साथ छेड़छाड़ भी हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी कॉलेज प्रशासन का रवैया अड़ियल बना हुआ है।कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को कॉलेज से भी निकाल दिया है


Body:कलेक्टर को ज्ञापन देने आई छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में अस्पताल होने के बावजूद भी सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक उन्हें इंटर्नशिप करवाने के नाम पर गांवो में घर-घर भेजा जा रहा है। उनसे इंटर्नशिप के नाम पर कॉलेज का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ कई बार छेड़छाड़ जैसी घटनाएं भी हो चुकी है। इसके बावजूद भी कॉलेज प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके विपरीत कॉलेज प्रशासन द्वारा उन्हें धमकाया जा रहा है। इंटर्नशिप रद्द करने की धमकियां देते हैं। इसके चलते हमारा भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है।
छात्राओं ने बताया कि उन्हें गांव में इंटर्नशिप के लिए बिना किसी सुरक्षा और बिना किसी गार्ड के भेजा जाता है। ट्रांसपोर्ट के नाम पर प्रत्येक छात्रा से 10 हजार रुपये भी लिए। इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन उनसे रुपए की मांग करता है। गावों में जाने के लिए कॉलेज की तरफ से कोई वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया जाता। रात 8:00 बजे इंटर्नशिप से छोड़ा जाता है।


Conclusion:छात्राओं ने कहा हमने पंकज गर्ग, महावीर प्रसाद शर्मा और विदुशी मैडम को कई बार शिकायत भी की लेकिन इसके बावजूद भी उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। 9 जुलाई को छात्राओं को कॉलेज से भी निकाल दिया। छात्राओं ने कहा कि हम भय के माहौल में रह रहे हैं और मानसिक रूप से भयभीत हैं।
इस कॉलेज की कई छात्राएं राजस्थान के बाहर की भी रहने वाली है उनके अभिभावक भी ज्ञापन देने के लिए उनके साथ आए थे। उन्होंने मांग की कि उन्हें कॉलेज प्रशासन द्वारा एनओसी दिला दी जाए ताकि वह अपने बच्चों को घर ले जा सके।
ज्योति विद्यापीठ की छात्रा प्रगति सोनी ने बताया कि कॉलेज प्रशासन हमे इंटर्नशिप के नाम से डराते धमकाते हैं। प्रगति सोनी ने कहा कि जब कॉलेज प्रशासन को कहा गया कि इंटर्नशिप का टाइम कम कर दे तो उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट तक चले जाना लेकिन टाइम चेंज नहीं करेंगे। उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर
गंदी गालियां देने का भी आरोप लगाया। प्रीति सोनी ने कहा कि हम एक घर में कई बार जाना पड़ता है जिसके कारण भी हम से लड़ाई झगड़ा भी करते हैं पेन कॉपी भी छीन लेते हैं हमें काम के लिए टारगेट दिया जाता है। हमारे साथ छेड़छाड़ भी होती है।
प्रिंसिपल को छेड़छाड़ की बात बताई तो उन्होंने कहा कि छेड़छाड़ तो सबके साथ होती है, हम बताएंगे छेड़छाड़ क्या होती है।
अभिभावक राजवीर चौधरी ने बताया कि बच्चियों को कॉलेज प्रशासन पीएचसी भेजता है जहां कोई सुविधा नहीं है बच्चों को सुलभ शौचालय के लिए भी पड़ोसियों के घर जाना पड़ता है। कई छात्राओं के साथ छेड़छाड़ हो चुकी है लेकिन कॉलेज प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है जब सरकारी नियमानुसार इंटर्नशिप कराने को कहा गया तो जाए तो कॉलेज प्रशासन ने कहा कि यहां हमारे ही नियम चलेंगे ज्यादा करोगे तो हम आपको देख लेंगे।
अभिभावक पवन सोनी ने बताया कि छात्राओं को 12 घंटे तक इंटर्नशिप कराई जाती है और एक रूम में 15 से 20 छात्रों को बैठाया जाता है और वहां बेसिक सुविधा भी नहीं है उन्हें कॉलेज का प्रचार-प्रसार करने के लिए कहा जाता है। कॉलेज का मालिक पंकज गर्ग इंटर्नशिप को आगे बढ़ाने की धमकी भी देता है।
ज्ञापन देने आई छात्राओं में प्रिया यादव, मधु डोडवाडिया, विनीता चौधरी, सुनीता पुनिया, पूजा चौधरी, सिमरन, दर्शना, मोनिका चौधरी, विराज, वैशाली, कीर्तिका, अंशिता, प्रगति सोनी, स्नेहलता और वर्षा सोनी शामिल थी। अभिभावकों में पवन सोनी, भीवाराम, मदनलाल, राजवीर चौधरी,यशपाल सिंह, जयदीप सिंह चौहान आदि थे।
अभिभावकों ने बताया कि 2 महीने पहले भी इसी कॉलेज की एक छात्रा तनाव में आकर आत्महत्या कर चुकी है। अब हमें एनओसी मिल ही चाहिए। कलेक्टर ने इस मामले की कार्रवाई के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ को कहा है उन्होंने कहा है कि यदि संस्थान की गलती होगी तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

बाईट अभिभावक व पीड़ित छात्राएं
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