जयपुर. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने शुक्रवार को अपने संगठन में कई फेरबदल किए हैं. इन फेरबदल में राजस्थान में अगर किसी नेता का कद सबसे ज्यादा बढ़ा है तो वह हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री और अलवर के पूर्व सांसद भंवर जितेंद्र सिंह.
बता दें कि भंवर जितेंद्र को असम का प्रभारी महासचिव बनाया गया है. वहीं, भंवर जितेंद्र को कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य भी बनाया गया है. भंवर जितेंद्र के साथ ही उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर मीणा को भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य यथावत रखा गया है. ऐसे में अब एआईसीसी में राजस्थान के महासचिव के तौर पर एकमात्र नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र का होगा.
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इसी तरह से लंबे समय से राजस्थान के सह प्रभारी रहे विवेक बंसल का भी प्रमोशन कर उन्हें हरियाणा का प्रभारी बना दिया गया है. अब राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन के साथ राजस्थान में केवल तरुण कुमार ही एकमात्र सह प्रभारी रह गए हैं.
जितेंद्र सिंह गांधी परिवार व कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के करीबी रहे हैं. इससे पहले भी जितेंद्र सिंह पर कई बड़ी जिम्मेदारियां थी. मनमोहन सिंह सरकार में युवा एवं खेल मंत्री और रक्षा राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं. देश के चुनाव में कई राज्यों की जिम्मेदारियां जितेंद्र सिंह निभा चुके हैं.
जितेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि पार्टी में उन पर विश्वास दिखाया है ऐसे में उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है. जिसका निर्वहन पूरी ईमानदारी से करेंगे. जितेंद्र सिंह के महासचिव बनने की जानकारी मिलते ही उनको बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो गया. जितेंद्र सिंह अभी अलवर आए हुए हैं.
ऐसे में शनिवार को जितेंद्र सिंह के फूलबाग आवास पर उनका स्वागत भी कार्यकर्ताओं की तरफ से किया जाएगा. ऐसे में केंद्र की राजनीति में अलवर का कद बढ़ा है. इससे अलवर के कांग्रेसी कार्यकर्ता खासे खुश हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार की भी कई बड़ी योजनाएं अलवर को मिल सकती है. इसका बड़ा फायदा अलवर के लोगों को मिलेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए गुलाम नबी आजाद समेत 4 वरिष्ठ नेताओं को महासचिव की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का भी पुनर्गठन किया. नई सीडब्ल्यूसी में 22 सदस्य बनाए गए हैं. इनमें 26 इनवाइटी सदस्य और 10 स्पेशल इनवाइटी सदस्य बनाए गए.
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को महासचिव पद से मुक्त किया गया है.