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निर्माणाधीन मकान में तीन घंटे चला भालू का रेस्क्यू ऑपरेशन, ट्रैंकुलाइज करने में हुई परेशानी...नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर से भाग निकला था - Rajasthan hindi news

जयपुर नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर से तीन पिंजरे तोड़कर फरार हुए भालू को रेस्क्यू टीम ने एक जयसिंहपुरा खोर के ज्योतिबा फुले नगर में एक निर्माणाधीन मकान से काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू (bear rescue operation in Jaipur) किया. भालू को ट्रैंकुलाइज करने में वन विभाग की टीम को तीन घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी. बाद में ट्रैंकुलाइज करने के बाद भालू को रेस्क्यू कर टीम (forest dapartment team rescue the bear) उसे नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है.

bear rescue operation in Jaipur
भालू रेस्क्यू ऑपरेशन
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Published : Apr 17, 2022, 8:08 PM IST

Updated : Apr 17, 2022, 9:33 PM IST

जयपुर. कैदी के जेल तोड़कर फरार होने की खबरें तो आप ने खूब सुनी होंगी लेकिन भालू के पिंजरा तोड़कर भागने की खबर पहली बार सुनने को मिली है. जयपुर के नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर से शनिवार रात को एक भालू तीन-तीन पिंजरों को तोड़कर फरार हो गया. सुबह वन विभाग कर्मचारियों ने देखा तो हड़कंप मच गया. इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई. हालांकि बाद में भालू को एक निर्माणाधीन मकान से ट्रैंकुलाइज कर रेस्क्यू (bear rescue operation in Jaipur) कर लिया गया.

इससे पूर्व भालू के गायब होने से वन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. अल सुबह वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भालू की तलाश में जुट गए. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के आसपास आबादी क्षेत्र की तरफ जाते हुए भालू के पग मार्क देखे गए. टीमों ने भालू को तलाशना शुरू किया. काफी देर तक भालू को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के आसपास आमेर इलाके में तलाशा गया, लेकिन सुराग नहीं लगा.

रेस्क्यू टीम का ऑपरेशन

उधर, भालू 11 किलोमीटर दूर जाकर जयसिंहपुरा खोर के ज्योतिबा फुले नगर में एक निर्माणाधीन मकान के अंदर जाकर बैठ गया. लोगों को निर्माणाधीन मकान में भालू दिखा तो सूचना वन विभाग को दी. आबादी इलाके में भालू के आने से इलाके में दहशत का माहौल बन गया. डीएफओ अजीत चित्तौड़ा, एसीएफ जगदीश गुप्ता, वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर, डॉक्टर अशोक तंवर, रेंजर जनेश्वर चौधरी, फॉरेस्टर जोगेंद्र सिंह शेखावत समेत वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची (forest dapartment team rescue the bear) और भालू को रेस्क्यू किया.

पढ़ें. भालू ने बाघ को दूर तक खदेड़ा, देखिए VIDEO

इतिहास में पहली बार जयपुर के आबादी क्षेत्र में लोगों ने देखा भालू
इतिहास में पहली बार जयपुर की आबादी क्षेत्र में लोगों ने खुले में भालू घूमता हुआ देखा. बताया जा रहा है कि इतिहास में कभी भी जयपुर में भालू नहीं देखे गए, हालांकि पिंजरों और चिड़ियाघरों में भालू देखे जाते हैं. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम तुरंत ज्योतिबा फुले नगर पहुंची जहां पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी. जानकारी मिलते ही जयसिंहपुरा खोर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची. पुलिस और वन विभाग की टीम ने लोगों की भीड़ को दूर हटाया, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो.

bear rescue operation in Jaipur
रेस्क्यू टीम पहुंची

काफी चुनौतीपूर्ण रहा भालू का रेस्क्यू
बालू निर्माणाधीन मकान के अंदर छुप कर बैठा हुआ था. मकान में बिल्कुल अंधेरा था. ऐसे में उसको रेस्क्यू करना एक बड़ी चुनौती रहा. वन विभाग की टीम ने भालू को रेस्क्यू करने का प्रयास शुरू किया. सबसे पहले मकान के सारे एग्जिट बंद कर दिए गए ताकि भालू कहीं भाग न सके. इसके बाद वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर और डॉक्टर अशोक तंवर ने भालू को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास शुरू किया. भालू कमरे के अंदर अंधेरे में छुपकर बैठा था. विभाग की टीम ने हलचल करके भालू को मूवमेंट करने पर मजबूर किया. काफी देर तक भालू मकान के अंदर इधर से उधर दौड़ता रहा. करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद भालू को ट्रैंकुलाइज किया गया. ट्रैंकुलाइज होने के बाद वन विभाग और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.

पढ़ें. रिसॉर्ट में घुसकर भालू करता रहा चहलकदमी, डर से नहीं निकला कोई कर्मचारी, देखें वीडियो

टाइगर के पिंजरे में किया शिफ्ट
भालू को ट्रेंकुलाइज करने के बाद रेस्क्यू कर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचाया गया. वन विभाग ने भालू की ताकत का अंदाजा लगाते हुए उसे टाइगर के एंक्लोजर में शिफ्ट किया. टाइगर का पिंजरा काफी मजबूत होता है, इसलिए भालू को उसमें शिफ्ट कर दिया गया है ताकि फिर से वह भाग नहीं सके. भालू की अब 24 घंटे मॉनिटरिंग भी की जा रहा है. अफसर और कर्मचारी लगातार नजर बनाए हुए हैं.

bear rescue operation in Jaipur
रेस्क्यू किया गया भालू

सवाई माधोपुर से रेस्क्यू करके लाए थे भालू-
भालू घायल अवस्था में है जिसका इलाज करने के लिए सवाई माधोपुर से रेस्क्यू करके शनिवार को वह विभाग की टीम उसे जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के रेस्क्यू सेंटर लेकर आई थी. यहां भालू को तीन पिंजरोें में बंद करके रखा गया था. भालू का इलाज किया जा रहा था लेकिन आधी रात के बाद भालू एक के बाद एक तीनों पिंजरे तोड़कर फरार हो गया. सुबह 5:30 बजे बंद विभाग के कर्मचारी की नजर पिंजरे पर पड़ी तो भालू गायब था.

पढ़ें. Bear in Sawai Madhopur Residential Area: चिकित्सकों के आवासीय परिसर में आया भालू, Video में दिखी चहलकदमी

पशु चिकित्सकों ने शुरू किया इलाज
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भालू का इलाज शुरू कर दिया गया है. वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर भालू का इलाज कर रहे हैं. भालू के शरीर पर 5-6 जगह घाव बताए जा रहे हैं. घाव पर दवा लगाकर मेडिसिन दी जा रही है. वन विभाग के अधिकारी भालू की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया है, ताकि भालू की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा सके. बताया जा रहा है कि यह नर भालू है जिसकी उम्र करीब 3 से 4 साल बताई जा रही है.

bear rescue operation in Jaipur
तीन घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

'कुत्ते ने बताया भालू का पता'
स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार सुबह करीब 7:00 बजे कुत्ते के भौंकने की आवाज आ रही थी. काफी देर से कुत्ते एक निर्माणाधीन मकान के पास जाकर भौंकते रहे तो लोगों को शक हुआ. लोगों ने मकान के अंदर घुसकर देखा तो अंदर कमरे में एक भालू नजर आया. इससे लोगों में डर का माहौल बन गया. लोगों ने स्थानीय पार्षद नंदकिशोर सैनी को मामले की जानकारी दी. पार्षद ने तुरंत सूचना वन विभाग को दी.

भालू ने किसी प्रकार का नहीं पहुंचाया नुकसान
जानकारों की मानें तो जयपुर की आबादी क्षेत्र में भालू को पहली बार देखा गया है. अधिकतर भालू सवाई माधोपुर और माउंट आबू छेत्र में देखे जाते हैं लेकिन नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर से भालू निकलकर आबादी क्षेत्र में आना लोगों के लिए एक चर्चा का विषय बना रहा. भालू सड़क मार्ग से होते हुए 11 किलोमीटर दूर जयसिंह पुरा खोर के ज्योतिबा फुले नगर में पहुंचा था. गनीमत रही कि भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया.

पढ़ें. जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्र में घुसा भालू, मचा हड़कंप...देखें वीडियो

भालू को आबादी क्षेत्र के आसपास रहने की आदत
डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि भालू के कई जगह पर घाव हो रहे थे जिस वजह से सवाई माधोपुर से रेस्क्यू करके उसे जयपुर नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर लाया गया था. सवाई माधोपुर में भी भालू की आदत रही है कि वह ज्यादातर आबादी क्षेत्र के आसपास रहता था. सवाई माधोपुर के जंगल से निकलकर भालू अक्सर आबादी क्षेत्र में आ जाया करता था. इलाज के लिए शनिवार रात को भालू को नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर में लाया गया था. 10:00 बजे भालू को रेस्क्यू सेंटर में शिफ्ट करके खाना खिलाया गया था. उसे तीन पिंजरे के अंदर रखा गया था, लेकिन फिर भी भालू करीब रात 2:00 बजे बाद तीनों पिंजरे तोड़कर फरार हो गया.

bear rescue operation in Jaipur
छतों पर चढ़े रहे लोग

वन विभाग की टीम सुबह से ही भालू की तलाश कर रही थी. रोड तक भालू के पग मार्क देखे गए, लेकिन फिर गायब हो गए. सूचना मिली कि भालू जयसिंहपुरा खोर के ज्योतिबा फुले नगर के निर्माणाधीन मकान में जाकर छुप गया है. इस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और भालू को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज करके रेस्क्यू किया गया. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर की निगरानी में भालू का ट्रीटमेंट किया जा रहा है.

काफी पुराना है नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर
नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर करीब 20-25 साल पुराना बताया जा रहा है. रेस्क्यू सेंटर में पिंजरे और जालियां भी पुरानी होने की वजह कमजोर हो चुकी हैं. करीब 25 साल पहले की जालियां लगी हुई हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि पिंजरा और जालियां कमजोर होने की वजह से ही भालू उसे तोड़कर भाग निकला था. हालांकि भालू यदि किसी आमजन पर हमला कर देता और कोई बड़ी वारदात हो जाती तो स्थिति गंभीर हो जाती.

जयपुर. कैदी के जेल तोड़कर फरार होने की खबरें तो आप ने खूब सुनी होंगी लेकिन भालू के पिंजरा तोड़कर भागने की खबर पहली बार सुनने को मिली है. जयपुर के नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर से शनिवार रात को एक भालू तीन-तीन पिंजरों को तोड़कर फरार हो गया. सुबह वन विभाग कर्मचारियों ने देखा तो हड़कंप मच गया. इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई. हालांकि बाद में भालू को एक निर्माणाधीन मकान से ट्रैंकुलाइज कर रेस्क्यू (bear rescue operation in Jaipur) कर लिया गया.

इससे पूर्व भालू के गायब होने से वन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. अल सुबह वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भालू की तलाश में जुट गए. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के आसपास आबादी क्षेत्र की तरफ जाते हुए भालू के पग मार्क देखे गए. टीमों ने भालू को तलाशना शुरू किया. काफी देर तक भालू को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के आसपास आमेर इलाके में तलाशा गया, लेकिन सुराग नहीं लगा.

रेस्क्यू टीम का ऑपरेशन

उधर, भालू 11 किलोमीटर दूर जाकर जयसिंहपुरा खोर के ज्योतिबा फुले नगर में एक निर्माणाधीन मकान के अंदर जाकर बैठ गया. लोगों को निर्माणाधीन मकान में भालू दिखा तो सूचना वन विभाग को दी. आबादी इलाके में भालू के आने से इलाके में दहशत का माहौल बन गया. डीएफओ अजीत चित्तौड़ा, एसीएफ जगदीश गुप्ता, वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर, डॉक्टर अशोक तंवर, रेंजर जनेश्वर चौधरी, फॉरेस्टर जोगेंद्र सिंह शेखावत समेत वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची (forest dapartment team rescue the bear) और भालू को रेस्क्यू किया.

पढ़ें. भालू ने बाघ को दूर तक खदेड़ा, देखिए VIDEO

इतिहास में पहली बार जयपुर के आबादी क्षेत्र में लोगों ने देखा भालू
इतिहास में पहली बार जयपुर की आबादी क्षेत्र में लोगों ने खुले में भालू घूमता हुआ देखा. बताया जा रहा है कि इतिहास में कभी भी जयपुर में भालू नहीं देखे गए, हालांकि पिंजरों और चिड़ियाघरों में भालू देखे जाते हैं. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम तुरंत ज्योतिबा फुले नगर पहुंची जहां पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो चुकी थी. जानकारी मिलते ही जयसिंहपुरा खोर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची. पुलिस और वन विभाग की टीम ने लोगों की भीड़ को दूर हटाया, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो.

bear rescue operation in Jaipur
रेस्क्यू टीम पहुंची

काफी चुनौतीपूर्ण रहा भालू का रेस्क्यू
बालू निर्माणाधीन मकान के अंदर छुप कर बैठा हुआ था. मकान में बिल्कुल अंधेरा था. ऐसे में उसको रेस्क्यू करना एक बड़ी चुनौती रहा. वन विभाग की टीम ने भालू को रेस्क्यू करने का प्रयास शुरू किया. सबसे पहले मकान के सारे एग्जिट बंद कर दिए गए ताकि भालू कहीं भाग न सके. इसके बाद वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर और डॉक्टर अशोक तंवर ने भालू को ट्रैंकुलाइज करने का प्रयास शुरू किया. भालू कमरे के अंदर अंधेरे में छुपकर बैठा था. विभाग की टीम ने हलचल करके भालू को मूवमेंट करने पर मजबूर किया. काफी देर तक भालू मकान के अंदर इधर से उधर दौड़ता रहा. करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद भालू को ट्रैंकुलाइज किया गया. ट्रैंकुलाइज होने के बाद वन विभाग और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली.

पढ़ें. रिसॉर्ट में घुसकर भालू करता रहा चहलकदमी, डर से नहीं निकला कोई कर्मचारी, देखें वीडियो

टाइगर के पिंजरे में किया शिफ्ट
भालू को ट्रेंकुलाइज करने के बाद रेस्क्यू कर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचाया गया. वन विभाग ने भालू की ताकत का अंदाजा लगाते हुए उसे टाइगर के एंक्लोजर में शिफ्ट किया. टाइगर का पिंजरा काफी मजबूत होता है, इसलिए भालू को उसमें शिफ्ट कर दिया गया है ताकि फिर से वह भाग नहीं सके. भालू की अब 24 घंटे मॉनिटरिंग भी की जा रहा है. अफसर और कर्मचारी लगातार नजर बनाए हुए हैं.

bear rescue operation in Jaipur
रेस्क्यू किया गया भालू

सवाई माधोपुर से रेस्क्यू करके लाए थे भालू-
भालू घायल अवस्था में है जिसका इलाज करने के लिए सवाई माधोपुर से रेस्क्यू करके शनिवार को वह विभाग की टीम उसे जयपुर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के रेस्क्यू सेंटर लेकर आई थी. यहां भालू को तीन पिंजरोें में बंद करके रखा गया था. भालू का इलाज किया जा रहा था लेकिन आधी रात के बाद भालू एक के बाद एक तीनों पिंजरे तोड़कर फरार हो गया. सुबह 5:30 बजे बंद विभाग के कर्मचारी की नजर पिंजरे पर पड़ी तो भालू गायब था.

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पशु चिकित्सकों ने शुरू किया इलाज
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में भालू का इलाज शुरू कर दिया गया है. वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर भालू का इलाज कर रहे हैं. भालू के शरीर पर 5-6 जगह घाव बताए जा रहे हैं. घाव पर दवा लगाकर मेडिसिन दी जा रही है. वन विभाग के अधिकारी भालू की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. वन विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया गया है, ताकि भालू की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा सके. बताया जा रहा है कि यह नर भालू है जिसकी उम्र करीब 3 से 4 साल बताई जा रही है.

bear rescue operation in Jaipur
तीन घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

'कुत्ते ने बताया भालू का पता'
स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार सुबह करीब 7:00 बजे कुत्ते के भौंकने की आवाज आ रही थी. काफी देर से कुत्ते एक निर्माणाधीन मकान के पास जाकर भौंकते रहे तो लोगों को शक हुआ. लोगों ने मकान के अंदर घुसकर देखा तो अंदर कमरे में एक भालू नजर आया. इससे लोगों में डर का माहौल बन गया. लोगों ने स्थानीय पार्षद नंदकिशोर सैनी को मामले की जानकारी दी. पार्षद ने तुरंत सूचना वन विभाग को दी.

भालू ने किसी प्रकार का नहीं पहुंचाया नुकसान
जानकारों की मानें तो जयपुर की आबादी क्षेत्र में भालू को पहली बार देखा गया है. अधिकतर भालू सवाई माधोपुर और माउंट आबू छेत्र में देखे जाते हैं लेकिन नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर से भालू निकलकर आबादी क्षेत्र में आना लोगों के लिए एक चर्चा का विषय बना रहा. भालू सड़क मार्ग से होते हुए 11 किलोमीटर दूर जयसिंह पुरा खोर के ज्योतिबा फुले नगर में पहुंचा था. गनीमत रही कि भालू ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया.

पढ़ें. जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्र में घुसा भालू, मचा हड़कंप...देखें वीडियो

भालू को आबादी क्षेत्र के आसपास रहने की आदत
डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि भालू के कई जगह पर घाव हो रहे थे जिस वजह से सवाई माधोपुर से रेस्क्यू करके उसे जयपुर नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर लाया गया था. सवाई माधोपुर में भी भालू की आदत रही है कि वह ज्यादातर आबादी क्षेत्र के आसपास रहता था. सवाई माधोपुर के जंगल से निकलकर भालू अक्सर आबादी क्षेत्र में आ जाया करता था. इलाज के लिए शनिवार रात को भालू को नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर में लाया गया था. 10:00 बजे भालू को रेस्क्यू सेंटर में शिफ्ट करके खाना खिलाया गया था. उसे तीन पिंजरे के अंदर रखा गया था, लेकिन फिर भी भालू करीब रात 2:00 बजे बाद तीनों पिंजरे तोड़कर फरार हो गया.

bear rescue operation in Jaipur
छतों पर चढ़े रहे लोग

वन विभाग की टीम सुबह से ही भालू की तलाश कर रही थी. रोड तक भालू के पग मार्क देखे गए, लेकिन फिर गायब हो गए. सूचना मिली कि भालू जयसिंहपुरा खोर के ज्योतिबा फुले नगर के निर्माणाधीन मकान में जाकर छुप गया है. इस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और भालू को सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज करके रेस्क्यू किया गया. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर की निगरानी में भालू का ट्रीटमेंट किया जा रहा है.

काफी पुराना है नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर
नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर करीब 20-25 साल पुराना बताया जा रहा है. रेस्क्यू सेंटर में पिंजरे और जालियां भी पुरानी होने की वजह कमजोर हो चुकी हैं. करीब 25 साल पहले की जालियां लगी हुई हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि पिंजरा और जालियां कमजोर होने की वजह से ही भालू उसे तोड़कर भाग निकला था. हालांकि भालू यदि किसी आमजन पर हमला कर देता और कोई बड़ी वारदात हो जाती तो स्थिति गंभीर हो जाती.

Last Updated : Apr 17, 2022, 9:33 PM IST
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