जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में अब तक बांटे गए 3 लाख 11 हजार 378 पट्टे का आंकड़ा जारी किया (Autonomous Government Department released data of lease distributed) है और अभियान से अब तक 1002 करोड़ का राजस्व अर्जित होने की जानकारी भी सार्वजनिक की है. विभाग भले की इन आंकड़ों के दम पर खुद की पीठ थपथपा रहा हो. लेकिन राज्य सरकार ने अभियान शुरू करते समय 10 लाख पट्टे बांटने और इससे करीब 5 हजार करोड़ का राजस्व अर्जित करने का दावा किया था. इस लक्ष्य से अभी भी सरकार कोसों दूर है. ऐसे में विपक्ष ने इस अभियान को ढकोसला बताते हुए आमजन को भ्रमित करने वाला अभियान बताया है.
प्रशासन शहरों के संग अभियान में नगर निगम, परिषद, पालिकाओं की ओर से पहले चरण में 1 लाख 84 हजार 479 पट्टे और दूसरे चरण में 25 हजार 530 पट्टे, यानी कुल 2 लाख 11 हजार 9 पट्टे दिये जा चुके है. इसी तरह प्राधिकरण और नगर विकास न्यास की ओर से प्रथम चरण में 87 हजार 284 और दूसरे चरण में 13 हजार 85, यानी कुल 1 लाख 369 पट्टे दिये गये है. चूंकि राज्य सरकार ने 2 अक्टूबर 2021 से शुरू हुए अभियान में 10 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया था. और अब तक लक्ष्य के एक तिहाई पट्टे भी नहीं बांटे जा सकें हैं.
ऐसे में अभियान को ढकोसला बताते हुए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पट्टों की रेवड़ियां बांटने के नाम पर लोगों को भ्रमित किया गया है. इस अभियान से आमजन को किसी तरह की सुविधा नहीं मिलने वाली. सरकार का दो तरफा रवैया है, जिससे लाभ नहीं होगा. वहीं बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार की ढिलाई के कारण अभियान धरातल पर पूरी तरह नहीं उतर पाया. सरकार ने बिचौलिए बैठा दिए हैं, जो पैसे लूटने में लगे हैं, जिससे आम जनता को राहत नहीं मिल पा रही. सरकार वाहवाही लूटने के लिए फैसले तो ले रही है, लेकिन उनके आधार पर एग्जीक्यूशन मशीनरी काम नहीं कर पा रही.
प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान नगरीय निकायों को पट्टे, भवन निर्माण, नाम हस्तान्तरण, भूखण्डों का उपविभाजन, खांचा भूमि आवंटन और लीज से संबंधित प्रकरणों के साथ ही इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन-मृत्यु पंजीकरण, सीवर कनेक्शन और अन्य विभागों से संबंधित प्रकरणों के अब तक 14 लाख 32 हजार 118 आवेदन प्राप्त हुए. जिनमें से 13 लाख 49 हजार 344 प्रकरणों का निस्तारण (स्वीकृत 13,15,333, अस्वीकृत 34,011) किया गया. वहीं विकास प्राधिकरणों और नगर विकास न्यासों में अभियान के दौरान नगरीय निकायों को पट्टे, भवन निर्माण स्वीकृति नाम हस्तान्तरण भूखण्डों का उपविभाजन, पुनर्गठन खांचा भूमि आवंटन और लीज से संबंधित प्रकरणों के 2 लाख 31 हजार 375 प्राप्त हुए. जिनमें से 2 लाख 27 हजार 765 प्रकरणों का निस्तारण (स्वीकृत 2,23,971, अस्वीकृत 3,794 और पेंडिंग 3,610) किया गया. हालांकि दूसरे कार्यों के इतर अभियान में महज 3 लाख 11 हजार 378 पट्टे की बांटे जा सके हैं.