जयपुर. ऑपरेशन जुबैदा के तहत कार्रवाई करते हुए राजस्थान एटीएस ने जम्मू-कश्मीर से फर्जी आर्म्स लाइसेंस जारी करवाने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार (ATS arrested an accused under Operation Zubeida) किया है. आरोपी को न्यायालय में पेश कर 13 मई तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है. जम्मू-कश्मीर से फर्जी आर्म्स लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में अब तक 57 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर 67 हथियार एवं 1 हजार 188 आर्म्स लाइसेंस जब्त किए जा चुके हैं.
एडीजी एटीएस अशोक राठौड़ ने बताया कि जम्मू-कश्मीर से फर्जी आर्म्स लाइसेंस मामले में वांछित चल रहे अजमेर जिले के क्रिश्चियन गंज निवासी सिसिल अल्फ्रेड को दस्तयाब कर पूछताछ की गई. इसके बाद अपराध प्रमाणित पाए जाने पर मंगलवार शाम आरोपी सिसिल अल्फ्रेड को गिरफ्तार किया गया. आरोपी सिसिल अल्फ्रेड की ओर से बीएसएफ के हेड कांस्टेबल के रूप में प्रतिरूपण कर जम्मू-कश्मीर से फर्जी आर्म्स लाइसेंस प्राप्त किया गया है.
क्या है 'ऑपरेशन जुबैदा': जम्मू-कश्मीर से फर्जी आर्म लाइसेंस बनवा कर हथियारों की खरीद-फरोख्त करने वाली अंतर्राज्यीय गिरोह के संबंध में थाना एसओजी जयपुर में वर्ष 2017 में प्रकरण दर्ज किया गया. जिसका अनुसंधान राजस्थान एटीएस की ओर से किया गया और बदमाशों की धर पकड़ के लिए स्पेशल ऑपरेशन चलाया गया. जिसका नाम 'ऑपरेशन जुबैदा' रखा गया. एटीएस की ओर से किए गए अनुसंधान में सामने आया कि अन्तर्राज्यीय गिरोह की ओर से राजस्थान व अन्य राज्यों के निवासियों का जम्मू कश्मीर के फर्जी निवास स्थान का उल्लेख कर फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनवाए गए.
राजस्थान व अन्य राज्यों के सिविल व्यक्तियों को सैनिक अथवा अर्द्धसैनिक व्यक्ति का प्रतिरूपण कर लाइसेंस फॉर्म भरा गया. सेवानिवृत्त सैनिक अथवा अर्द्धसैनिक को जम्मू कश्मीर में सेवारत दिखाकर लाइसेंस बनाए गए. देश में अन्यत्र सेवारत सैनिक एवं अर्द्धसैनिक को जम्मू कश्मीर में सेवारत दिखाकर फर्जी सेवा प्रमाण पत्र तैयार किया गया. गिरोह के सदस्यों की ओर से जम्मू कश्मीर के गृह विभाग एवं जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों यथा कुपवाड़ा, कठुआ, श्रीनगर, रामबन इत्यादि से षडयंत्र व मिलीभगत कर फर्जी लाइसेंस बनवाने व फर्ज़ी आर्म्स लाइसेंसो पर शस्त्र विक्रय करने के नियमों की अवहेलना करते हुए भारी-भरकम राशि वसूल कर लाइसेंस बनाना पाया गया.