जयपुर. राजस्थान में सरकार और राजभवन के बीच विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर चल रहा गतिरोध अब टूट गया है. बुधवार को तीसरी बार राजभवन की ओर से जब सरकार को प्रस्ताव लौटाया गया तो एक बार फिर लगा कि यह गतिरोध लंबी खींचेगा. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि अब हालात जल्द ही ठीक हो जाएंगे. गहलोत ने राज्यपाल के साथ मुलाकात को सकारात्मक बताया था.
हाल के दिनों में जारी टकराव को देखते हुए सरकार के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे थे तो सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह 21 दिन का प्रस्ताव राजभवन को भेज दे. हालांकि इसमें इतना रिलैक्सेशन सरकार ने राजभवन से मांगा है कि वह इन 21 दिन को उस दिन से काउंट करे, जब से सरकार ने दूसरा प्रस्ताव राजभवन भेजा था. सरकार की ओर से 24 जुलाई को दूसरा प्रस्ताव भेजा गया था. ऐसे में 24 जुलाई से 14 अगस्त तक 21 दिन होते हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि अब इस प्रस्ताव को राजभवन की ओर से मान लिया जाएगा और संभवत: 14 अगस्त से राजस्थान में विधानसभा का सत्र आहूत होगा.
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हालांकि अभी यह राजभवन पर निर्भर करेगा कि वह आज से 21 दिन मानते हैं या फिर 24 जुलाई से. अगर आज यानि की बुधवार (29 जुलाई) से 21 दिन माने जाएंगे तो ऐसे में विधानसभा का सत्र 18 अगस्त से होगा और अगर 24 जुलाई से माना जाता है तो फिर विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से आयोजित होगा. लेकिन जिस तरीके से कैबिनेट के मंत्रियों ने संकेत दिए हैं, उससे लगता है कि राजभवन अब कैबिनेट के 25 जुलाई को भेजे हुए प्रस्ताव पर विचार कर लेगा.
वैसे भी जिस तरीके से बुधवार को सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात की थी. उसके बाद ही इस पर अंतिम मुहर लग गई थी. हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय राज्यपाल को करना है कि वह 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाते हैं या 18 अगस्त से.