जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव न हो, इसके लिए प्रदेश की गहलोत सरकार ने पूरे प्रदेश को 31 मार्च तक लॉक डाउन कर दिया है. इसी बीच 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. माननीय कोई भी हो, लेकिन यह चाहता है कि इस संक्रमण के दौर में राज्यसभा के चुनाव को आगे खिसका दिया जाए.
गहलोत सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि अगर यह चुनाव स्थगित नहीं होता है तो वह अपना वोट डालने विधानसभा नहीं आएंगे. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग को ही लेना है. लेकिन विश्वेंद्र सिंह के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी में उथल-पुथल मच गई है. सिंह के बयान पर विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सबको चिंता है, लेकिन चिंता कितनी भी बड़ी हो या संकट कितना भी गहरा हो. जो सरकार और प्रशासन चला रहे होते हैं उनकी जिम्मेदारी ज्यादा होती है.
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राज्यसभा का चुनाव स्थगित करना है या फिर तय समय पर 26 मार्च को ही करवाना है. इसका निर्णय मुख्यमंत्री स्तर पर नहीं, बल्कि भारत चुनाव आयोग के स्तर पर होगा. उन्होंने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि 26 मार्च को राज्यसभा के चुनाव हों और तमाम एमएलए को एक जगह इकट्ठा होना पड़े. लेकिन इसे लेकर अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग को ही लेना है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर तय समय पर चुनाव होते हैं तो उन्हें नहीं लगता कि कोई विधायक चाहे किसी भी पार्टी का हो, वह इस कारण से विधानसभा नहीं आएगा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है.
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उन्होंने कहा कि विधानसभा को पूरी तरीके से सेनिटाइज करवा लिया गया है और विधानसभा से ज्यादा सेफ कोई जगह नहीं हो सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वेंद्र सिंह की निडर और निर्भीक व्यक्ति की इमेज है और वह जिस परिवार से आते हैं, उस राज परिवार की इमेज भी निर्भीक और निडर की रही है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति यह कहे कि वह कोरोना वायरस के चलते कोई काम नही करेंगे तो कैसे काम चल सकता है. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री कह दें कि मैं सरकार नहीं संभालूंगा, स्वास्थ्य मंत्री कह दें कि मैं स्वास्थ्य महकमा नहीं संभालूंगा, पुलिस विभाग कह दे कि वह कानून व्यवस्था नहीं संभालेंगे और मेडिकल स्टाफ यह कह दे कि वह अस्पताल नहीं जाएंगे तो कैसे काम चलेगा.
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किसी बीमारी से डर कर बैठा नहीं जा सकता है. सिंह की बात अखबारों के माध्यम से मुख्यमंत्री तक भी पहुंची होगी और निर्वाचन आयोग तक भी. इस पर निर्णय निर्वाचन आयोग ही लेगा. हालांकि इसके साथ उन्होंने यह भी संकेत दिए कि शाम को होने वाली भारत निर्वाचन आयोग की बैठक में यह चुनाव स्थगित किये जा सकते हैं.