जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किए गए बदलाव के फैसले के बाद सियासी संग्राम शुरू हो गया है. इसे लेकर शनिवार को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर करारा जुबानी हमला करते हुए इस फैसले को गलत बताया और कहा कि यह उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इन्हीं के परिवार के 2 सदस्यों की हत्याएं हो चुकी है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी दोनों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी. इसे लेकर पहले भी सुरक्षा एजेंसिया ने अलर्ट जारी किया हुआ है. यहां तक कि एसपीजी ने भी यह माना कि सोनिया गांधी व राहुल गांधी की जान को खतरा है. बावजूद उसके तत्काल ऐसा फैसला लेना, उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ है.
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सीएम गहलोत ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर ऐसे कौनसे हालात थे जिसकी वजह से कल शाम को ही उनकी एसपीजी सुरक्षा हटाई गई. जबकि किसी की भी सुरक्षा हटाई जाती है तो कम से कम 7 दिन का समय दिया जाता है और सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट ली जाती है. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने जिस तरीके से अचानक गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाई है, उस बात को पीएम मोदी और शाह को स्पष्ट करना चाहिए कि अचानक एसपीजी सुरक्षा हटाने का क्या मतलब है.
चुनाव जीतने के लिए राष्ट्रवाद का लेते हैं सहारा, असली चेहरा आ गया सामने : गहलोत
वहीं गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद वहां से कांग्रेस के विधायक जयपुर आ गए है. शिव सेना जिन्होंने गठबंधन के रूप में भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था. उन्हीं की सहयोगी पार्टी शिव सेना के विधायक भी होटलों में शिफ्ट हो रहे हैं. इस दौरान उन्होंने मणिपुर, गोवा और कर्नाटक में सरकार बनाने का उदाहरण देते हुए कहा कि हो सकता है कि सरकार बनाने के लिए उस समय उनको विजय मिल गई हो. लेकिन उनका असली चेहरा जनता के सामने आ गया है.
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वहीं उन्होंने भाजपा पर राष्ट्रवाद, आर्टिकल-370 और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे विषयों का सहारा लेते हुए इसे के लिए भुनाने का भी आरोप लगाया. उनका कहना रहा कि अब जनता इनके झांसे में नहीं आएगी. अब इनकी उल्टी गिनती शुरू होने का वक्त आ गया है. जिसका असर हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव परिणाम में भी देखने को मिला.