जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी का नाम लिए बिना उन पर जुबानी हमला बोला है. गहलोत ने कहा जिन लोगों के अंदर महात्मा गांधी गांधी की विचारधारा नहीं, उन लोगों में गांधीजी के नाम के बगैर राजनीति करने की हिम्मत होना चाहिए और असली मुकाबला तब ही होगा. रविवार को वर्तमान परिपेक्ष्य में सत्याग्रह की प्रासंगिकता विषय पर हुई राज्य स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गहलोत ने यह बात कही.
राजस्थान कला और संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित इस वर्चुअल संगोष्ठी में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केवल गांधी का नाम ले ले, फोटो लगा ले और आवरण के रूप में अपना ले लेकिन मंशा दूसरी विचारधारा की हो वह ठीक नहीं है. क्योंकि जब गांधी जी की विचारधारा से मेल नहीं खाती तो फिर उनके नाम का आवरण ओढ़कर राजनीति करना चिंता का विषय है.
सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी दुश्मनी किसी से नहीं है. यह लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है लेकिन दुख की बात यह है कि वह चाहते हैं की दूसरी विचारधारा देश में खत्म ही हो जाए. उन्होंने कहा कि तकलीफ इस बात की होती है कि जब वह लोग कहते हैं कि हमारी विचारधारा सही है बाकी विचारधाराओं को खत्म करो यह उनकी फासिस्ट सोच है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि मन में गांधी का विचार नहीं लेकिन गांधी जी के नाम का आवरण ओढ़कर राजनीति करें तो यह चिंता वाली बात है. क्योंकि इससे देश में भ्रम पैदा होता है. इस दौरान गहलोत ने कहा कि एक कार्यक्रम में किसी ने आरएसएस और बीजेपी को खत्म हो जाने की बात कही तो खुद राहुल गांधी ने कहा कि यह विचारधारा है और विचारधारा खत्म नहीं होना चाहिए. हमारी भी विचारधारा रहना चाहिए और जनता को फैसला करना चाहिए कि कौन सी विचारधारा सही है. लेकिन यह लोग तो केवल खुद की विचारधारा को ही सही मानकर सारी अन्य विचारधाराओं को खत्म करना चाहते हैं. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.
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अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधी विचारक स्वर्गीय एसएन सुब्बाराव को भी याद किया और उनके नाम पर एक करोड़ के फंड से एक सोसाइटी बनाए जाने की बात कही. गहलोत ने कहा इस कमेटी में कौन-कौन रहेगा यह आप सब लोग तय करें लेकिन इस कमेटी और इसमें एकत्रित किए गए फंड से युवाओं को गांधी जी के दर्शन और उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा.
गांधीवादियों के विचारों को गति देने और अलग-अलग स्थानों पर फैलाने का काम तेजी से होना चाहिए. जिससे युवाओं के जरिए गांधी जी के विचारों को जिंदा रखा जा सके. गहलोत ने इस दौरान गांधीजी के नाम पर की गई घोषणाओं का भी जिक्र किया वही सीकर कलेक्टर परिसर में नवनिर्मित गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण भी वर्चुअल ही किया.