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प्रदेश में जल्द होगा एंटीजन टेस्ट का परीक्षण, मृत्यु दर कम करना हमारा लक्ष्य: CM गहलोत - Antigen test in rajasthan

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस कर मेडिकल कॉलेजों की फेकल्टी, चिकित्सकों सहित जांच विशेषज्ञों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में एंटीजन टेस्ट का परीक्षण शीघ्र किए जाने की बात कही.

aipur News, Chief Minister Video Conference, एंटीजन टेस्ट का परीक्षण
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंस
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Published : Jun 27, 2020, 1:28 AM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मेडिकल कॉलेजों की फेकल्टी, प्रदेश भर के नामी चिकित्सकों सहित जांच विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे थे. चर्चा में 100 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भाग लिया और कोरोना की जांच, उपचार, बचाव सहित अन्य पहलुओं पर सुझाव दिए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 की अधिक से अधिक जांच के लिए आईसीएमआर की गाइडलाइंस और विशेषज्ञ चिकित्सकों की राय के अनुरूप प्रदेश में एंटीजन टेस्ट का परीक्षण शीघ्र किया जाए. इसे उपयुक्त पाया जाता है तो हमें जांच का दायरा बढ़ाने और शीघ्र रिपोर्ट प्राप्त करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यू दर को निरंतर कम करते हुए न्यूनतम स्तर पर लाना हमारा लक्ष्य है. इस दिशा में चिकित्सक समुदाय अपने अनुभवों का उपयोग करते हुए उचित समाधान तलाशें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित रखने में राजस्थान जो सफलता हासिल कर रहा है, उसमें चिकित्सक समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हमारे समन्वित प्रयासों के कारण ही राजस्थान मॉडल की पूरे देश में चर्चा है. राज्य में कोरोना रोगियों की डैथ ऑडिट भी करवाई जा रही है, ताकि हम मौत के वास्तविक कारणों तक पहुंच सकें और इस अध्ययन का उपयोग कोरोना की रोकथाम में किया जा सके.

ये पढ़ें: CM गहलोत ने कहा- चीन पर PM मोदी क्यों खामोश, क्या छुपाया जा रहा?

वहीं गहलोत ने कहा कि, सावधानी ही इस रोग से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है. हमने पूरे प्रदेश में आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया है. इस महामारी के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए इतना बड़ा अभियान शुरू करने वाला राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि समाज के सभी वर्ग, जनप्रतिनिधि, चिकित्सक, सरकारी विभाग, स्वयंसेवी संगठन आदि इस अभियान में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

साथ ही कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना को लेकर आने वाला समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है. कोरोना के साथ-साथ हमें मौसमी बीमारियों का भी सामना करना होगा. चिकित्सा विभाग इसके लिए पूरी तैयार है. चिकित्सा से जुड़े सभी कार्मिकों ने टीम भावना के साथ कोरोना को नियंत्रित रखने में सराहनीय योगदान दिया है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने कहा कि एंटीजन टेस्ट का जल्द ही परीक्षण करवा लिया जाएगा. इसके लिए आईसीएमआर से 200 टेस्ट किट भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के साथ-साथ प्रदेश में चौथी बार एक्टिव सर्विलांस अभियान शुरू किया गया है. साथ ही कहा कि राजस्थान से इस बीमारी से ठीक होने की दर निरंतर बढ़ रही है. अब यह 78.9 प्रतिशत तक पहुंच गई है जो देश के बड़े राज्यों में सर्वाधिक है.

ये पढ़ें: पत्रकारिता विचारों की अभियक्ति का मीडिया सशक्त माध्यम: सुधांशु त्रिवेदी

वहीं, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पवार तथा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि अच्छे परिणाम आने पर एंटीजन टेस्ट से जांच में आसानी होगी. डॉ. एसआर धारकर, डॉ. नरपत सिंह, डॉ. पीसी डांडिया, डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ.एमएल स्वर्णकार, डॉ. एमएल सोनगरा सहित विभिन्न वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी अपने सुझाव दिए. बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया और सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी भी उपस्थित रहें.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मेडिकल कॉलेजों की फेकल्टी, प्रदेश भर के नामी चिकित्सकों सहित जांच विशेषज्ञों से चर्चा कर रहे थे. चर्चा में 100 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भाग लिया और कोरोना की जांच, उपचार, बचाव सहित अन्य पहलुओं पर सुझाव दिए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 की अधिक से अधिक जांच के लिए आईसीएमआर की गाइडलाइंस और विशेषज्ञ चिकित्सकों की राय के अनुरूप प्रदेश में एंटीजन टेस्ट का परीक्षण शीघ्र किया जाए. इसे उपयुक्त पाया जाता है तो हमें जांच का दायरा बढ़ाने और शीघ्र रिपोर्ट प्राप्त करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना से मृत्यू दर को निरंतर कम करते हुए न्यूनतम स्तर पर लाना हमारा लक्ष्य है. इस दिशा में चिकित्सक समुदाय अपने अनुभवों का उपयोग करते हुए उचित समाधान तलाशें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित रखने में राजस्थान जो सफलता हासिल कर रहा है, उसमें चिकित्सक समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. हमारे समन्वित प्रयासों के कारण ही राजस्थान मॉडल की पूरे देश में चर्चा है. राज्य में कोरोना रोगियों की डैथ ऑडिट भी करवाई जा रही है, ताकि हम मौत के वास्तविक कारणों तक पहुंच सकें और इस अध्ययन का उपयोग कोरोना की रोकथाम में किया जा सके.

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वहीं गहलोत ने कहा कि, सावधानी ही इस रोग से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है. हमने पूरे प्रदेश में आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया है. इस महामारी के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए इतना बड़ा अभियान शुरू करने वाला राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि समाज के सभी वर्ग, जनप्रतिनिधि, चिकित्सक, सरकारी विभाग, स्वयंसेवी संगठन आदि इस अभियान में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

साथ ही कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना को लेकर आने वाला समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है. कोरोना के साथ-साथ हमें मौसमी बीमारियों का भी सामना करना होगा. चिकित्सा विभाग इसके लिए पूरी तैयार है. चिकित्सा से जुड़े सभी कार्मिकों ने टीम भावना के साथ कोरोना को नियंत्रित रखने में सराहनीय योगदान दिया है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने कहा कि एंटीजन टेस्ट का जल्द ही परीक्षण करवा लिया जाएगा. इसके लिए आईसीएमआर से 200 टेस्ट किट भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के साथ-साथ प्रदेश में चौथी बार एक्टिव सर्विलांस अभियान शुरू किया गया है. साथ ही कहा कि राजस्थान से इस बीमारी से ठीक होने की दर निरंतर बढ़ रही है. अब यह 78.9 प्रतिशत तक पहुंच गई है जो देश के बड़े राज्यों में सर्वाधिक है.

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वहीं, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पवार तथा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि अच्छे परिणाम आने पर एंटीजन टेस्ट से जांच में आसानी होगी. डॉ. एसआर धारकर, डॉ. नरपत सिंह, डॉ. पीसी डांडिया, डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ.एमएल स्वर्णकार, डॉ. एमएल सोनगरा सहित विभिन्न वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी अपने सुझाव दिए. बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी अभय कुमार, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया और सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी भी उपस्थित रहें.

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