अहमदाबाद/जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात के (Rajasthan CM Gehlot Visit to Gujarat) दौरे पर हैं. गुरुवार को गहलोत अहमदाबाद में गुजरात चुनाव को लेकर मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान एक बार फिर उन्होंने राजस्थान में हुई सियासी उठापटक का जिक्र करते हुए, इसके लिए महात्मा गांधी के गुजरात में चल रहे मोदी मॉडल को जिम्मेदार ठहराया. गहलोत ने कहा कि भाजपा ने चुनी हुई सरकारों में तोड़फोड़ के लिए गुड़गांव के मानेसर में 200 लोगों की टीम बनाई हुई है. उसमें बाउंसर भी हैं और कार्यकर्ता भी हैं.
जब मध्य प्रदेश के लोगों को वहां ले गए तो दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी एक बार समझा कर वापस लाए, लेकिन फिर उन्हें बेंगलुरु ले जाया गया और कहते हैं कि उन्हें 30-35 करोड़ रुपये दिए गए. इस दौरान उन्होंने राजस्थान के सियासी संकट का भी जिक्र करते हुए (Rajasthan Horse Trading) कहा कि देश में भाजपा के लोग मणिपुर, गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सरकार गिराने पर गर्व से सीना चौड़ा करके दिल्ली में चलते हैं. राजस्थान को हमने बचा लिया, वरना मैं आपके सामने यहां मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बैठा होता. मुख्यमंत्री कोई दूसरा ही होता. गहलोत ने कहा कि सबके आशीर्वाद से मैं बच गया हूं.
गहलोत ने कहा कि यह दुआएं थीं प्रदेश के लोगों की, हमारे विधायकों की जो 34 दिन तक होटल में बैठे रहे. विधायकों को होटल के बाहर आने पर (Rajasthan Political Crisis) पहली किश्त के तौर पर 10 करोड़ रुपये थी, लेकिन विधायक उस लालच में नहीं आए. गहलोत ने कहा कि बीएसपी के साथी मुझसे जुड़े, उनको कभी एक रुपये नहीं दिया, निर्दलीय साथी हमारे साथ जुड़े उनको एक रुपये नहीं दिया, फिर भी वह 4 साल से हमारे साथ हैं. गहलोत ने कहा कि यही सरकार की गुडविल होती है, उसी आधार पर राजस्थान सरकार चलती है. गुजरात की तरह नहीं है, जो जीतने के बाद भी आप कांग्रेस के विधायकों को तोड़ रहे हो. गुजरात तो गांधी का प्रदेश है, यहां तो गांधी का मॉडल होना चाहिए, लेकिन गुजरात में यह मोदी का मॉडल कौन सा आ गया, जो सरकार गिरने की कोई संभावना नहीं है उसके बाद भी तोड़फोड़ हो रहा है. यहां तक कि राज्यसभा के चुनाव स्थगित करवा देते हैं. गहलोत ने कहा कि राज्यसभा का वो चुनाव हम कैसे भूल सकते हैं कि जब गुजरात के साथ हमारा भी चुनाव स्थगित हुआ था, क्योंकि इनकी हॉर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई थी.
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जालोर मामले में क्या कहा ? : उधर जालोर की घटना को लेकर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुजरात में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने छुआछूत को तो मानवता के लिए कलंक बताया, लेकिन इस घटना में जो पानी के मटके की थ्योरी के साथ ही दलितों के साथ (Jalore Dalit Student Death Case) स्कूल में भेदभाव के आरोपों की जांच के लिए आज दोबारा एडीजी क्राइम को भेजने की बात कही. गहलोत ने कहा कि देश में जो छुआछूत आज भी है, यह मानवता पर कलंक है. आरएसएस और बीजेपी जो हिंदुत्व की जो बात कर रहे हैं, उनको पहला काम यह करना चाहिए कि कम से कम शेड्यूल कास्ट के जो साथी हैं, वह भी तो हिंदू ही हैं. उनके साथ भेदभाव मिटाएं, छुआछूत को मिटाएं. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में तो हमारी सरकार की यही सोच है और हम इसी पर काम करते हैं.
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गहलोत ने कहा कि जलोर में जो स्कूल है, उसका पार्टनर भी शेड्यूल कास्ट का था, स्कूल के 20-30 परसेंट बच्चे शेड्यूल कास्ट के पढ़ते हैं और 4-5 टीचर भी शेड्यूल कास्ट के हैं. गहलोत ने कहा कि इस मामले में जांच चल रही है, इसलिए कमेंट नहीं करना चाहूंगा. लेकिन वहां के दोनों एमएलए जो कांग्रेस के पूर्व एमएलए हैं और वर्तमान में भाजपा के एमएलए है, वो भी पानी के मटके वाली उस बात पर क्वेश्चन मार्क लगा रहे हैं. यह घटना नेशनल डिबेट बन गई है. गहलोत ने कहा कि आज आईटी का जमाना है. इसमें कोई मुद्दा बन जाता है, वायरल हो जाता है तो वह मुद्दा नेशनल और लोकल मीडिया पर चलता रहता है. गहलोत ने कहा कि मैंने यहां आने से पहले एडीजी क्राइम जो खुद शेड्यूल कास्ट के हैं, उनको फिर भेजा है कि वो हकीकत मालूम करके आएं कि घटना क्या हुई है? क्योंकि कई तरीके की उलझल पैदा हो रही है. घटनाएं गुजरात में भी हुईं, यूपी में भी हुईं, लेकिन हमने हर घटना पर तत्काल एक्शन लिया है.