जयपुर. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में रविवार को सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सुर से सुर मिलाया. दोनों ने इसे केंद्र सरकार की गलत नीति और तानाशाही रवैया बताया. गहलोत ने जहां पीएम मोदी से अपील की कि इस कानून को निरस्त करें और देशवासियों को भरोसा दिलाएं कि केवल घुसपैठियों और अवैध शरणार्थियों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार ने संख्या बल के आधार पर इस कानून को लागू तो कर दिया लेकिन ज्यूडिशियल स्क्रुटनी में पास नहीं होगा.
जयपुर में रविवार को नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में शांति मार्च निकाला गया. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री हीरालाल देवपुरा की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि करने पहुंचे. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने बताया कि शांति मार्च से सद्भाव, भाईचारा और अहिंसा का संदेश दिया जा रहा है.
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उन्होंने यूपी में हुई 15 लोगों की मौत को देश की दुखद स्थिति बताई. साथ ही केंद्र सरकार पर धमकाने वाली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि देश में आग लगी हुई है और केंद्र सरकार आग बुझाने के बजाय भड़काने का काम कर रही है और ये हिंसक आंदोलन भी बीजेपी शासित प्रदेशों में ही हो रहे हैं.
गहलोत ने पीएम मोदी से अपील की कि देशवासियों की भावनाओं को समझने की कोशिश करते हुए इस कानून को निरस्त करें और देशवासियों को भरोसा दिलाएं कि केवल घुसपैठियों और अवैध शरणार्थियों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी.
इस दौरान सीएम ने शहर में बंद किए गए इंटरनेट, मेट्रो और जेसीटीएसएल बसों को लेकर कहा कि जब ज्यादा भीड़ इकट्ठी होती है और हिंसा का माहौल बना दिया गया हो. ऐसे में यदि कोई एहतियात बरती गई है तो उस पर ऐतराज नहीं करना चाहिए.
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि इस कानून से देश के संविधान को आघात पहुंचा है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस 28 तारीख को अपना विरोध दर्ज कराएगी. लेकिन आज सभी दलों, सामाजिक संगठनों और एनजीओ के साथ शांति मार्च के जरिए केंद्र सरकार को मैसेज दिया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संख्या बल के आधार पर इस कानून को लागू कर दिया. लेकिन, ये विधयेक ज्यूडिशियल स्क्रुटनी में पास नहीं होगा. क्योंकि ये संविधान की मूल भावना के विरोध में है. उन्होंने कहा कि शहर की मूल समस्या आर्थिक मंदी, बेरोजगारी पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा और इस तरह के मामलों से देश को कोई फायदा नहीं होगा.
बता दें कि सोमवार को दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में राजघाट पर भी धरना दिया जाएगा. वहीं, 28 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में एक बार फिर सड़कों पर उतरेगी.