जयपुर. पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली. जेटली के निधन पर जहां भाजपा में शोक की लहर है वहीं विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भी शोक जाहिर किया है. यहां हम बात कर रहे हैं उनकी राजस्थान से जुड़ी यादों की.
उनकी कई यादें राजस्थान से जुड़ी हुई हैं. जहां उन्होंने जीएसटी रिफॉर्म के तहत राजस्थान के कई उद्योगों को राहत दी थी तो उनके साथ जुड़ा हुआ एक वाकया यह भी है कि साल 2014 में जब वह पंजाब से चुनाव हारे थे उससे पहले राजस्थान भाजपा ने उन्हें जयपुर की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था. हालांकि उन्होंने यह ऑफर उस समय यह कहते हुए ठुकरा दिया था की हम भाजपा के कार्यकर्ता हैं और जहां से पार्टी उन्हें चुनाव लड़ने की कहेगी वहीं से वह चुनाव लड़ेंगे.
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भाजपा के वर्तमान विधायक और वरिष्ठ नेता सतीश पूनिया ने बताया कि अगर अरुण जेटली राजनीतिक तौर पर प्रोफेशनल होते तो तुरंत राजस्थान भाजपा के इस प्रपोजल को वह स्वीकार कर लेते. उनका पार्टी में जो कद था, उस हिसाब से उन्हें कोई चुनाव लड़ने से इंकार भी नहीं करता. लेकिन फिर भी उन्होंने जयपुर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ कर पंजाब की अमृतसर सीट से चुनाव लड़ा था.
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पूनिया ने बताया कि उन्हें वहां से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन जयपुर से चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने संजीदगी से मना कर दिया. ऐसे नेताओं की अब देश में कमी है. जिन्हें इस तरीके का कोई ऑफर करें और वह इंकार कर दें.