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NEET का उदाहरण देकर पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार पर लगाया गंभीर आरोप

पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अरुण चतुर्वेदी ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी नीट उदाहरण देते हुए राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया है. डॉ. अरुण चतुर्वेदी के मुताबिक नीट के लिए आर्थिक पिछड़ा आरक्षण को केंद्र सरकार ने राज्य को 415 अतिरिक्त सीटें दी थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसमें से महज 134 सीटों का ही उपयोग किया.

Arun Chaturvedi blem on Government, आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हित
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Published : Sep 6, 2019, 1:34 PM IST

जयपुर. पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया है. चतुर्वेदी ने इसके लिए हाल ही में हुई मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी नीट का भी एक उदाहरण दिया है.

पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया

डॉ. अरुण चतुर्वेदी के मुताबिक नीट के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को 415 अतिरिक्त सीटें दी थी. यह सीटें आर्थिक पिछड़ा आरक्षण के लिए दी गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसमें से महज 134 सीटों का ही उपयोग किया. उनमें भी 91 सीटों पर तो आर्थिक पिछड़ों को फ्री प्रवेश मिला, लेकिन बाकी सीटों पर फीस लेकर प्रवेश दिया गया और यह फीस भी 9 लाख रुपये थी.

पढ़ें: प्रदेश में बारिश का दौर जारी, पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट

भाजपा नेता डॉ. अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े होने का क्राइटेरिया 8 लाख रुपये सालाना रखती है. लेकिन केंद्र सरकार ने जो सीटें प्रदेश को इस आरक्षण के तहत दी थी, उसमें भी कई सीटों को पेमेंट सीट मानकर 9 लाख रुपये आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों से लिए गए. उनके मुताबिक ये सीधे तौर पर प्रदेश के आर्थिक तौर से पिछड़े लोगों के हितों के साथ कुठाराघात है.च

जयपुर. पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया है. चतुर्वेदी ने इसके लिए हाल ही में हुई मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी नीट का भी एक उदाहरण दिया है.

पूर्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया

डॉ. अरुण चतुर्वेदी के मुताबिक नीट के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को 415 अतिरिक्त सीटें दी थी. यह सीटें आर्थिक पिछड़ा आरक्षण के लिए दी गई थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसमें से महज 134 सीटों का ही उपयोग किया. उनमें भी 91 सीटों पर तो आर्थिक पिछड़ों को फ्री प्रवेश मिला, लेकिन बाकी सीटों पर फीस लेकर प्रवेश दिया गया और यह फीस भी 9 लाख रुपये थी.

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भाजपा नेता डॉ. अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े होने का क्राइटेरिया 8 लाख रुपये सालाना रखती है. लेकिन केंद्र सरकार ने जो सीटें प्रदेश को इस आरक्षण के तहत दी थी, उसमें भी कई सीटों को पेमेंट सीट मानकर 9 लाख रुपये आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों से लिए गए. उनके मुताबिक ये सीधे तौर पर प्रदेश के आर्थिक तौर से पिछड़े लोगों के हितों के साथ कुठाराघात है.च

Intro:आर्थिक पिछड़ों के आरक्षण का मामला पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार पर लगाया आरोप

मेडिकल प्रवेश परीक्षा को लेकर लगाया आरोप

आर्थिक पिछड़ों के लिए केंद्र ने राज्य को दी 415 अतिरिक्त सीटें लेकिन राज्य सरकार ने 134 सीटों का ही किया उपयोग

जयपुर (इंट्रो)
और सामाजिक व न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर आर्थिक पिछड़ा वर्ग के हितों के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया है चतुर्वेदी ने इन आरोपों के पीछे हाल ही में मेडिकल प्रवेश परीक्षा यानी नीट का भी एक उदाहरण दिया है।

केंद्र ने 415 सीटें दी प्रदेश सरकार ने 134 का किया उपयोग-

दरअसल जो आरोप अरूण चतुर्वेदी ने लगाया है उसके पीछे चतुर्वेदी ने हाल ही में हुई मेडिकल प्रवेश परीक्षा का भी उदाहरण दिया। चतुर्वेदी के अनुसार नीट एग्जाम के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को 415 अतिरिक्त सीटें दी थी। यह सीटें आर्थिक पिछड़ा आरक्षण के लिए दी गई थी लेकिन प्रदेश सरकार ने इस में से महज 134 सीटों का ही उपयोग किया। उनमें भी 91 सीटों पर तो आर्थिक पिछड़ों को फ्री प्रवेश मिला लेकिन बाकी सीटों पर पेमेंट लेकर प्रवेश दिया गया और यह पेमेंट फीस भी 9 लाख थी। चतुर्वेदी का कहना है कि एक तरफ तो सरकार आर्थिक रूप से पिछड़े होने का क्राइटेरिया 8 लाख सालाना रखती है लेकिन केंद्र सरकार ने जो सीटें प्रदेश को इस आरक्षण के तहत दी थी उसमें भी कई सीटों पर पेमेंट सीट मानकर 9 लाख आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों से लिए गए। जो सीधे तौर पर प्रदेश के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के हितों के साथ कुठाराघात है।

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