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ये कैसी चूक ? सरकार के हृदय कहे जाने वाले सचिवालय में नहीं है कोरोना की जांच के इंतजामात

प्रदेश में सरकार के हृदय कहे जाने वाले सचिवालय में कोरोना की जांच के कोई भी इंतजामात मौजूद नहीं है. वहीं सचिवालय में हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग आते है. ऐसे में कोरोना के जांच की व्यवस्था नहीं होने से कोई बड़ा खतरा आ सकता है. देखिए एक रिपोर्ट

सचिवालय में नहीं कोरोना की जांच, Corona not examined in secretariat
सचिवालय में नहीं कोरोना की जांच के इंतजामात
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Published : Mar 17, 2020, 4:08 PM IST

जयपुर. चीन से निकले वैश्विक स्तर पर सनसनी फैलाने वाले कोरोना वायरस के चलते सरकार हर जगह गंभीरता दिखा रही है. स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघरों, मेलों, पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया है. यहां तक कि 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर भी रोक लगा दी गई है, लेकिन सरकार के हृदय कहे जाने वाले सचिवालय में कोरोना की जांच के इंतजामात नहीं होने पर सवाल उठ रहे है.

सचिवालय में नहीं कोरोना की जांच के इंतजामात

सवाल यह कि जब प्रदेश और देश में एक तरह से इमरजेंसी लगी हुई है. लोगों को सतर्कता बरतने और पब्लिक प्लेस पर एकत्रित होने से रोका जा रहा है तो फिर सचिवालय जहां सैकड़ों की संख्या में लोग आ रहे है. वहां जांच की व्यवस्था करने में सरकार कैसे चूक रही है.

पढ़ेंः बेटी की मौत के बाद कलेजे पर पत्थर रखकर मां ने लगाई दुकान, पहले बेचे खिलौने फिर दी मासूम को अंतिम विदाई

लोगों की लंबी-लंबी कतारें, बड़ी संख्या में एकत्रित लोग

यह नजारा शासन सचिवालय के सवसगत कक्ष का है. जहां पर सरकार का केंद्र बिंदु काम करता है. इसी सचिवालय से सरकार के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं. इस सचिवालय में 4000 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं. वहीं सैकड़ों की संख्या में हर दिन अलग-अलग जिलों से गांव ढाणी से लोग अपनी समस्या और काम को लेकर पहुंचते हैं.

बावजूद इसके सरकार के स्तर पर यहां कोरोना से जुड़ी कोई जांच व्यवस्था शुरू नहीं की गई है. इसके चलते सवाल उठ रहे हैं कि जब पूरे प्रदेश में यहां तक कि देश में स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमा हॉल, मेले, पर्यटन स्थल इन सब को बंद कर दिया गया है. वहां पर जांच की व्यवस्था शुरू कर दी गई है.

लोगों को 50 से अधिक की संख्या में एकत्रित नहीं होने की एडवाइजरी जारी की गई है. तो फिर सरकार के हृदय के जाने वाले सचिवालय में यह लापरवाही क्यों बरती जा रही है. जबकि इसी सचिवालय से कोरोना से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर तैयारियां की जा रही है. इसी सचिवालय में बैठकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना को हराने को लेकर प्लानिंग कर रहे हैं.

पढ़ेंः सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

इसी सचिवालय से स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी सभी जिलों में कोरोना को लेकर सतर्क रहने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं. फिर इसी सचिवालय में इस तरह की लापरवाही क्यों बरती जा रही है. सचिवालय में हर दिन सैकड़ों की संख्या में लोग दूरदराज गांव ढाणी से अपने काम को लेकर पहुंचते हैं. यह सभी लोग बस, ट्रेन और ऑटो में सफर कर के अलग-अलग लोगों के बीच संपर्क में आने के बाद यहां पहुंचते हैं. ऐसे में यहां पर अगर किसी भी व्यक्ति में संक्रमण की शिकायत आ जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

जयपुर. चीन से निकले वैश्विक स्तर पर सनसनी फैलाने वाले कोरोना वायरस के चलते सरकार हर जगह गंभीरता दिखा रही है. स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघरों, मेलों, पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया है. यहां तक कि 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर भी रोक लगा दी गई है, लेकिन सरकार के हृदय कहे जाने वाले सचिवालय में कोरोना की जांच के इंतजामात नहीं होने पर सवाल उठ रहे है.

सचिवालय में नहीं कोरोना की जांच के इंतजामात

सवाल यह कि जब प्रदेश और देश में एक तरह से इमरजेंसी लगी हुई है. लोगों को सतर्कता बरतने और पब्लिक प्लेस पर एकत्रित होने से रोका जा रहा है तो फिर सचिवालय जहां सैकड़ों की संख्या में लोग आ रहे है. वहां जांच की व्यवस्था करने में सरकार कैसे चूक रही है.

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लोगों की लंबी-लंबी कतारें, बड़ी संख्या में एकत्रित लोग

यह नजारा शासन सचिवालय के सवसगत कक्ष का है. जहां पर सरकार का केंद्र बिंदु काम करता है. इसी सचिवालय से सरकार के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं. इस सचिवालय में 4000 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी काम करते हैं. वहीं सैकड़ों की संख्या में हर दिन अलग-अलग जिलों से गांव ढाणी से लोग अपनी समस्या और काम को लेकर पहुंचते हैं.

बावजूद इसके सरकार के स्तर पर यहां कोरोना से जुड़ी कोई जांच व्यवस्था शुरू नहीं की गई है. इसके चलते सवाल उठ रहे हैं कि जब पूरे प्रदेश में यहां तक कि देश में स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमा हॉल, मेले, पर्यटन स्थल इन सब को बंद कर दिया गया है. वहां पर जांच की व्यवस्था शुरू कर दी गई है.

लोगों को 50 से अधिक की संख्या में एकत्रित नहीं होने की एडवाइजरी जारी की गई है. तो फिर सरकार के हृदय के जाने वाले सचिवालय में यह लापरवाही क्यों बरती जा रही है. जबकि इसी सचिवालय से कोरोना से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर तैयारियां की जा रही है. इसी सचिवालय में बैठकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना को हराने को लेकर प्लानिंग कर रहे हैं.

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इसी सचिवालय से स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी सभी जिलों में कोरोना को लेकर सतर्क रहने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं. फिर इसी सचिवालय में इस तरह की लापरवाही क्यों बरती जा रही है. सचिवालय में हर दिन सैकड़ों की संख्या में लोग दूरदराज गांव ढाणी से अपने काम को लेकर पहुंचते हैं. यह सभी लोग बस, ट्रेन और ऑटो में सफर कर के अलग-अलग लोगों के बीच संपर्क में आने के बाद यहां पहुंचते हैं. ऐसे में यहां पर अगर किसी भी व्यक्ति में संक्रमण की शिकायत आ जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी.

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