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Rajasthan High Court: रामनिवास बाग के मसाला चौक मामले में बहस हुई पूरी, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित - rajasthan news update

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने रामनिवास बाग के मसाला चौक (Ram Niwas Bagh Masala Chowk case) के मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मामला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, जेडीए और याचिकाकर्ता की ओर से बहस पूरी की गई.

Ram Niwas Bagh Masala Chowk case
हाईकोर्ट में रामनिवास बाग के मसाला चौक मामले में बहस पूरी, फैसला सुरक्षित
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Published : Dec 15, 2021, 8:31 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने रामनिवास बाग में मसाला चौक (Ram Niwas Bagh Masala Chowk case) बनाए जाने के खिलाफ दायर आवमानना याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, जेडीए और याचिकाकर्ता की ओर से बहस पूरी की गई. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश अश्विनी तिवाड़ी की अवमानना याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनंत कासलीवाल ने कहा कि रामनिवास बाग में चिल्ड्रन पार्क की जगह पर मसाला चौक बनाया गया है. इसमें अदालती निर्देशों का उल्लंघन हुआ है. हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस आरएस वर्मा की याचिका पर सभी उद्यानों में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया था, लेकिन बच्चों के पार्क की जमीन पर मसाला चौक बनाकर वहां पर अब व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जो अदालती आदेशों की अवमानना है.

पढ़ें.पुलिस अधिकारी हवा में उड़ा रहे हैं आदेश, डीजीपी उपस्थिति कराएं सुनिश्चित: राजस्थान हाईकोर्ट

वहीं जेडीए के अधिवक्ता अमित कुडी ने कहा कि जेडीए ने मसाला चौक का निर्माण हाईकोर्ट के 1993 के आदेश के अनुसार ही किया है. अदालत ने उस समय रामनिवास बाग के कॉर्नर पर कियोस्क बनाने के लिए कहा था. वहीं हाईकोर्ट का 2010 में दिया फैसला केवल तत्कालीन चाट वालों के पुनर्वास तक ही सीमित था. उस आदेश के प्रावधान इस मामले में लागू नहीं होते हैं. इसलिए मसाला चौक को बनाकर जेडीए ने अवमानना नहीं की है.

इस मामले पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि अवमानना याचिका में सीएस, जेडीसी और पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव सहित अन्य को पक्षकार बनाते हुए मसाला चौक को बंद करने की गुहार की गई है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने रामनिवास बाग में मसाला चौक (Ram Niwas Bagh Masala Chowk case) बनाए जाने के खिलाफ दायर आवमानना याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार, जेडीए और याचिकाकर्ता की ओर से बहस पूरी की गई. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव व विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश अश्विनी तिवाड़ी की अवमानना याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनंत कासलीवाल ने कहा कि रामनिवास बाग में चिल्ड्रन पार्क की जगह पर मसाला चौक बनाया गया है. इसमें अदालती निर्देशों का उल्लंघन हुआ है. हाईकोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस आरएस वर्मा की याचिका पर सभी उद्यानों में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया था, लेकिन बच्चों के पार्क की जमीन पर मसाला चौक बनाकर वहां पर अब व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, जो अदालती आदेशों की अवमानना है.

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वहीं जेडीए के अधिवक्ता अमित कुडी ने कहा कि जेडीए ने मसाला चौक का निर्माण हाईकोर्ट के 1993 के आदेश के अनुसार ही किया है. अदालत ने उस समय रामनिवास बाग के कॉर्नर पर कियोस्क बनाने के लिए कहा था. वहीं हाईकोर्ट का 2010 में दिया फैसला केवल तत्कालीन चाट वालों के पुनर्वास तक ही सीमित था. उस आदेश के प्रावधान इस मामले में लागू नहीं होते हैं. इसलिए मसाला चौक को बनाकर जेडीए ने अवमानना नहीं की है.

इस मामले पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि अवमानना याचिका में सीएस, जेडीसी और पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव सहित अन्य को पक्षकार बनाते हुए मसाला चौक को बंद करने की गुहार की गई है.

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