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जयपुर: कोरोना के खौफ तले श्रद्धालुओं ने की गुरुद्वारे में मत्था टेक महामारी से मुक्ति की अरदास - Guideline unlock 4 jaipur

प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन का बाद बंद बड़े धार्मिक स्थल सोमवार से खुल गए है. जिसके बाद मंदिर-मस्जिद-चर्च और गुरुद्वारे अनलॉक हो गए है. ऐसे में जयपुर के सबसे बड़े राजापार्क गुरुद्वारे के द्वार भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए.

Guideline unlock 4 jaipur
गुरुद्वारे में मत्था टेक की महामारी से मुक्ति की अरदास
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Published : Sep 7, 2020, 9:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान में पिछले कई महीनों से बंद बड़े धार्मिक स्थल सोमवार से खुल गए है. जिसके बाद मंदिर-मस्जिद-चर्च और गुरुद्वारे अनलॉक हो गए है. ऐसे में जयपुर के सबसे बड़े राजापार्क गुरुद्वारे के द्वार भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. जहां श्रद्धालुओं ने मथा तो टेका लेकिन कोरोना का खौफ भी उनपर साफ झलक रहा था.

गुरुद्वारे में मत्था टेक की महामारी से मुक्ति की अरदास

पहले जहां रात से ही गुरुद्वारे को खोले जाने की तैयारी हुई और कोरोना संक्रमण से बचाव के इंतजामात किए गए. वहीं सुबह जैसे ही गुरुद्वारा के द्वार खुले तो श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे. जहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोगों ने मत्था टेका और कोरोना महामारी से मुक्ति की अरदास की. इस दौरान गुरुद्वारा में सिर ढकने के लिए भी अलग-अलग कपड़े का उपयोग हुआ. साथ ही हाथ धोने के लिए भी ऑटोमेटिक मशीन का भी उपयोग किया गया.

पढ़ें- राजस्थान में कोरोना के 722 नए मामले, कुल पॉजिटिव आंकड़ा 91678...अब तक 1,147 मौतें

मथा टेकने से पहले श्रदालुओं को रैलिंग पर हाथ नहीं लगाना, किसी से बातचीत नहीं करना और बिना देरी किए दर्शन कर आगे बढ़ते रहने के बारे में भी बताया गया. हालांकि कोरोना के खौफ के चलते पहले दिन गुरुद्वारे में श्रद्धालु की संख्या काफी कम रही. जो एक तरह से काफी हद तक अच्छे संकेत भी है, क्योंकि कोविड-19 के इस दौर में लोग खुद जागरूक है. वहीं गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से भी लोगों को कम से कम गुरुद्वारे में आने की अपील भी की जा रही है, जो काफी हद तक सार्थक हो रही है.

जयपुर. राजस्थान में पिछले कई महीनों से बंद बड़े धार्मिक स्थल सोमवार से खुल गए है. जिसके बाद मंदिर-मस्जिद-चर्च और गुरुद्वारे अनलॉक हो गए है. ऐसे में जयपुर के सबसे बड़े राजापार्क गुरुद्वारे के द्वार भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. जहां श्रद्धालुओं ने मथा तो टेका लेकिन कोरोना का खौफ भी उनपर साफ झलक रहा था.

गुरुद्वारे में मत्था टेक की महामारी से मुक्ति की अरदास

पहले जहां रात से ही गुरुद्वारे को खोले जाने की तैयारी हुई और कोरोना संक्रमण से बचाव के इंतजामात किए गए. वहीं सुबह जैसे ही गुरुद्वारा के द्वार खुले तो श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे. जहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लोगों ने मत्था टेका और कोरोना महामारी से मुक्ति की अरदास की. इस दौरान गुरुद्वारा में सिर ढकने के लिए भी अलग-अलग कपड़े का उपयोग हुआ. साथ ही हाथ धोने के लिए भी ऑटोमेटिक मशीन का भी उपयोग किया गया.

पढ़ें- राजस्थान में कोरोना के 722 नए मामले, कुल पॉजिटिव आंकड़ा 91678...अब तक 1,147 मौतें

मथा टेकने से पहले श्रदालुओं को रैलिंग पर हाथ नहीं लगाना, किसी से बातचीत नहीं करना और बिना देरी किए दर्शन कर आगे बढ़ते रहने के बारे में भी बताया गया. हालांकि कोरोना के खौफ के चलते पहले दिन गुरुद्वारे में श्रद्धालु की संख्या काफी कम रही. जो एक तरह से काफी हद तक अच्छे संकेत भी है, क्योंकि कोविड-19 के इस दौर में लोग खुद जागरूक है. वहीं गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से भी लोगों को कम से कम गुरुद्वारे में आने की अपील भी की जा रही है, जो काफी हद तक सार्थक हो रही है.

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