जयपुर. कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने शुक्रवार को समाज कल्याण बोर्ड (Social Welfare Board in Rajasthan) के अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत की मौजूदगी में अर्चना शर्मा ने पदभार ग्रहण किया.
इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस बोर्ड को खत्म कर केंद्र सरकार ने 5000 करोड़ की समाज कल्याण की योजनाओं को बंद करने का प्रयास किया, उसका जवाब देते हुए प्रदेश सरकार ने समाज कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया है, ताकि लोक कल्याणकारी योजनाओं को आसानी से संचालित किया जा सके और जनता की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जा सके. अर्चना शर्मा ने कहा कि एक सामान्य कार्यकर्ता को समाज कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर उन्होंने कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ाने का काम किया है.
उन्होंने कांग्रेस आलाकमान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय शुरू किए गए समाज कल्याण बोर्ड को खत्म कर दिया और प्लानिंग कमीशन की जगह जो नीति आयोग बना, उसका सबसे बड़ा फैसला जनता के खिलाफ था. 5000 करोड़ की समाज कल्याण की योजना को बंद कर लिया जाए, जब ये नकारात्मक निर्णय लिया गया तो प्रदेश के मुखिया ने कहा कि लोकतंत्र का अर्थ ही लोक कल्याण है और जब लोकल्याणकारी योजनाओं को संचालित करने वाला विभाग ही बंद कर दिया जाएगा तो जनतंत्र में जनसेवा का कोई तात्पर्य नहीं रहेगा. ऐसे में मुख्यमंत्री ने राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया.
उन्होंने कहा कि फ्री मेडिसिन, फ्री जांच, चिरंजीवी योजना या शहरी रोजगार योजना जैसे इनोवेटिव आइडिया के जनक रहे मुख्यमंत्री ने इस क्रम में समाज कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया है. ताकि लोक कल्याणकारी योजनाओं को आसानी से संचालित किया जा सके और जनता की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जा सके.
उन्होंने कहा कि बोर्ड के गठन में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मेंबर्स की भी नियुक्ति हुई है. सब मिलकर इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को जनता तक पहुंचाया जाए. सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजना जनता तक पहुंचे. जनता को इसका लाभ मिल सके. कांग्रेस केंद्र और भाजपा की ओर से जो नकारात्मक राजनीति चलती है, उसका मुंह तोड़ जवाब देकर जन कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहेगी. इस दौरान अर्चना शर्मा ने पहले मंत्री महेश जोशी और उसके बाद पहुंचे मंत्री शांति धारीवाल के समक्ष अनुमति लेते हुए नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए.