जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर्यावरण अनुकूल विद्युतीकरण का कार्य तीव्र गति से किए जा रहे हैं. रेलवे विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में प्राथमिकता दी गई है. संपूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 1857 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखंड रेवाड़ी- अजमेर वाया फुलेरा और रेवाड़ी- अजमेर वाया जयपुर रेलखंडों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्री रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर उदयपुर-डेट 115 किलोमीटर रेलखंड का विद्युतीकरण 133 करोड़ की लागत से किया गया है. इस रेलखंड को रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा रेल संचालन के लिए अनुमोदित कर दिया गया है.
इस मार्ग के विद्युतीकरण से राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुड़ाव अजमेर, जयपुर और दिल्ली से इलेक्ट्रिक कनेक्शन से जुड़ जाएगा. इसके साथ ही रेल इंजन चेंज करने में लगने वाले समय में भी कमी आएगी. यह रेलखंड क्षेत्र से दिल्ली की ओर जाने वाले मार्ग को पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन से जोड़ने में सहायक होगा.
वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर 2557 किलोमीटर का कार्य प्रगति पर है. वहीं इन कार्यों के होने पर संपर्क विद्युतीकृत लाइने आपस में जुड़ जाने के बाद इन पर विद्युतीकृत रेलगाड़ियों का संचालन शुरू किया जाएगा. विद्युतीकरण होने से रेलवे यात्रियों को काफी फायदे होंगे.
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विद्युतीकरण के फायदे
- ट्रेनों की औसत गति में वृद्धि
- डीजल इंजन के धुए से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति
- अधिक ट्रेनों का संचालन संभव
- वर्तमान में इलेक्ट्रिक ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने और इनमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग के कारण अधिक सुविधाएं मिलेंगी
- विद्युत इंजनो की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वाहन होगा
- ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी आएगी
- यह यात्रियों के लिए फास्टर एंड कन्वेनिएंट होंगी