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चिकित्सीय संसाधनों की कमी को लेकर मुख्य न्यायाधीश से दखल की गुहार - Jaipur News

दी बार एसोसिएशन की ओर से प्रदेश में ऑक्सीजन सहित चिकित्सीय संसाधनों की कमी को लेकर मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर दखल की गुहार की गई है. अदालत ने मामले में 28 अप्रैल को सुनवाई रखी है.

lack of Oxygen in Rajasthan.  Jaipur News
मुख्य न्यायाधीश से दखल की गुहार
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Published : Apr 27, 2021, 10:51 PM IST

जयपुर. दी बार एसोसिएशन की ओर से प्रदेश में मेडिकल, ऑक्सीजन सहित चिकित्सीय संसाधनों की कमी को लेकर मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर दखल की गुहार की गई है. एसोसिएशन के महासचिव सतीश शर्मा की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से 19 अप्रैल से जन अनुशासन पखवाड़ा शुरू किया गया है. वहीं, आमजन को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं देने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है.

पढ़ें- तीन साल से चिकित्सक को वेतन नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

पत्र में कहा गया कि प्रदेश में रोजाना 15 हजार से अधिक लोग कोविड से संक्रमित लोग सामने आ रहे हैं. इसके अलावा ऑक्सीजन सहित अन्य संसाधनों की कमी से लोगों की मौत भी हो रही है. ऐसे में हाईकोर्ट मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर दिशा-निर्देश जारी करें. गौरतलब है कि इससे पूर्व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख चुकी है. जिस पर अदालत ने उसे जनहित याचिका के तौर पर दर्ज कर 28 अप्रैल को सुनवाई रखी है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर को फरवरी 2018 से वेतन नहीं देने पर कार्मिक सचिव, चिकित्सा सचिव और निदेशक सहित कोटा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार ने यह आदेश डॉ. राधा कृष्ण मीणा की याचिका पर दिए.

जयपुर. दी बार एसोसिएशन की ओर से प्रदेश में मेडिकल, ऑक्सीजन सहित चिकित्सीय संसाधनों की कमी को लेकर मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर दखल की गुहार की गई है. एसोसिएशन के महासचिव सतीश शर्मा की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से 19 अप्रैल से जन अनुशासन पखवाड़ा शुरू किया गया है. वहीं, आमजन को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं देने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है.

पढ़ें- तीन साल से चिकित्सक को वेतन नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

पत्र में कहा गया कि प्रदेश में रोजाना 15 हजार से अधिक लोग कोविड से संक्रमित लोग सामने आ रहे हैं. इसके अलावा ऑक्सीजन सहित अन्य संसाधनों की कमी से लोगों की मौत भी हो रही है. ऐसे में हाईकोर्ट मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेकर दिशा-निर्देश जारी करें. गौरतलब है कि इससे पूर्व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख चुकी है. जिस पर अदालत ने उसे जनहित याचिका के तौर पर दर्ज कर 28 अप्रैल को सुनवाई रखी है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर को फरवरी 2018 से वेतन नहीं देने पर कार्मिक सचिव, चिकित्सा सचिव और निदेशक सहित कोटा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार ने यह आदेश डॉ. राधा कृष्ण मीणा की याचिका पर दिए.

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