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एकल पट्टा प्रकरण में तीन अफसरों के विरुद्ध केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र पेश

प्रदेश सरकार ने एकल पट्टा प्रकरण के तीन आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है. आरोपी तत्कालीन एसीएस, पूर्व आरएएस और एक अन्य अधिकारी शामिल हैं. जबकि आरोपी शैलेन्द्र गर्ग, विजय मेहता और अनिल अग्रवाल के विरुद्ध मामला अदालत में जारी रहेगा.

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एकल पट्टा प्रकरण में प्रार्थना पत्र पेश
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Published : Jan 21, 2021, 9:54 AM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार ने एकल पट्टा प्रकरण के तीन आरोपी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी है. इनमें तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सैनी शामिल हैं. जबकि आरोपी शैलेन्द्र गर्ग, विजय मेहता और अनिल अग्रवाल के विरुद्ध मामला अदालत में जारी रहेगा. राज्य सरकार की ओर से तीनों अधिकारियों के विरुद्ध चल रहे केस को वापस लेने के लिए एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी पेश कर दिया है, जिस पर अदालत 12 फरवरी को सुनवाई करेगी.

प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि मामले के सरकारी अधिकारी शामिल नहीं थे. विभाग में यह फ़ाइल विभागीय प्रक्रिया के तहत ही निस्तारित की गई थी. मामले में रामशरण सिंह ने 9 मई 2013 को एसीबी में शिकायत दी थी, जिसमें कहा गया था कि जेडीए, यूडीएच और राजेन्द्र नगर आदर्श गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने फर्जी तरीके से गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग के नाम करोड़ों रुपए की 41 हजार 092 वर्ग गज जमीन का एकल पट्टा जारी कर दिया.

यह भी पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा- बिना लाइसेंस पशु रखने वालों पर क्या कार्रवाई हुई

एसीबी ने मामले में जांचकर करीब 18 महीने बाद मामला दर्जकर आईएएस जीएस संधू, जेडीए उपायुक्त ओंकारमल सैनी और निष्काम दिवाकर सहित कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग व गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारी अनिल अग्रवाल और विजय मेहता को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश करते हुए कुछ आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित रखी थी. वहीं बाद में एसीबी ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और उपसचिव एनएल मीणा को क्लीन चिट दे दी थी.

जयपुर. राजस्थान सरकार ने एकल पट्टा प्रकरण के तीन आरोपी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी है. इनमें तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सैनी शामिल हैं. जबकि आरोपी शैलेन्द्र गर्ग, विजय मेहता और अनिल अग्रवाल के विरुद्ध मामला अदालत में जारी रहेगा. राज्य सरकार की ओर से तीनों अधिकारियों के विरुद्ध चल रहे केस को वापस लेने के लिए एसीबी कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी पेश कर दिया है, जिस पर अदालत 12 फरवरी को सुनवाई करेगी.

प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि मामले के सरकारी अधिकारी शामिल नहीं थे. विभाग में यह फ़ाइल विभागीय प्रक्रिया के तहत ही निस्तारित की गई थी. मामले में रामशरण सिंह ने 9 मई 2013 को एसीबी में शिकायत दी थी, जिसमें कहा गया था कि जेडीए, यूडीएच और राजेन्द्र नगर आदर्श गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारियों ने फर्जी तरीके से गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग के नाम करोड़ों रुपए की 41 हजार 092 वर्ग गज जमीन का एकल पट्टा जारी कर दिया.

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एसीबी ने मामले में जांचकर करीब 18 महीने बाद मामला दर्जकर आईएएस जीएस संधू, जेडीए उपायुक्त ओंकारमल सैनी और निष्काम दिवाकर सहित कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग व गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारी अनिल अग्रवाल और विजय मेहता को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश करते हुए कुछ आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित रखी थी. वहीं बाद में एसीबी ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और उपसचिव एनएल मीणा को क्लीन चिट दे दी थी.

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