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मुख्यमंत्री का जवाब : पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला...'एक्साइज ड्यूटी केंद्र बढ़ाता है, बदनाम राज्य सरकारें होती हैं'

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बजट घोषणाएं कैसे पूरी होंगी इसकी चिंता विपक्ष न करे. यह काम राज्य सरकार का है. वहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने केंद्र पर निशाना साधा. कहा कि एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार बढ़ाती है और बदनाम राज्य सरकारें होती हैं.

Rajasthan Legislative Budget Session, Answer on Rajasthan Chief Minister's budget, Ashok Gehlot budget answer
बजट पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बजवाई तालियां
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Published : Mar 4, 2021, 9:18 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 10:33 PM IST

जयपुर. बजट पर अपना जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष पर जमकर हमला किया. नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया की तमाम आलोचनाओं के बाद जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खड़े हुए तो उन्होंने मेज थपथपा रहे कांग्रेस के विधायकों से और तालियां बजाने को कहा.

बजट पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बजवाई तालियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये तालियां राजस्थान के हितों की रक्षा, राजस्थान के विकास, राजस्थान के भविष्य के लिए बज रही हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष इन के वरिष्ठ नेताओं का भी आभार पेश करता हूं कि बजट पर आप लोगों के पास कहने को कुछ नहीं रहा. इसलिए आप में से कई लोग मुंह छुपाकर प्रेस से बिना मिले चले गए. 2019-20 की आलोचना आप लोग कर रहे हो जबकि बजट 2020- 21 का आ रहा है.

बजट घोषणाएं पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी...

गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष को कहा कि आपने यह चिंता प्रकट की जो हमें करनी चाहिए थी कि यह बजट जो पेश किया इसका क्या होगा. यह चिंता सरकार को करनी चाहिए. मुख्यमंत्री को करनी चाहिए, मंत्रियों को करनी चाहिए, इसकी चिंता आपको नहीं हमको करनी है. गहलोत ने कहा कि जादूगरी और बाजीगरी करने के आरोप सरकार पर लगते हैं लेकिन बाजीगरी तो नेता प्रतिपक्ष कर रहे थे.

पढ़ें- बड़ी खबर: हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए Corona Vaccine का टीका लगवाना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बड़े गर्व से बता रहे थे कि राजीव गांधी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर गुरु गोविंद के नाम पर कर दिया गया. हमने ऐतराज भी नहीं किया, हमने जो कहा है वह करके दिखाएंगे. पहले भी किया है. कोरोना के बाद भी हमने जो बजट का प्रावधान किया है मुझे लगा था कि आप इसे एप्रीसिएशन करेंगे. लेकिन एक शब्द नहीं बोले, जबकि उस समय सबकी सांसे अटकी हुई थी कि पता नहीं क्या होगा हमारी जिंदगी का.

कोरोना काल में सरकार ने शानदार प्रबंधन किया...

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वक्त भी हमने देखा है भूलना नहीं चाहिए कि पूरा राजस्थान नहीं पूरा देश दुनिया चिंतित थी. उसके बावजूद भी हमने शानदार प्रबंधन किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट पेश करते ही मैंने मुख्य सचिव को फोन किया कि सभी विभागों को यह निर्देश जारी करें कि बजट के प्रस्तावों को श्रेणीबद्ध किया जाए कि मॉनिटरिंग शुरू कर सकें.

बजट पर जवाब देते हुए किसानों को दी सौगात

उन्होंने कहा कि यह आप ही की भावना है कि टाइम बाउंड बजट इंप्लीमेंट कैसे होगा. तो मैं आपको बता दूं कि मैं उसी दिन से इस काम में लग गया हूं जिस दिन हमने बजट पेश किया था. अभी निकल चुके हैं विभागों में और श्रेणी बंद कर मॉनिटरिंग हम खुद कर कर रहे हैं. इसके साथ ही हमने विभागों एमनेस्टी स्कीम स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत संशोधित प्रावधानों को हमने लागू कर दिया है.

प्रदेश में कोरोना के चलते कर्मचारियों का और आप सब का जो 1600 करोड़ रोक रखा था. उसको भी रिलीज कर दिया है. यह एक संदेश देने के लिए किया है कि सरकार मैनेजमेंट करेगी. चाहे केंद्र से पैसा कम मिले या ज्यादा मिले.

पढ़ें- बजट बहस पर जवाब देते हुए गहलोत ने फिर की घोषणाओं की बारिश, कटारिया ने कहा- कहां से आएगा पैसा, बजाओ ताली

उन्होंने कहा कि हम केंद्र को बुरा भला नहीं कहते हैं. हम केवल जो संविधान में लिखा हुआ है. वह हमें मिले इसकी बात कर रहे हैं. जो कोई गलत बात नहीं है. 14 फाइनेंस कमिशन में मिला राज्यों का अधिकार कि केंद्रीय करों का डिवीजन होगा. जीएसटी आएगी तो जीएसटी का डिवीजन होगा. अगर वह हम मांगते हैं और वह अगर नहीं मिलता है तो क्या हम हमारा अधिकार नहीं मांगें.

विपक्ष पूर्वाग्रह से ग्रसित...

उन्होंने विपक्ष पर पूर्वाग्रह से आरोप लगाने की बात कहते हुए कहा कि आप लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बात करते हो. वह अगर दे रहे हैं तो कोई एहसान नहीं कर रहे हैं. पार्टी चाहे किसी की हो जो कानून का प्रोविजन है वह हम मांग रहे हैं. गहलोत ने कहा कि जिस रूप में केंद्र सरकार काम कर रही है वह अफसोस जनक है. जिस तरीके से 14 वित्तीय कमीशन ने कहा 30% से केंद्रीय करों के इस से बढ़कर 42% होंगे, यह उनकी अच्छी मंशा थी.

केंद्र सरकार को 32 से 42% करना पड़ा. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जितनी भी इसकी में थी सेंटर स्पॉन्सर्ड स्कीम थी उनको तोड़ मरोड़ दिया और 90 और 10 का या 80 और 10 का या 7 0 ओर 30 यह 100% का केंद्र और राज्यों का रेश्यो था उन सभी को उन्होंने तो और मरोड़ करके 50 प्रतिशत पर लेकर आ गए हैं.

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के बीमा की बात केंद्र करता है. उसमें 60 और 40 का रेश्यो है. जो अब 39 और 61 हो गया है. लेकिन अब हमने जो यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू कर दी है, जिससे हर किसी को इस योजना का लाभ भी मिलेगा. इसमें 10% केंद्र सरकार और 90% राज्य सरकार देगी. हम सब का बीमा करके देंगे. गहलोत ने कहा कि चाहे केंद्र सरकार हो चाहे राज्य सरकार हो कोरोना के बाद सबके सामने क्राइसिस है. लेकिन उसके बावजूद भी जो मैनेजमेंट किया जा रहा है, वह शानदार है.

भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार से हमारा मैनेजमेंट बढ़िया...

उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राज्य सरकार से भी अपनी सरकार की तुलना करते हुए कहा कि इस बार विपक्ष ने कहा कि 60% ही पैसा खर्च हुआ है. जबकि 60 नहीं 62.15% पैसा खर्च किया गया है. आपकी सरकार की तुलना में हमारा मैनेजमेंट शानदार है. 31 दिसंबर तक जब कोरोना काल था तो सब कुछ बंद था. तब भी 62.15% पैसा खर्च हुआ. जबकि प्रदेश में जब आप की सरकार थी तो उदय योजना में जब केंद्र सरकार ने बिजली कंपनियों को पैसा दिया तो भी पूर्ववर्ती सरकार के समय बजट का केवल 63. 4 5% ही खर्च हुआ था.

पढ़ें- राजस्थान के 17 जिलों में बिगड़ा लिंगानुपात का ग्राफ....अलवर में हालात बेहतर

जो हालात देश में कोरोना के बाद है उसके बावजूद भी फिसकल पैरामीटर हमारे कंट्रोल में है. जब कोरोना आया है और रेवेन्यू के सोर्स बंद हो गए हैं. तो फिस्कल डेफिसिट और रिवेन्यू डिफिसिट बढ़ना ही था. उसके बावजूद भी 20- 21 में जो संशोधित बजट पेश किया है उसमें 6. 2% डेफिसिट रहा है. लेकिन केंद्र सरकार की स्थिति यह है उनकी रिवेन्यू डिफिसिट 7.5 प्रतिशत हो चुका है. फिसकल डिफिसिट 9.5 परसेंट पर चला गया है.

उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया पर आरोप लगाया कि आज आपने सारी बातें प्रेज्यूडिश होकर कहि आपको खाली बोलना था. आंकड़े बता रहे थे इसलिए आपने बता दिया. अगर आप नेता प्रतिपक्ष के आधार पर बोलते. कुछ विश्लेषण करते. कुछ अप्रिशिएट करते. कुछ कमियां बताते तो हम खुश होते. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जो व्यवहार कर रही है हमारे 2020 -21 के बजट में बिना किसी कारण के 14 हजार करोड़ का कमी कर दी है.

केंद्र सरकार ने 5.50 हजार करोड़ एक्ट ऑफ गॉड के नाम पर कट किया...

सेंटर टैक्स और जीएसटी में जिसमे से 5.50 हजार करोड़ तो एक्ट ऑफ गॉड के नाम पर कम कर दिया. एक्ट ऑफ गॉड तो है लेकिन केंद्र के पास तो कई विकल्प हैं. राज्यो के पास कोई विकल्प नहीं है. एक्साइज, माइनिंग और ट्रांसपोर्ट के अलावा कोई विकल्प राज्यों के पास नहीं हैं. क्या केंद्रों को इसके बावजूद भी कटौती करनी चाहिए थी. जबकि हालात अब ये हो गए हैं कि लोन लेने के लिए भी अब परमिशन लेनी पड़ती है. 2021- 22 में सेंट्रल टैक्स में 12000 करोड़ की कमी होगी यह पहले ही कह दिया गया है पता नहीं जीएसटी में कितना कम होगा.

पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर किया केंद्र सरकार पर गहलोत ने हमला करते हुए कहा कि केंद्र की गलतियों के कारण मजबूरी में हमें वैट बढ़ाना पड़ा. लेकिन फिर भी जनता को राहत देने के लिए हमने 2% वैट की कटौती की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरीके से पेट्रोल डीजल के भाव रोज बढ़ते जा रहे हैं, एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार बढ़ाती है ओर बदनाम राज्य सरकारें होती है.

उन्होंने दोहराया कि जिस तरीके से राज्यों को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी को कम किया गया और केंद्र को मिलने वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को केंद्र सरकार ने बढ़ाया है. उससे राज्यों को मिलने वाले टैक्स में कमी आई है. इसके बावजूद भी हमने 2% वैट कम किया है. उसका 1000 करोड़ का रेवेन्यू लॉस हुआ.

प्रदेश और देश में जिस तरीके से आग लगी हुई थी सब लोग चिंतित थे. इसलिए यह हमने किया. उन्होंने देश में चल रही विभिन्न योजनाओं में कटौती कर रेश्यो को 60 और 40 लाने पर कहा. नरेगा में भी केंद्र सरकार ने यही किया. इसी के चलते हमने 400 करोड़ खर्च किए. ताकि लोगों को फायदा मिले. उन्होंने केंद्र सरकार को 14 वें फाइनेंस कमीशन की धज्जियां उड़ाने वाली सरकार बताया.

राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ये कदम करेगी लागू

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम कह सकते हैं कि आने वाले समय में राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कुछ कदम उठाने जा रही है. जिनमें राज्य में राजस्व बढ़ाने के लिए कर वृद्धि की जगह कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा. अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए राहत प्रदान कर टैक्सबेस को इनक्रीस करने का प्रयास होगा. एमनेस्टी स्कीम हमने शुरू कर दी है. डीएलसी रेट कम की है.

इन कदमों से टैक्स रेवेन्यू में एक और वृद्धि होगी ही. वहीं राज्यों के इंडस्ट्री ,व्यवसाई को ग्रोथ करने का भी अवसर मिलेगा. माइनिंग टूरिज्म के क्षेत्र में भी हम लोग थ्रस्ट एरिया बना रहे हैं. जिससे कि इस एरिया को डेवलप करने की और ज्यादा संभावना बनेगी. टूरिज्म सेक्टर के लिए सब कहते हैं कि राजस्थान सिरमौर है. आजादी के बाद सबसे ज्यादा 500 करोड़ का प्रावधान इस बार किया गया है.

पढ़ें- मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दिखाई मानवता, सड़क किनारे घायल लड़कियों को एंबुलेंस बुलाकर भिजवाया अस्पताल

टैक्स कवरेज को बढ़ाएंगे. टैक्स नहीं देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सेंटर एक्सीलेंस एंड रेवेन्यू एनालिटिक संस्था का गठन किया गया है. मुखबिर योजना में 50000 से बढ़ाकर एक लाख पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. इन कदमों से हम चाहते हैं कि सब को इसका लाभ मिले.

पिछली सरकार ने बिना प्रोविजन के ₹832 प्रतिमाह किसानों को देने की घोषणा चुनाव के चलते की. अब हमने इसमें पैसे का प्रोविजन किया है. 832 की जगह 1000 रुपए किसान को दिया जाएगा. यानी कि किसान को साल में 10000 की जगह अब 12000 प्रति वर्ष मिलेगा.

जयपुर. बजट पर अपना जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्ष पर जमकर हमला किया. नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया की तमाम आलोचनाओं के बाद जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खड़े हुए तो उन्होंने मेज थपथपा रहे कांग्रेस के विधायकों से और तालियां बजाने को कहा.

बजट पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बजवाई तालियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये तालियां राजस्थान के हितों की रक्षा, राजस्थान के विकास, राजस्थान के भविष्य के लिए बज रही हैं. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष इन के वरिष्ठ नेताओं का भी आभार पेश करता हूं कि बजट पर आप लोगों के पास कहने को कुछ नहीं रहा. इसलिए आप में से कई लोग मुंह छुपाकर प्रेस से बिना मिले चले गए. 2019-20 की आलोचना आप लोग कर रहे हो जबकि बजट 2020- 21 का आ रहा है.

बजट घोषणाएं पूरी करना सरकार की जिम्मेदारी...

गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष को कहा कि आपने यह चिंता प्रकट की जो हमें करनी चाहिए थी कि यह बजट जो पेश किया इसका क्या होगा. यह चिंता सरकार को करनी चाहिए. मुख्यमंत्री को करनी चाहिए, मंत्रियों को करनी चाहिए, इसकी चिंता आपको नहीं हमको करनी है. गहलोत ने कहा कि जादूगरी और बाजीगरी करने के आरोप सरकार पर लगते हैं लेकिन बाजीगरी तो नेता प्रतिपक्ष कर रहे थे.

पढ़ें- बड़ी खबर: हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए Corona Vaccine का टीका लगवाना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बड़े गर्व से बता रहे थे कि राजीव गांधी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर गुरु गोविंद के नाम पर कर दिया गया. हमने ऐतराज भी नहीं किया, हमने जो कहा है वह करके दिखाएंगे. पहले भी किया है. कोरोना के बाद भी हमने जो बजट का प्रावधान किया है मुझे लगा था कि आप इसे एप्रीसिएशन करेंगे. लेकिन एक शब्द नहीं बोले, जबकि उस समय सबकी सांसे अटकी हुई थी कि पता नहीं क्या होगा हमारी जिंदगी का.

कोरोना काल में सरकार ने शानदार प्रबंधन किया...

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वक्त भी हमने देखा है भूलना नहीं चाहिए कि पूरा राजस्थान नहीं पूरा देश दुनिया चिंतित थी. उसके बावजूद भी हमने शानदार प्रबंधन किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट पेश करते ही मैंने मुख्य सचिव को फोन किया कि सभी विभागों को यह निर्देश जारी करें कि बजट के प्रस्तावों को श्रेणीबद्ध किया जाए कि मॉनिटरिंग शुरू कर सकें.

बजट पर जवाब देते हुए किसानों को दी सौगात

उन्होंने कहा कि यह आप ही की भावना है कि टाइम बाउंड बजट इंप्लीमेंट कैसे होगा. तो मैं आपको बता दूं कि मैं उसी दिन से इस काम में लग गया हूं जिस दिन हमने बजट पेश किया था. अभी निकल चुके हैं विभागों में और श्रेणी बंद कर मॉनिटरिंग हम खुद कर कर रहे हैं. इसके साथ ही हमने विभागों एमनेस्टी स्कीम स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत संशोधित प्रावधानों को हमने लागू कर दिया है.

प्रदेश में कोरोना के चलते कर्मचारियों का और आप सब का जो 1600 करोड़ रोक रखा था. उसको भी रिलीज कर दिया है. यह एक संदेश देने के लिए किया है कि सरकार मैनेजमेंट करेगी. चाहे केंद्र से पैसा कम मिले या ज्यादा मिले.

पढ़ें- बजट बहस पर जवाब देते हुए गहलोत ने फिर की घोषणाओं की बारिश, कटारिया ने कहा- कहां से आएगा पैसा, बजाओ ताली

उन्होंने कहा कि हम केंद्र को बुरा भला नहीं कहते हैं. हम केवल जो संविधान में लिखा हुआ है. वह हमें मिले इसकी बात कर रहे हैं. जो कोई गलत बात नहीं है. 14 फाइनेंस कमिशन में मिला राज्यों का अधिकार कि केंद्रीय करों का डिवीजन होगा. जीएसटी आएगी तो जीएसटी का डिवीजन होगा. अगर वह हम मांगते हैं और वह अगर नहीं मिलता है तो क्या हम हमारा अधिकार नहीं मांगें.

विपक्ष पूर्वाग्रह से ग्रसित...

उन्होंने विपक्ष पर पूर्वाग्रह से आरोप लगाने की बात कहते हुए कहा कि आप लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बात करते हो. वह अगर दे रहे हैं तो कोई एहसान नहीं कर रहे हैं. पार्टी चाहे किसी की हो जो कानून का प्रोविजन है वह हम मांग रहे हैं. गहलोत ने कहा कि जिस रूप में केंद्र सरकार काम कर रही है वह अफसोस जनक है. जिस तरीके से 14 वित्तीय कमीशन ने कहा 30% से केंद्रीय करों के इस से बढ़कर 42% होंगे, यह उनकी अच्छी मंशा थी.

केंद्र सरकार को 32 से 42% करना पड़ा. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जितनी भी इसकी में थी सेंटर स्पॉन्सर्ड स्कीम थी उनको तोड़ मरोड़ दिया और 90 और 10 का या 80 और 10 का या 7 0 ओर 30 यह 100% का केंद्र और राज्यों का रेश्यो था उन सभी को उन्होंने तो और मरोड़ करके 50 प्रतिशत पर लेकर आ गए हैं.

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के बीमा की बात केंद्र करता है. उसमें 60 और 40 का रेश्यो है. जो अब 39 और 61 हो गया है. लेकिन अब हमने जो यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू कर दी है, जिससे हर किसी को इस योजना का लाभ भी मिलेगा. इसमें 10% केंद्र सरकार और 90% राज्य सरकार देगी. हम सब का बीमा करके देंगे. गहलोत ने कहा कि चाहे केंद्र सरकार हो चाहे राज्य सरकार हो कोरोना के बाद सबके सामने क्राइसिस है. लेकिन उसके बावजूद भी जो मैनेजमेंट किया जा रहा है, वह शानदार है.

भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार से हमारा मैनेजमेंट बढ़िया...

उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राज्य सरकार से भी अपनी सरकार की तुलना करते हुए कहा कि इस बार विपक्ष ने कहा कि 60% ही पैसा खर्च हुआ है. जबकि 60 नहीं 62.15% पैसा खर्च किया गया है. आपकी सरकार की तुलना में हमारा मैनेजमेंट शानदार है. 31 दिसंबर तक जब कोरोना काल था तो सब कुछ बंद था. तब भी 62.15% पैसा खर्च हुआ. जबकि प्रदेश में जब आप की सरकार थी तो उदय योजना में जब केंद्र सरकार ने बिजली कंपनियों को पैसा दिया तो भी पूर्ववर्ती सरकार के समय बजट का केवल 63. 4 5% ही खर्च हुआ था.

पढ़ें- राजस्थान के 17 जिलों में बिगड़ा लिंगानुपात का ग्राफ....अलवर में हालात बेहतर

जो हालात देश में कोरोना के बाद है उसके बावजूद भी फिसकल पैरामीटर हमारे कंट्रोल में है. जब कोरोना आया है और रेवेन्यू के सोर्स बंद हो गए हैं. तो फिस्कल डेफिसिट और रिवेन्यू डिफिसिट बढ़ना ही था. उसके बावजूद भी 20- 21 में जो संशोधित बजट पेश किया है उसमें 6. 2% डेफिसिट रहा है. लेकिन केंद्र सरकार की स्थिति यह है उनकी रिवेन्यू डिफिसिट 7.5 प्रतिशत हो चुका है. फिसकल डिफिसिट 9.5 परसेंट पर चला गया है.

उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया पर आरोप लगाया कि आज आपने सारी बातें प्रेज्यूडिश होकर कहि आपको खाली बोलना था. आंकड़े बता रहे थे इसलिए आपने बता दिया. अगर आप नेता प्रतिपक्ष के आधार पर बोलते. कुछ विश्लेषण करते. कुछ अप्रिशिएट करते. कुछ कमियां बताते तो हम खुश होते. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जो व्यवहार कर रही है हमारे 2020 -21 के बजट में बिना किसी कारण के 14 हजार करोड़ का कमी कर दी है.

केंद्र सरकार ने 5.50 हजार करोड़ एक्ट ऑफ गॉड के नाम पर कट किया...

सेंटर टैक्स और जीएसटी में जिसमे से 5.50 हजार करोड़ तो एक्ट ऑफ गॉड के नाम पर कम कर दिया. एक्ट ऑफ गॉड तो है लेकिन केंद्र के पास तो कई विकल्प हैं. राज्यो के पास कोई विकल्प नहीं है. एक्साइज, माइनिंग और ट्रांसपोर्ट के अलावा कोई विकल्प राज्यों के पास नहीं हैं. क्या केंद्रों को इसके बावजूद भी कटौती करनी चाहिए थी. जबकि हालात अब ये हो गए हैं कि लोन लेने के लिए भी अब परमिशन लेनी पड़ती है. 2021- 22 में सेंट्रल टैक्स में 12000 करोड़ की कमी होगी यह पहले ही कह दिया गया है पता नहीं जीएसटी में कितना कम होगा.

पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर किया केंद्र सरकार पर गहलोत ने हमला करते हुए कहा कि केंद्र की गलतियों के कारण मजबूरी में हमें वैट बढ़ाना पड़ा. लेकिन फिर भी जनता को राहत देने के लिए हमने 2% वैट की कटौती की. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरीके से पेट्रोल डीजल के भाव रोज बढ़ते जा रहे हैं, एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार बढ़ाती है ओर बदनाम राज्य सरकारें होती है.

उन्होंने दोहराया कि जिस तरीके से राज्यों को मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी को कम किया गया और केंद्र को मिलने वाली एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और स्पेशल एक्साइज ड्यूटी को केंद्र सरकार ने बढ़ाया है. उससे राज्यों को मिलने वाले टैक्स में कमी आई है. इसके बावजूद भी हमने 2% वैट कम किया है. उसका 1000 करोड़ का रेवेन्यू लॉस हुआ.

प्रदेश और देश में जिस तरीके से आग लगी हुई थी सब लोग चिंतित थे. इसलिए यह हमने किया. उन्होंने देश में चल रही विभिन्न योजनाओं में कटौती कर रेश्यो को 60 और 40 लाने पर कहा. नरेगा में भी केंद्र सरकार ने यही किया. इसी के चलते हमने 400 करोड़ खर्च किए. ताकि लोगों को फायदा मिले. उन्होंने केंद्र सरकार को 14 वें फाइनेंस कमीशन की धज्जियां उड़ाने वाली सरकार बताया.

राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ये कदम करेगी लागू

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम कह सकते हैं कि आने वाले समय में राजस्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कुछ कदम उठाने जा रही है. जिनमें राज्य में राजस्व बढ़ाने के लिए कर वृद्धि की जगह कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा. अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए राहत प्रदान कर टैक्सबेस को इनक्रीस करने का प्रयास होगा. एमनेस्टी स्कीम हमने शुरू कर दी है. डीएलसी रेट कम की है.

इन कदमों से टैक्स रेवेन्यू में एक और वृद्धि होगी ही. वहीं राज्यों के इंडस्ट्री ,व्यवसाई को ग्रोथ करने का भी अवसर मिलेगा. माइनिंग टूरिज्म के क्षेत्र में भी हम लोग थ्रस्ट एरिया बना रहे हैं. जिससे कि इस एरिया को डेवलप करने की और ज्यादा संभावना बनेगी. टूरिज्म सेक्टर के लिए सब कहते हैं कि राजस्थान सिरमौर है. आजादी के बाद सबसे ज्यादा 500 करोड़ का प्रावधान इस बार किया गया है.

पढ़ें- मंत्री गजेंद्र शेखावत ने दिखाई मानवता, सड़क किनारे घायल लड़कियों को एंबुलेंस बुलाकर भिजवाया अस्पताल

टैक्स कवरेज को बढ़ाएंगे. टैक्स नहीं देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सेंटर एक्सीलेंस एंड रेवेन्यू एनालिटिक संस्था का गठन किया गया है. मुखबिर योजना में 50000 से बढ़ाकर एक लाख पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. इन कदमों से हम चाहते हैं कि सब को इसका लाभ मिले.

पिछली सरकार ने बिना प्रोविजन के ₹832 प्रतिमाह किसानों को देने की घोषणा चुनाव के चलते की. अब हमने इसमें पैसे का प्रोविजन किया है. 832 की जगह 1000 रुपए किसान को दिया जाएगा. यानी कि किसान को साल में 10000 की जगह अब 12000 प्रति वर्ष मिलेगा.

Last Updated : Mar 4, 2021, 10:33 PM IST
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