जयपुर. प्रदेश कोर कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित कर अरुण सिंह सीधे एमएनआईटी परिसर पहुंच गए. इस दौरान यहां राजे खेमे से आने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत और यूनुस खान के साथ ही बीजेपी विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, नरपत सिंह राजवी और कालीचरण सराफ भी पहुंचे. हालांकि, इनमें कालीचरण सराफ बाद में पहुंचे थे.
बताया जा रहा है बंद कमरे में इन नेताओं ने जहां संगठन पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रदेश प्रभारी के समक्ष अपना दुखड़ा रोया और मौजूदा परिस्थितियों को पार्टी के हित में नहीं होने की बात भी कही. वहीं अरुण सिंह ने मौजूदा विधायकों से प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को लिखे गए पत्र को लेकर भी चर्चा की और पार्टी के भीतर चल रहे गतिरोध को खत्म करने की कोशिश की. हालांकि, अरुण सिंह विधायकों की ओर से बेवजह की जा रही बयानबाजी से काफी नाराज थे, बताया जा रहा है कि इसी के चलते उन्होंने विधायक प्रताप सिंह सिंघवी को यह भी कहा कि बेवजह की बयानबाजी न तो पार्टी के हित में है और न सिंघवी के स्वयं के हित में होगा. पार्टी नेताओं में चर्चा इस बात की भी है कि अरुण सिंह ने नेताओं को मिल रही शिकायतों के चलते तलब किया था. लेकिन यह तमाम नेता बंद कमरे से जब बाहर निकले तो मीडिया से बचते नजर आए. वहीं बार-बार पूछने पर कहा कि हम शिष्टाचार भेंट करने यहां आए थे.
सबसे पहले पहुंचे परनामी, सबसे अंत में सराफ
प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से मुलाकात करने के लिए सबसे पहले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी पहुंचे. उसके बाद राजपाल सिंह शेखावत, यूनुस खान, प्रताप सिंह सिंघवी और नरपत सिंह राजवी पहुंचे. वहीं सबसे अंत में विधायक कालीचरण सराफ भी पहुंचे.
दरअसल, प्रदेश कोर कमेटी की बैठक से पहले अरुण सिंह पत्रकारों के साथ अनौपचारिक वार्तालाप के लिए बैठे थे. इस दौरान उन्होंने मौजूदा घटनाक्रमों को लेकर फीडबैक भी लिया. संभवत: कोर कमेटी की बैठक में भी इससे जुड़ा फीडबैक लेने के बाद उन्होंने वसुंधरा समर्थक कुछ नेताओं को चर्चा के लिए अपने पास बुला लिया. ताकि मौजूदा उठापटक और गुटबाजी को थामा जा सके.