जयपुर. कश्मीर को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के नवीनतम फैसले पर जहां देशभर में खुशी की लहर है, वहीं सरकार के फैसले से कश्मीर विस्थापितों में भी उत्साह कम नहीं है. इनका मानना है कि अब घाटी में पुराने दिन लौट आएंगे और साथ ही अमन की राह अब मुकम्मल हो सकेगी. जयपुर में कश्मीर विस्थापितों के नेता और कश्मीरी मामलों के विशेषज्ञ महाराज कृष्ण शाह ने बताया कि सरकार का फैसला दहशतगर्दी को खत्म करने के साथ-साथ पिछड़ेपन के हालातों से निपटने में भी कारगर साबित होगा.
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कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 के प्रावधानों पर नरेंद्र मोदी सरकार की कैंची चलने के बाद घाटी से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों में भी उम्मीद जगी है. देशभर में बड़ी तादाद में पुनर्वास की मांग को लेकर इंतजार कर रहे इस तबके के लोगों का मानना है की अब वह भी अपने पुरखों की ज़मीन पर लौट पाएंगे. इसके साथ ही 90 के दशक में देश के बाकी हिस्सों से कटा हुआ कश्मीर अब एक बार फिर से मुख्यधारा का हिस्सा बन पाएगा. जयपुर में कश्मीर विस्थापितों के नेता महाराज कृष्ण शाह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और इस फैसले के लिए मोदी सरकार का आभार जताया.
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उन्होंने कहा कि अलगाववादी ताकतों को इस फैसले से करारा जवाब मिला है, साथ ही वर्षों पहले उनके साथ हुई ज्यादती के आरोपियों को सजा मिलने की उम्मीद भी बढ़ी है. महाराज शाह के मुताबिक यह सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही संभव हो पाया है कि वह फिर से कश्मीर में लौटने का मानस बना सकते हैं. अब उन्होंने सरकार से कश्मीर विस्थापितों के पुनर्वास का पुख्ता रोड मैप तैयार करने की मांग की है. इसके साथ ही सुरक्षा को भी अहम मान कर उन्होंने कहा है कि कश्मीरी अवाम के बीच चंद लोग माहौल खराब करने में जुटे हैं पर यह फैसला अब उन लोगों के अरमानों पर भी पानी फेर देगा.