जयपुर. राजस्थान में बजरी खनन पर 16 नवंबर 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में नदियों से बजरी खनन बंद किया गया था, लेकिन चाहे पिछली बीजेपी सरकार हो या फिर वर्तमान अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अवैध बजरी खनन और परिवहन जस का तस बना हुआ है.
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बजरी माफियाओं को राजनेताओं और पुलिस का भी संरक्षण हासिल है. जिसके चलते धड़ल्ले से अवैध बजरी का खनन भी होता है और उसका परिवहन भी होता है. ऐसे में वैध बजरी का काम करने वाले व्यापारियों की हालात खराब है.
यही कारण है कि सोमवार को ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी की ओर से जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया.
इस दौरान इस संगठन के अध्यक्ष नवीन शर्मा ने कहा कि राजस्थान में अवैध बजरी माफिया ने अपने पैर इतने पसार लिए हैं कि राजस्थान के संबंधित विभाग और पुलिस के अधिकारी केवल खानापूर्ति करते हैं और रिपोर्ट सरकार को दे देते हैं. जबकि हकीकत यह है कि ना तो प्रदेश में अवैध बजरी खनन रुक रहा है ना ही अवैध बजरी परिवहन.
शर्मा ने कहा कि पुलिस विभाग अवैध बजरी खनन करने वालों उसे तो बंधी लेती ही है साथ ही साथ जो वैध बजरी खनन का व्यापार करते हैं उनसे भी हर ट्रक के 500 से 1000 रुपए लिए जाते हैं. मुख्यमंत्री के नाम ट्रक ऑपरेटर्स की ओर से 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन भी दिया गया है.
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बजरी ऑपरेटर्स ने मांग की है कि लीजधारकों की ओर से उनकी लीजो में बजरी डिपाजिट नहीं होते हुए भी अवैध बजरी माफिया के वाहनों के रवन्ना जारी किए जा रहे हैं, जिससे नदियों से अवैध खनन कर भारी मात्रा में ओवरलोड ट्रक भरकर शहरों में महंगे दामों में बेचे जा रहे हैं.
दूसरी मांग ऑपरेटर्स ने की है कि जोधपुर, जैतारण, मेड़ता के लीजधारकों की ओर से ट्रकों के परिवहन का विभाग द्वारा अनुमत भार का रवन्ना दिया जा रहा है, लेकिन बजरी 2 से 3 गुना ज्यादा भरवाई जा रही है. वहीं तीसरी मांग के तहत कोटड़ी, जालोर, सायला की नदियों से खनन की अनुमति दी है और उनमें खनन काम भी शुरू हो गया है, लेकिन अवैध बजरी माफियाओं ने इसका तोड़ निकालते हुए इन्हीं लीजों से अनुमत भार का माल भरवा रवन्ना लेकर दो से तीन गुना ओवरलोड बजरी भरकर शहरों में बेची जा रही है.
चौथी मांग यह कि है कि खनन विभाग की ओर से अवैध खनन और परिवहन की जा रही जब्त बजरी को नीलाम किया जाता है. जिसे अवैध बजरी माफिया ही ऊंची बोली लगाकर छुड़ा लेते हैं. ऐसे में उन्हें जब्त स्टॉक की मात्रा के अनुसार रवन्ना मिल जाता हैं, इन्हीं के आधार पर अवैध बजरी माफियाओं की ओर से अवैध बजरी परिवहन किया जा रहा है.
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अंत में ऑपरेटर्स ने पांचवी मांग यहा कि है कि राजस्थान में सरकार ने नोटिफिकेशन निकालकर बजरी भंडारण पर रोक लगाई है, लेकिन जयपुर में कई जगह बजरी भंडारण हो रहा है. यह खनन विभाग और पुलिस विभाग की मिलीभगत के चलते नजर नहीं आ रहा.