जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच भारत सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के इस साल 1 जनवरी, 1 जुलाई और अगले वर्ष 1 जनवरी से बढ़ने वाले महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है. बता दें कि अब इसके विरोध में रेलवे एंप्लाइज भी उतर गए हैं. कईं एंप्लाइज यूनियन द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है. शनिवार को ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने भी इसका विरोध किया.
ऑल इंडिया लोको स्टाफ एसोसिएशन के जोनल संरक्षक धर्मेंद्र कुमार सैनी ने बताया कि संकट की इस घड़ी में रेलवे के कर्मचारी सरकार के साथ पूर्ण निष्ठा के साथ खड़े हैं और वह अपना कार्य भी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच रेलवे कर्मचारी ड्राइवर और गार्ड सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने का काम भी कर रहे हैं. इसके साथ ही रेलवे हॉस्पिटल को भी आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. उसमें भी रेलवे के कर्मचारियों द्वारा मेहनत की गई है. उसमें भी कर्मचारियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है.
इसके साथ ही कर्मचारियों द्वारा पीएम और मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में भी अपने एक दिन का वेतन दिया गया है. यही नहीं जरूरतमंद, गरीब और असहाय लोगों के लिए लगातार राशन की व्यवस्था करवाई जा रही है. धर्मेंद्र सैनी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा कर्मचारी के महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का विरोध भी किया जा रहा है.
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सैनी ने कहा कि सरकार को इस आदेश को वापस लेना होगा, क्योंकि इस आदेश के तहत सभी रेलवे कर्मचारियों के 40 से 45 दिन का वेतन इसमें जाएगा. जिसका विरोध अब ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन भी कर रहा है.