जयपुर. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा ने शनिवार को एक अहम घोषणा की है. किसान सभा के बैनर तले किसानों के जत्थे 7 दिसंबर को प्रदेशभर से दिल्ली हाइवे की तरफ कूच करेंगे. इसके साथ ही 8 दिसंबर को कृषि बिलों के विरोध में भारत बंद का एलान भी किया गया है. अखिल भारतीय किसान सभा की राज्य कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है.
बता दें कि सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड अमराराम और राज्य कमेटी के संयुक्त सचिव डॉ. संजय माधव ने प्रेस वार्ता कर यह घोषणा की है. अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड अमराराम ने प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानून किसान विरोधी और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं. जिन्हें वापस लेने की मांग को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं.
देश के 500 से ज्यादा किसान, आदिवासी और खेतिहर मजदूर संगठन इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. पुलिस के जुल्म को सहन करते हुए किसान दिल्ली तक पहुंचने में सफल हो गए और कड़ाके की सर्दी में भी अपने हक की लड़ाई के लिए डटे हुए हैं, लेकिन सरकार आंदोलनकारी किसानों को बदनाम करने पर तुली हुई है.
सरकार के जुल्म के विरोध में प्रदेशभर में किसान सभा की अगुवाई में किसान आंदोलन हो रहा है. अब राज्य कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि 7 दिसंबर को राजस्थान से किसान जयपुर-दिल्ली हाइवे पर कूच करेंगे. पहला जत्था कोटा से रवाना होगा. उसके बाद अलग-अलग चरण में जिलों और तहसीलों से किसानों के जत्थे दिल्ली की तरफ कूच करेंगे.
पढ़ें- ...फिर भाजपा पर बरसे गहलोत, कहा- राजस्थान और महाराष्ट्र की सरकार को अस्थिर करना चाहती है बीजेपी
अमराराम ने बताया कि किसान आंदोलन के तहत ही 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया गया है. उनका कहना है कि शादी-विवाह और अन्य जरूरी सेवाओं को बंद से अलग रखा जाएगा. अमराराम ने आम जनता, किसानों, मजदूरों और व्यापारियों से भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया है. इसके साथ ही अन्य किसान संगठनों, जनवादी संगठनों, किसान हितैषी राजनीतिक दलों और आम जनता को भी इस आंदोलन में सहयोग देने की अपील की है.