जयपुर. राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय अल्बर्ट हॉल पर्यटन दिवस पर एक बार फिर खुलेगा. लेकिन इस बार ऐसे कई ऑब्जेक्ट होंगे जो कला दीर्घा में पर्यटकों के लिए प्रदर्शित नहीं किए जाएंगे. यही नहीं 3 साल पहले बेसमेंट में पर्यटकों के नजरिए को ध्यान में रखते हुए जिस ममी एरिया को डेवलप किया गया था. वो भी अब अंधेरे गलियारों से रोशनी की चमक के बीच प्रदर्शित होगा.
14 अगस्त को जयपुर में हुई तेज बारिश में अल्बर्ट हॉल में खासा नुकसान हुआ था. बारिश में कुछ ऐतिहासिक दस्तावेज भीग गए थे. इन्हें सुखाया भी गया, लेकिन अब इन्हें पढ़ा नहीं जा सकता. भीषण बारिश इतिहास के पुलिंदों और ढाई हजार साल पुरानी ममी तक ही सीमित नहीं रही. बल्कि अल्बर्ट हॉल के बेसमेंट में रखें 100 साल से पुराने 19 हजार से ज्यादा ऑब्जेक्ट्स भी इसकी चपेट में आए थे.
अल्बर्ट हॉल में पानी भर जाने से 2 मगरमच्छ, 22 पेपर मेशी ऑब्जेक्ट, 50 क्ले मॉडल, 5 क्ले पॉटरी, 20 तलवार, 5 जिरह बख्तर, 2 हेलमेट, 10 चाकू, 10 चमड़े के ढाल खराब हो गए. वहीं लोहे के हथियारों पर जंग लग गई, तो चमड़े के ढाल पानी से फूल गए. यही नहीं आकर्षण का केंद्र रहे दोनों मगरमच्छों में भी पानी भर जाने से उनका रंग भी पूरी तरह बदल गया. हालांकि धूप में, पंखे की हवा में और हीटर से इन्हें सुखाया भी गया. लेकिन अब ये कला दीर्घा की बजाय स्टोर रूम की शोभा बढ़ाएंगे.
वहीं, 1885 में मिस्र से लाई जिस ममी को तीन साल पहले अल्बर्ट हॉल के बेसमेंट में रखा गया था. एक मजबूत गेट से होते हुए जो गोलाई आकार वाली सीढ़ियां बेसमेंट में उतरती थी, मद्धम रोशनी के बीच जो ममी पर्यटकों में रोमांच भर देती थी. वो भी अब उस रोमांच से दूर रोशनी की चमक में प्रथम तल पर दिखेगी. इस बारिश में पानी में डूबने से बचे इस ममी को लेकर अब प्रशासन कोई कोताही नहीं बरतना चाहता. यही वजह है कि इसे पहले सुरक्षित ग्राउंड फ्लोर पर रखा गया था, और अब प्रथम तल पर इसकी दीर्घा को सजाया गया है.
हालांकि बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने में अभी कई महीने और लगेंगे. इस नुकसान की एक लंबी फेहरिस्त अभी बननी बाकी है. लेकिन ये बात साफ हो चुकी है कि अब अल्बर्ट हॉल से जुड़े कई ऐतिहासिक ऑब्जेक्ट उस कला दीर्घा से दूर रहेंगे, जिसे निहारने के लिए हजारों-लाखों पर्यटक यहां पहुंचते थे.