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राजस्थान राजनीति : गुट की नहीं, कांग्रेस की बात करें...विधायकों को नहीं मिलेगी राजनीतिक नियुक्ति, 13 अगस्त तक कैबिनेट विस्तार

राजस्थान के राजनीतिक संकट के हल की उम्मीद लेकर आए के.सी वेणुगोपाल और अजय माकन दिल्ली लौट गए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को माकन ने साफ संदेश दिया. कहा कि गुट की नहीं, कांग्रेस की बात करें. ये भी साफ किया कि विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति फिलहाल नहीं मिलेगी. कैबिनेट विस्तार 13 अगस्त तक हो जाएगा.

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Published : Jul 25, 2021, 7:19 PM IST

अजय माकन ने कहा- गुट की नहीं कांग्रेस की बात करें
अजय माकन ने कहा- गुट की नहीं कांग्रेस की बात करें

जयपुर. राजस्थान में कैबिनेट विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां और संगठन का विस्तार 13 अगस्त तक हो जाएगा. आरपीएससी विवाद मामले में गोविंद डोटासरा को आलाकमान ने क्लीन चिट दे दी. अजय माकन बोले कि निंबाराम के खिलाफ आवाज उठाई तो भाजपा के नेता झूठा आरोप लगा रहे हैं.

राजस्थान में कैबिनेट विस्तार को अंतिम रूप देने के लिए जयपुर आए संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन वापस दिल्ली लौट गए. दोनों नेता अपने साथ क्या मैसेज लाए थे और वापस क्या मैसेज लेकर गए हैं, यह तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव अजय माकन को ही पता है. लेकिन एक बात बिल्कुल साफ है कि राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और संभावित फेरबदल का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 13 अगस्त तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. 15 अगस्त को झंडारोहण करने नए मंत्री जिलों में दिखाई देंगे.

अजय माकन ने कहा- गुट की नहीं कांग्रेस की बात करें

विधायकों को नहीं मिलेगी राजनीतिक नियुक्तियां

पहले यह कहा जा रहा था कि जिन विधायकों का मंत्रिमंडल में नाम नहीं आ सकेगा, ऐसे सभी विधायकों को सरकार राजनीतिक नियुक्तियां देकर एडजस्ट करेगी. लेकिन रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और अजय माकन की बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि राजस्थान में जो विधायक मंत्री नहीं बन सके उन्हें संसदीय सचिव पद ही दिया जा सकेगा. राजनीतिक नियुक्तियों में किसी भी विधायक को स्थान नहीं मिलेगा.

पढ़ें- राजस्थान में सियासी हवा ने बदला रुख : पैगाम लाये डाकिए, चिट्ठी लेकर दिल्ली लौटे

इसके पीछे कारण है कि अगर विधायकों को ही राजनीतिक नियुक्तियां दे दी गईं तो फिर वह कांग्रेस का कार्यकर्ता क्या करेगा जो मेहनत कर कांग्रेस की सरकार बनाने में योगदान देता है. हालांकि यह सही है कि जिन नेताओं को पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट दिया जाएगा उनके जिले और विधानसभा के विधायकों से भी उनके नाम पर चर्चा होगी और विधायक की सहमति के बाद ही राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी.

आलाकमान पर छोड़ा फैसला

संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी महामंत्री अजय माकन ने भले ही कैबिनेट विस्तार या संभावित फेरबदल के साथ ही संगठन के विस्तार को लेकर कोई तारीख नहीं दी हो, लेकिन एक बात अजय माकन ने बिल्कुल साफ कर दी कि चाहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कैबिनेट विस्तार का मामला हो या फिर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के संगठन विस्तार का मामला, दोनों ही नेताओं ने इसके लिए कांग्रेस आलाकमान को अधिकृत कर दिया है.

इससे कांग्रेस विधायकों में एक मैसेज भी दे दिया गया है कि राजस्थान में अगर कोई विधायक किसी गुट विशेष का समझ कर काम कर रहा है तो वह गलतफहमी में है. क्योंकि कांग्रेस आलाकमान ही अंतिम निर्णय लेता है. न कि किसी गुट विशेष का नेता.

आरपीएससी विवाद में डोटासरा को क्लीन चिट

राजस्थान में बीते दिनों आरपीएससी में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के परिजनों के साक्षात्कार में आए नंबरों का विवाद छाया रहा. क्योंकि डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं ऐसे में बात दिल्ली तक भी पहुंची. लेकिन प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन ने इस मामले पर बोलते हुए कहा की गोविंद डोटासरा पर इसलिए आरोप लगाए जा रहे हैं क्योंकि डोटासरा आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम को लेकर अपनी बात रख रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस आलाकमान से आरपीएससी विवाद में क्लीन चिट मिल गई है. लेकिन आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के चलते कहा जा रहा है कि डोटासरा को मंत्री पद छोड़ना होगा.

जयपुर. राजस्थान में कैबिनेट विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां और संगठन का विस्तार 13 अगस्त तक हो जाएगा. आरपीएससी विवाद मामले में गोविंद डोटासरा को आलाकमान ने क्लीन चिट दे दी. अजय माकन बोले कि निंबाराम के खिलाफ आवाज उठाई तो भाजपा के नेता झूठा आरोप लगा रहे हैं.

राजस्थान में कैबिनेट विस्तार को अंतिम रूप देने के लिए जयपुर आए संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन वापस दिल्ली लौट गए. दोनों नेता अपने साथ क्या मैसेज लाए थे और वापस क्या मैसेज लेकर गए हैं, यह तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव अजय माकन को ही पता है. लेकिन एक बात बिल्कुल साफ है कि राजस्थान में कैबिनेट विस्तार और संभावित फेरबदल का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 13 अगस्त तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. 15 अगस्त को झंडारोहण करने नए मंत्री जिलों में दिखाई देंगे.

अजय माकन ने कहा- गुट की नहीं कांग्रेस की बात करें

विधायकों को नहीं मिलेगी राजनीतिक नियुक्तियां

पहले यह कहा जा रहा था कि जिन विधायकों का मंत्रिमंडल में नाम नहीं आ सकेगा, ऐसे सभी विधायकों को सरकार राजनीतिक नियुक्तियां देकर एडजस्ट करेगी. लेकिन रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और अजय माकन की बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि राजस्थान में जो विधायक मंत्री नहीं बन सके उन्हें संसदीय सचिव पद ही दिया जा सकेगा. राजनीतिक नियुक्तियों में किसी भी विधायक को स्थान नहीं मिलेगा.

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इसके पीछे कारण है कि अगर विधायकों को ही राजनीतिक नियुक्तियां दे दी गईं तो फिर वह कांग्रेस का कार्यकर्ता क्या करेगा जो मेहनत कर कांग्रेस की सरकार बनाने में योगदान देता है. हालांकि यह सही है कि जिन नेताओं को पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट दिया जाएगा उनके जिले और विधानसभा के विधायकों से भी उनके नाम पर चर्चा होगी और विधायक की सहमति के बाद ही राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएंगी.

आलाकमान पर छोड़ा फैसला

संगठन महामंत्री के.सी वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी महामंत्री अजय माकन ने भले ही कैबिनेट विस्तार या संभावित फेरबदल के साथ ही संगठन के विस्तार को लेकर कोई तारीख नहीं दी हो, लेकिन एक बात अजय माकन ने बिल्कुल साफ कर दी कि चाहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कैबिनेट विस्तार का मामला हो या फिर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के संगठन विस्तार का मामला, दोनों ही नेताओं ने इसके लिए कांग्रेस आलाकमान को अधिकृत कर दिया है.

इससे कांग्रेस विधायकों में एक मैसेज भी दे दिया गया है कि राजस्थान में अगर कोई विधायक किसी गुट विशेष का समझ कर काम कर रहा है तो वह गलतफहमी में है. क्योंकि कांग्रेस आलाकमान ही अंतिम निर्णय लेता है. न कि किसी गुट विशेष का नेता.

आरपीएससी विवाद में डोटासरा को क्लीन चिट

राजस्थान में बीते दिनों आरपीएससी में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के परिजनों के साक्षात्कार में आए नंबरों का विवाद छाया रहा. क्योंकि डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं ऐसे में बात दिल्ली तक भी पहुंची. लेकिन प्रदेश प्रभारी महासचिव अजय माकन ने इस मामले पर बोलते हुए कहा की गोविंद डोटासरा पर इसलिए आरोप लगाए जा रहे हैं क्योंकि डोटासरा आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम को लेकर अपनी बात रख रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस आलाकमान से आरपीएससी विवाद में क्लीन चिट मिल गई है. लेकिन आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के चलते कहा जा रहा है कि डोटासरा को मंत्री पद छोड़ना होगा.

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