जयपुर. कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के अधिकारियों के साथ संवाद कर विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की. वीसी में मंत्री कटारिया ने अधिकारियों से कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण और इनाफ टैग की गति बढ़ाकर शत प्रतिशत लक्ष्य अर्जित करने और सभी पशु चिकित्सा संस्थाओं पर समुचित चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए.
पशुपालन मंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारी विभागीय लक्ष्य के मुताबिक कार्य कर पशुपालकों को लाभान्वित करें. कम प्रगति वाले जिले कार्य की गति बढ़ाएं, अन्यथा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उन्होंने वर्षा जनित रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण और औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही प्रवासी पक्षियों में संभावित रोग और उसके प्रकोप के बचाव के लिए विस्तृत चर्चा कर ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने बरसात के दौरान विभागीय कार्यालयों और संस्थाओं में अधिकाधिक पौधे लगाने और उनकी देखरेख के निर्देश दिए.
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'कोई भी संस्था स्टाफ के अभाव में अक्रियाशील नहीं रहे'
मंत्री कटारिया ने शासन सचिव को निर्देशित किया है कि कोई भी संस्था स्टाफ के अभाव में अक्रियाशील नहीं रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई है, वहां सप्ताह में तीन दिन निकटतम संस्था के पशु चिकित्साकर्मी को लगाकर व्यवस्था कराएं. संस्था को खोलने का दिन निश्चित कर नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें.
तीन माह में सभी संस्थाओं को भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश
कृषि एवं पशुपालन मंत्री कटारिया ने भूमि विहीन संस्थाओं के लिए जिला कलेक्टर से समन्वय कर आगामी तीन महीने में भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए. इसके लिए संबंधित संयुक्त निदेशक स्वयं व्यक्तिगत जिम्मेदार होंगे. उन्होंने कहा कि सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर अक्रियाशील राजीव गांधी पाठशाला और अन्य खाली भवनों को पशु चिकित्सा संस्थाओं के लिए विभाग को हस्तांतरण के प्रयास करें. साथ ही मंत्री ने राज्य के विभागीय फार्माें की समीक्षा करते हुए खाली पड़ी जमीन के समुचित उपयोग के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए.
मोबाइल वैन का मासिक चार्ट बनाकर सेवा प्रदान करें
पशुपालन मंत्री ने गौशालाओं और डेयरियों में ब्रुसेलोसिस और अन्य जेनेटिक बीमारियों के सैंपल जांच के लिए मासिक लक्ष्य तय कर कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने संबंधित पशु चिकित्सक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय कर मोबाइल वैन का मासिक चार्ट बनाकर पशुपालकों को सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए.
उन्होंने नव नियुक्त पशुधन सहायकों को आवश्यक प्रशिक्षण देने और कृत्रिम गर्भाधान के लिए आवश्यक संसाधन सभी संस्थाओं में उपलब्ध करवाने को कहा. साथ ही अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन प्रकरण और संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा कर त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए.