जयपुर. संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, नेहा गिरी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं सिपेट के बीच एक समझौता हुआ है. जिसके तहत सिपेट जयपुर 90 जनजातीय विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग और सीएनसी लेंथ मशीन के तीन विभिन्न कार्यों के लिये 3 महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा. समझौता पत्र पर टीएडी की ओर से आुयक्त जितेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं सिपेट संस्था के निदेशक डॉ. सैय्यद अमानुल्ला ने हस्ताक्षर किये.
पढ़ें : लोकसभा में कांग्रेस पर जमकर बरसे निहालचंद मेघवाल, राहुल गांधी को भी घेरा...
गिरी ने बताया कि इस प्रशिक्षण पर टीएडी विभाग द्वारा 48 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे. उन्होंने बताया कि एमएसएमई टेक्नोलॉजी, भिवाड़ी और टीएडी के बीच एक और समझौता किया गया है. जिसमें 60 विद्यार्थियों को 5 महीनों के लिए सीएनसी मशीन का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिलाया जायेगा. इस पर टीएडी द्वारा 40 लाख रुपये व्यय किया जायेगा.
आयुक्त टीएडी जितेन्द्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि भारत सरकार के ये दोनों ही प्रशिक्षण संस्थान उत्कृष्ट श्रेणी के हैं व इनके निदेशकों के अनुसार प्रशिक्षण के पश्चात प्रशिक्षित विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत रोजगार मिलने की गारंटी रहती है. उपाध्याय ने बताया कि प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्रशिक्षण के लिये जनजातीय समुदाय का राजस्थान का मूल निवासी होना, 8वीं कक्षा उतीर्ण व आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए. सीएनसी प्रशिक्षण के लिये अभ्यर्थी जनजातीय समुदाय का, राजस्थान का मूल निवासी, आयु 18 से 35 वर्ष के बीच व 10वीं कक्षा उतीर्ण होना अनिवार्य है.