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महामारी में मनरेगा से मिली बड़ी राहत, अनलॉक के बाद अब तक 77 हजार लोगों को मिला रोजगार

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Pandemic) को लोगों के रोजगार पर भी असर देखने को मिला. कोरोना के कारण लाखों लोगों का रोजगार छिन गया. वहीं, राजस्थान में अब तक मनरेगा (MGNREGA) के तहत 77 हजार लोगों को रोजगार मिल चुका है.

Rajasthan News,  Employment under MGNREGA in Rajasthan
महामारी में मनरेगा से मिली बड़ी राहत
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Published : Jun 25, 2021, 3:04 AM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) के कारण बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना के कारण लाखों लोगों का रोजगार छिन चुका है. कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) आम जनता के लिए घातक सिद्ध हुई. इसमें पहले के मुकाबले काफी अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई, तो वहीं दूसरी ओर रोजगार पर भी इसका असर देखने को मिला.

पढ़ें- सीएम गहलोत का महत्वपूर्ण निर्णय, राजस्थान ग्रामीण ओलंपिक में शूटिंग बॉल और खो-खो भी शामिल

ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी, लेकिन वहां अब अनलॉक (Unlock in Rajasthan) के बाद मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना कारगर साबित हुई है. मनरेगा (MGNREGA) योजना में मिले रोजगार से लोगों को काफी हद तक सहारा मिला. गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से कोरोना को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown in Rajasthan) के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मनरेगा में अब तक 77 हजार लोगों को रोजगार मिल चुका है. पहले यह संख्या 30 हजार थी.

महामारी में मनरेगा से मिली बड़ी राहत

जयपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा पार्थ ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act ) की गतिविधियां पहले बंद कर दी गई थी, लेकिन बाद में सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत मनरेगा की गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू किया गया. पहले एक साइट पर 20 लोगों को रोजगार दिया जा रहा था और उसके बाद यह संख्या 50 तक कर दी गई थी.

गहलोत सरकार (Gehlot Government) के दिशा निर्देशों के तहत अब एक साइट पर अधिकतम रोजगार की सीमा को हटा दिया गया है. अब जयपुर जिले में मनरेगा के तहत रोजगार पाने वालों की संख्या बढ़कर 77 हजार हो चुकी है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे कोरोना (Corona) का असर कम हो रहा है और भविष्य में यह संख्या और बढ़ेगी. पूजा पार्थ ने बताया कि नरेगा के तहत तलाई खुदाई, कच्चे रास्तों को ठीक करना और ग्रेवल सड़क निर्माण जैसे काम करवाए जा रहे हैं.

पढ़ें- राजस्थान में अनलॉक- 3 की तैयारी, गहलोत कैबिनेट की बैठक कल, नई गाइडलाइन को मिलेगी मंजूरी

पूजा पार्थ ने बताया कि अनलॉक होने के बाद अब पूरा प्रयास किया जा रहा है कि मनरेगा में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जाए. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए साइट पर कोरोना प्रोटोकॉल का भी पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. जितनी बड़ी साइट होती है उसी के अनुसार लोगों को काम पर लगाया जाता है.

जयपुर. कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) के कारण बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना के कारण लाखों लोगों का रोजगार छिन चुका है. कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) आम जनता के लिए घातक सिद्ध हुई. इसमें पहले के मुकाबले काफी अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई, तो वहीं दूसरी ओर रोजगार पर भी इसका असर देखने को मिला.

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ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी, लेकिन वहां अब अनलॉक (Unlock in Rajasthan) के बाद मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना कारगर साबित हुई है. मनरेगा (MGNREGA) योजना में मिले रोजगार से लोगों को काफी हद तक सहारा मिला. गहलोत सरकार (Gehlot Government) की ओर से कोरोना को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown in Rajasthan) के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मनरेगा में अब तक 77 हजार लोगों को रोजगार मिल चुका है. पहले यह संख्या 30 हजार थी.

महामारी में मनरेगा से मिली बड़ी राहत

जयपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा पार्थ ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act ) की गतिविधियां पहले बंद कर दी गई थी, लेकिन बाद में सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत मनरेगा की गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू किया गया. पहले एक साइट पर 20 लोगों को रोजगार दिया जा रहा था और उसके बाद यह संख्या 50 तक कर दी गई थी.

गहलोत सरकार (Gehlot Government) के दिशा निर्देशों के तहत अब एक साइट पर अधिकतम रोजगार की सीमा को हटा दिया गया है. अब जयपुर जिले में मनरेगा के तहत रोजगार पाने वालों की संख्या बढ़कर 77 हजार हो चुकी है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे कोरोना (Corona) का असर कम हो रहा है और भविष्य में यह संख्या और बढ़ेगी. पूजा पार्थ ने बताया कि नरेगा के तहत तलाई खुदाई, कच्चे रास्तों को ठीक करना और ग्रेवल सड़क निर्माण जैसे काम करवाए जा रहे हैं.

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पूजा पार्थ ने बताया कि अनलॉक होने के बाद अब पूरा प्रयास किया जा रहा है कि मनरेगा में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जाए. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए साइट पर कोरोना प्रोटोकॉल का भी पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. जितनी बड़ी साइट होती है उसी के अनुसार लोगों को काम पर लगाया जाता है.

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